सोमवार, 22 अप्रैल 2013

राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूचित में सम्मिलित करवाने के लिए


राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूचित में सम्मिलित करवाने के लिए 

बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल का एक ओर प्रयास, प्रधान मंत्री को लिखा पत्र

नई दिल्ली। 22 अप्रैल 2013। राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूचित में सम्मिलित किये जाने की मांग करते हुये बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल ने प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को पत्र लिखा है। सांसद मेघवाल ने अपने पत्र मे कहा है कि राजस्थानी भाषा को मान्यता की मांग कई वर्षो से की सदन मे तथा सदन के बाहर की जा रही है। अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति सहित राजस्थान के कई संगठनो द्वारा यह मांग जोर पकड़ रही है।  कई बार लोक सभा मे संासदो द्वारा इस विषय को उठाया गया है जिनके जवाब मे सरकार द्वारा प्रश्नो के जवाब व विभिन्न चर्चाओ का जवाब देते हुये  सरकार द्वारा राजस्थानी व भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूचि मे सम्मिलित करने से संबंधित कई आश्वासन दिये गये है, लेकिन किसी भी आवश्वासन को सरकार ने अभी तक पूरा नहीं किया है। 
  सांसद अर्जुन राम मेघवाल ने प्रधान मंत्री से अनुरोध किया कि चूंकि 25 अगस्त 2003 को राजस्थान विधानसभा की ओर से सर्व सम्मति से पारित संकल्प केन्द्र सरकार को भेजा हुआ है। इसलिए आप गृह मंत्रालय को इस बजट सत्र मे राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची मे सम्मिलित करवाने का विधेयक लाने व पारित करवाने हेतू निर्देशित करावें। 

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