मंगलवार, 7 मई 2013

प्रदेशभर के पाक कैदी जयपुर-जोधपुर लाए

प्रदेशभर के पाक कैदी जयपुर-जोधपुर लाए

जयपुर। पाकिस्तान में सरबजीत की मौत के बाद गुस्साए जम्मू और तिहाड़ जेल के कैदियों ने पाकिस्तानी कैदियों से मारपीट की। राजस्थान की जेलों में ऎसे हालात नहीं बने इसलिए प्रदेश की जेलों में बंद पाकिस्तानी नागरिकों की भी सुरक्षा पहले से ज्यादा पुख्ता कर दी गई है। इस पूरे मामले की मॉनीटरिंग खुद डीजी जेल कर रहे हैं।

27 पाकिस्तानी कैदी कुछ आतंकी भी शामिल
जेल सूत्रों के अनुसार राजस्थान की सेंट्रल जेलों में इस समय 27 पाकिस्तानी कैदी बंद हैं। ये या तो बॉर्डर पार करने के दोषी हैं या अन्य मामलों में सजायाफ्ता हैं। इनमें तीन पाकिस्तानी आतंकी भी शामिल हैं। इन कैदियों को जयपुर,जोधपुर समेत बीकानेर,भरतपुर,गंगानगर और बीकानेर सेंट्रल जेल में पिछले कई सालों से आम कैदियों के साथ ही रखा गया था।

लेकिन बीते सोमवार को इन सभी पाकिस्तानी कैदियों को अन्य जेलों से जयपुर और जोधपुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। इन्हें दोनों सेंट्रल जेलों में एक साथ रखा गया है।

जोधपुर में 16,जयपुर में 9
राज्य की जेलों में बंद इन कैदियों में से 16 कैदियों को देश की दूसरी सबसे सुरक्षित मानी जानी वाली जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद किया गया है। जयपुर सेंट्रल जेल में नौ पाकिस्तानी कैदियों को रखा गया है। इन कैदियों की सुरक्षा के लिए जेल विभाग ने अलग से स्टाफ भी लगाया गया है। इन्हें आम कैदियों से नहीं मिलने दिया जा रहा है।

यही नहीं इनके खाने,नहाने और अन्य कामों के समय में भी बदलाव किया गया है। इन कैदियों को अब करीब एक महीने तक जयपुर और जोधपुर की सेंट्रल जेलों में रखने की योजना है। स्थिति के अनुसार इनको पुरानी जेलों में भेजा जाएगा।

हमारे पास उनके 250 उनके पास हमारे 500
सरकारी रिपोट्र्स के अनुसार इस समय देशभर की जेलों में पाकिस्तान के करीब 250 से भी ज्यादा कैदी बंद हैं। इन कैदियों में अधिकतर बॉर्डर पार करने के दोषी हैं। साथ ही दो दर्जन से ज्यादा कैदी आतंकी गतिविधियों में शामिल पाए गए हैं। वहीं पाकिस्तान में भारत के करीब पांच सौ नागरिक बंद हैं।

पाकिस्तान में हुई घटना के बाद राज्य में बंद पाकिस्तानी कैदियों को जयपुर और जोधपुर में लाकर विशेष सुरक्षा दी जा रही है। फिलहाल इनको अन्य कैदियों से अलग रखने की कोशिश है।
ओमेंद्र भारद्वाज,पुलिस महानिदेशक,राजस्थान कारागार विभाग

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें