बुधवार, 3 अप्रैल 2013
राष्ट्रपति ने जारी की आचार्य लोकेश लिखित पुस्तक की पहली प्रति
नागौर
राष्ट्रपति डॉ. प्रणव मुखर्जी ने महिला अपराध एवं कन्या भ्रूण हत्या की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसकी रोकथाम के लिए धर्म गुरुओं और सामाजिक संगठनों को आगे आना होगा। प्रवण मुखर्जी मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक और बाड़मेर के प्रसिद्ध संत आचार्य डॉ. लोकेश मुनि द्वारा कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ 'द अरबन क्रश' तथा 'टेरेरिज्म दी ग्लोबल चैलेंज' पुस्तक के नवीन संस्करण की प्रथम प्रति जारी कर रहे थे। इस अवसर पर केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल भी मौजूद थे। राष्ट्रपति ने कहा कि महिला अपराध तथा कन्या भ्रूण हत्याओं को केवल कानून से नहीं रोका जा सकता। इसके लिए लोगों की मानसिकता बदलनी होगी। कन्या भ्रूण हत्या की घटनाओं से समाज में हिंसा, अराजकता तथा नैतिक मूल्यों का संकट बढ़ेगा। उन्होंने आचार्य लोकेश द्वारा समाजोपयोगी विषय पर लिखी दोनों पुस्तकों की सराहना की। यह किसी एक जाति वर्ग या संप्रदाय की चिंता का विषय नहीं बल्कि समूचे समाज की चिंता का विषय है। इसमें बदलाव के लिए समूचे समाज को प्रयास करना होगा।
अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य डा. लोकेश मुनि ने कहा कि कन्या भू्रण हत्या की घटनाएं अशिक्षित से ज्यादा शिक्षित और साधन संपन्न वर्ग में हो रही हैं। यह और अधिक चिंता का विषय है। संवाद के जरिए व्यक्ति, समाज व राष्ट्र के बीच टकराव की घटनाओं को रोकने के लिए सरकारी स्तर पर अहिंसा प्रशिक्षण के कार्यक्रम संचालित किए जाने चाहिए। केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति अहिंसा, करुणा एवं सह अस्तित्व के मूल्यों को विकसित करने वाली रही है। ऐसे देश में कन्या भ्रूण हत्या तथा हिंसा और आतंक की घटनाओं का पनपना आश्चर्य का विषय है।
नई दिल्ली में राष्ट्रपति को पुस्तक भेंट करते मुनि।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें