नई दिल्ली. सेक्स भारत जैसे देश में कई लोगों के लिए बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है। लेकिन अब भारत जैसे देश में सेक्स एडिक्शन यानी लत की शक्ल लेता जा रहा है। 37 साल के सोहन दिल्ली की एक कंपनी में काम करते हैं। शादीशुदा मोहन एक बच्चे के पिता हैं और सामान्य जिंदगी जीते हैं। लेकिन उनके बारे में एक बात बेहद चौंकाने वाली है। वे अब तक 922 पुरुष-महिला के साथ सेक्स कर चुके हैं।
सोहन के मुताबिक, 'जब मैं स्कूल में था, तब से मैं सेक्स कर रहा हूं। तब मेरा झुकाव पोर्न की तरफ हो गया। तब एक दिन मेरे दोस्तों ने मेरे लिए एक लड़की का इंतजाम किया। जब तक मैं 35 साल का हुआ, मैं 6,500 महिलाओं के साथ चैट कर चुका था। मैं अपना मोबाइल नंबर ऑनलाइन छोड़ देता था। लेकिन जब मैं पुरुषों के साथ सेक्स करने लगा तो मानसिक तौर पर प्रताड़ित महसूस करने लगा और तब मैं यह सब छोड़ना चाहता था।'
धीरे-धीरे आधुनिकता का लबादा ओढ़ते जा रहे भारत जैसे मुक्त, मोबाइल और अच्छी तरह से कनेक्टेड देश में तमाम युवा सेक्स एडिक्शन के शिकार हैं। नौकरशाह, नेता, फिल्म स्टार, डॉक्टर और छात्र-छात्राएं सेक्स एडिक्शन की चपेट में हैं। लेकिन इस देश में बहुत कम ऐसे क्लीनिक हैं, जहां सेक्स के आदी लोगों के इलाज की व्यवस्था है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान के प्रोफेसर स्टीवन पिंकर के मुताबिक, सामान्य तौर पर पुरुष महिलाओं को आकर्षित करने की कोशिश करते हैं। लेकिन बेकाबू माहौल में जब पुरुष अनियंत्रित होते हैं तो इसका नतीजा यौन शोषण और बलात्कार के तौर पर सामने आती है। सेक्स के आदी पुरुष समाज खासकर महिलाओं के लिए बड़ा खतरा बनकर उभरे हैं। इस बात का अंदाजा देश की राजधानी दिल्ली में महिलाओं से बलात्कार के मामलों में सिर्फ वर्ष 2012 में 24 फीसदी की बढ़ोतरी से लगाया जा सकता है।
जानकार अब इस बात पर सहमत हो रहे हैं 'पैराफीलिया' यानी 'प्रेम से परे' की भावना भारत में कई लोगों के मन में भर गई है। मुंबई के सेक्सुअल मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ. रंजन भोंसले के मुताबिक, 'पिछले दशक में सेक्स एडिक्शन के मामले दोगुने हो गए हैं।' वहीं, सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. प्रकाश कोठारी का कहना है कि उन्हें पहले एक महीने में सेक्स एडिक्शन के 1-3 मरीज मिलते थे, लेकिन अब यह तादाद 10-12 हो गई है।
भारत की तुलना में ज़्यादा खुला समझने जाने वाले पश्चिमी देश अमेरिका में सेक्स एडिक्शन के मामले कई गुना ज्यादा हैं। सोसाइटी फॉर द अडवांसमेंट ऑफ सेक्सुअल हेल्थ के मुताबिक सेक्स में एक्टिव आबादी का करीब 3-5 फीसदी हिस्सा सेक्स एडिक्शन का शिकार है। लेकिन डॉ. रंजन भोंसले के मुताबिक, भारत में ढोंग है। सेक्स एडिक्शन की वास्तविक संख्या ज़्यादा होगी। ईरान जैसे बेहद परंपरावादी देश में सेक्स के आदी 1,572 लोग हैं जो सेक्साहॉलिक्स एनॉनिमस ग्रुप के सदस्य हैं। वहीं, भारत में इस ग्रुप में सदस्यों की तादाद महज 2 है। सेक्स एडिक्ट्स एनॉनिमस दिल्ली में 28 जनवरी को अपनी पहली बैठक करने जा रहा है। बेंगलुरु के रहने वाले 55 साल के राजीव 11 साल की उम्र से पॉर्नोग्राफी की चपेट में हैं। राजीव दिल्ली में सेक्स एडिक्ट्स की पहली मीटिंग में हिस्सा लेने की तैयारी कर रहे हैं। पेशे से इंजीनियर राजीव के मुताबिक, 'मैं छह महीनों में 20 किलो पॉर्न मैगजीन और सीडी खरीदकर उनको देखता था और फिर उन्हें कूड़े में फेंक देता और नई पत्रिकाएं और सीडी खरीदता था। मेरा पत्नी के साथ कोई रिश्ता नहीं था। चार सालों तक मैं वेश्याओं की सेवाएं लेता था और उन पर 10 लाख रुपये लुटाए थे। मेरा इलाज विदेश में एक रिहैबिलिटेशन सेंटर में हुआ। लेकिन हममें से हर कोई इलाज के लिए विदेश नहीं जा सकता है। हमें ऐसी जगहों की जरूरत भारत में है।'
