सजा मल्लीनाथ मंदिर, 23 को होगी प्रतिष्ठा 'दूसरों का हित सोचने वाले की मदद करते हैं भगवान' आलावा गांव की पहाड़ी पर स्थित मल्लीनाथ मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर मंदिर एवं गांव के प्रमुख मार्गों पर तोरण द्वार व रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया, महोत्सव की तैयारियां जोरों पर करड़ा संत राजेंद्रानंद महाराज ने कहा कि वाणी पर नियंत्रण रखने वाला व्यक्ति अपने जीवन मेंं कभी पीछे नहीं रहता है। संत ने कहा कि जो व्यक्ति दूसरों के हित के बारे में सोचता है उनकी भगवान हमेशा मदद करते हैं। महाराज रविवार को कोटड़ा गांव मे जंभेश्वर मंदिर में सात दिवसीय जांभाणी हरिकथा व ज्ञान यज्ञ के शुभारंभ के अवसर पर प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मनुष्य को दान अवश्य करना चाहिए। दान हमेशा सुपात्र को ही देना चाहिए। दान करने से जीवन सफल होता है साथ ही धन का सदुपयोग होता है। महाराज ने कहा कि मनुष्य को हमेशा परोपकार के कार्य करने चाहिए, जिससे उनका जीवन सफल हो जाता है।कथा के बीच बीच में भगवान जंभेश्वर के जयकारों से माहौल गूंजायमान हो गया। कथा श्रवण करने के लिए कोटड़ा समेत आस पास के गांवों के लोग पहुंच रहे हैं। कथा का वाचन प्रतिदिन दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक होता है, कथा का समापन 26 मई को होगा। आहोर आलावा बी गांव की पहाड़ी पर स्थित नवनिर्मित मल्लीनाथ मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर मल्लीनाथ मंदिर विकास कमेटी के तत्वावधान में दो दिवसीय कार्यक्रम 22 मई से साधु-संतों के सानिध्य में आयोजित होंगे। प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारियां जारों पर पर चल रही है। महोत्सव को लेकर मंदिर परिसर को आकर्षक रोशनी से सजाया गया है। महोत्सव के तहत 22 मई को सुबह गणपति पूजन के पश्चात गांव के प्रमुख मार्गों से जलयात्रा व शोभा यात्रा निकाली जाएगी। शोभा यात्रा में रथ, हाथी, घोड़े शामिल होंगे। इसी दिन मंदिर परिसर में लघु रुद्र हवन का आयोजन होगा, बुधवार की रात को भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा, जिसमें दिल्ली की प्रसिद्ध मनोज रिया एंड पार्टी एवं सामतीपुरा के वालाराम एंड पार्टी के कलाकारों द्वारा एक से बढ़ एक भजनों की प्रस्तुति दी जाएगी। 23 मई को मल्लीनाथ मंदिर में कलश स्थापना, दिशादेव स्थापना, शिव परिवार स्थापना एवं शिखर कलश व ध्वजा के साथ प्राण प्रतिष्ठा के साथ पूर्णाहुति एवं दोपहर में महाप्रसादी का आयोजन होगा। भजन संध्या कार्यक्रम को लेकर मंदिर परिसर में विशाल पांडाल भी तैयार किया जा रहा है। इनके बोले गए चढ़ावे मल्लीनाथ मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर मंदिर शिखर पर शिखर कलश स्थापना, ध्वजा दंड, शिखर ध्वजा, तोरण वंदन, लघु रुद्र हवन, गणपति स्थापना, मां चंद्रावती के मंदिर शिखर पर कलश, रूपादेवी मंदिर शिखर पर कलश, पार्वती की मूर्ति स्थापना, शिवलिंग स्थापना, कार्तिक स्वामी की मूर्ति स्थापना, रामदेव घोड़ा स्थापना, कुबेरदेव की मूर्ति स्थापना, धर्मराज मूर्ति स्थापना, वरूणदेव मूर्ति स्थापना, मंदिर शिखर पर घोड़ा स्थापना, मल्लीनाथ के केसर, जाजम बिछाने, महाआरती, बाल भोग, देवी देवताओं के पूजा व हार, प्रतिष्ठा में गुलाल वर्षा, तोप धमाके एवं जीव दया न्यौछावर, फले चूंदड़ी के कई चढ़ावों में लाभार्थियों ने भाग लेकर बोलियां लगाई। इन संतों का रहेगा सानिध्य मल्लीनाथ मंदिर में 23 मई को आयोजित होने वाले महोत्सव में लेटा व भैसवाड़ा महंत रणछोड़ भारती महाराज, जालोर स्थित भैरुनाथ अखाड़ा सिरे मंदिर महंत पीर गंगानाथ महाराज, थांवला महंत विष्णुभारती महाराज, गढ़ सिवाणा महंत अभयराम महाराज, जागनाथ महंत गंगाभारती महाराज, धुणिया महंत रघुनाथपुरी महाराज, सुरेश्वर मठ महंत पर्बतगिरी महाराज, कंवला हेमशाही महंत हरिपुरी महाराज, जाणा महंत लेहरगिरी महाराज सहित क्षेत्र सहित आसपास के साधु-संतों के सानिध्य में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। |
सोमवार, 20 मई 2013
आहोर. सजा मल्लीनाथ मंदिर, 23 को होगी प्रतिष्ठा
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