सोहन के मुताबिक, 'जब मैं स्कूल में था, तब से मैं सेक्स कर रहा हूं। तब मेरा झुकाव पोर्न की तरफ हो गया। तब एक दिन मेरे दोस्तों ने मेरे लिए एक लड़की का इंतजाम किया। जब तक मैं 35 साल का हुआ, मैं 6,500 महिलाओं के साथ चैट कर चुका था। मैं अपना मोबाइल नंबर ऑनलाइन छोड़ देता था। लेकिन जब मैं पुरुषों के साथ सेक्स करने लगा तो मानसिक तौर पर प्रताड़ित महसूस करने लगा और तब मैं यह सब छोड़ना चाहता था।'
धीरे-धीरे आधुनिकता का लबादा ओढ़ते जा रहे भारत जैसे मुक्त, मोबाइल और अच्छी तरह से कनेक्टेड देश में तमाम युवा सेक्स एडिक्शन के शिकार हैं। नौकरशाह, नेता, फिल्म स्टार, डॉक्टर और छात्र-छात्राएं सेक्स एडिक्शन की चपेट में हैं। लेकिन इस देश में बहुत कम ऐसे क्लीनिक हैं, जहां सेक्स के आदी लोगों के इलाज की व्यवस्था है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान के प्रोफेसर स्टीवन पिंकर के मुताबिक, सामान्य तौर पर पुरुष महिलाओं को आकर्षित करने की कोशिश करते हैं। लेकिन बेकाबू माहौल में जब पुरुष अनियंत्रित होते हैं तो इसका नतीजा यौन शोषण और बलात्कार के तौर पर सामने आती है। सेक्स के आदी पुरुष समाज खासकर महिलाओं के लिए बड़ा खतरा बनकर उभरे हैं। इस बात का अंदाजा देश की राजधानी दिल्ली में महिलाओं से बलात्कार के मामलों में सिर्फ वर्ष 2012 में 24 फीसदी की बढ़ोतरी से लगाया जा सकता है।
भारत की तुलना में ज़्यादा खुला समझने जाने वाले पश्चिमी देश अमेरिका में सेक्स एडिक्शन के मामले कई गुना ज्यादा हैं। सोसाइटी फॉर द अडवांसमेंट ऑफ सेक्सुअल हेल्थ के मुताबिक सेक्स में एक्टिव आबादी का करीब 3-5 फीसदी हिस्सा सेक्स एडिक्शन का शिकार है। लेकिन डॉ. रंजन भोंसले के मुताबिक, भारत में ढोंग है। सेक्स एडिक्शन की वास्तविक संख्या ज़्यादा होगी। ईरान जैसे बेहद परंपरावादी देश में सेक्स के आदी 1,572 लोग हैं जो सेक्साहॉलिक्स एनॉनिमस ग्रुप के सदस्य हैं। वहीं, भारत में इस ग्रुप में सदस्यों की तादाद महज 2 है। सेक्स एडिक्ट्स एनॉनिमस दिल्ली में 28 जनवरी को अपनी पहली बैठक करने जा रहा है। बेंगलुरु के रहने वाले 55 साल के राजीव 11 साल की उम्र से पॉर्नोग्राफी की चपेट में हैं। राजीव दिल्ली में सेक्स एडिक्ट्स की पहली मीटिंग में हिस्सा लेने की तैयारी कर रहे हैं। पेशे से इंजीनियर राजीव के मुताबिक, 'मैं छह महीनों में 20 किलो पॉर्न मैगजीन और सीडी खरीदकर उनको देखता था और फिर उन्हें कूड़े में फेंक देता और नई पत्रिकाएं और सीडी खरीदता था। मेरा पत्नी के साथ कोई रिश्ता नहीं था। चार सालों तक मैं वेश्याओं की सेवाएं लेता था और उन पर 10 लाख रुपये लुटाए थे। मेरा इलाज विदेश में एक रिहैबिलिटेशन सेंटर में हुआ। लेकिन हममें से हर कोई इलाज के लिए विदेश नहीं जा सकता है। हमें ऐसी जगहों की जरूरत भारत में है।'
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