आकाशीय बिजली गिरने से तीन ढाणियां राख
चौहटन। उन्हें नहीं पता था कि वे जिस रात हंसी खुशी ईश आराधना करने जा रहे है, वही रात उन पर कहर बनकर टूटेगी। शुक्रवार रात बिजली गिरने से बीजराड़ के ब्राह्मणों की ढाणी गांव में एक परिवार का सब कुछ स्वाहा कर दिया। शुक्रवार रात करीब साढ़े नौ बजे आकाश से बिजली कड़की और बीजराड़ क्षेत्र के ब्राह्मणों की ढाणी में हनुमानराम पुत्र हंजारीराम के घर की रसोई पर जा गिरी।
रस्सी की जगह पतली तार से बुने झौंपे में करंट इतना तेजी से फैला कि एक ही क्षण वह झौंपा आग से भभक गया। तेज हवा ने इस आग में घी का काम किया कि एक ही परिसर बने छह झौंपे जलकर नष्ट हो गए। वहीं बना पक्का मकान भी टूट गया। दो कमरों व उसके बरामदे पर लगी सभी पटि्टयां टूटकर गिर गई। इन छह झौंपो में देवाराम पुत्र हनुमानराम, जुगल किशोर पुत्र हनुमानराम का भी अलग घर था। तीनों परिवार खुले आकाश के नीचे आ गए।
यह हुआ नुकसान
दो कमरों व बरामदे का मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। वहीं छह झौंपे, डेढ़ लाख रूपए नकद, नौ बोरी गवार, तीस बोरी बाजरा, बीस तोला सोना, करीब तीन किलो चांदी, एक मोटरसाइकिल, 200 चारपाइयां व बिस्तर, 45 किलो कांसी के बर्तनों सहित घर का संपूर्ण सामान जलकर राख हो गया।
ये झुलसे
आकाशीय बिजली गिरने से पसरे करंट से इस परिवार के सात सदस्य झुलस गए। अंबादेवी पत्नी हनुमानराम, कमला पत्नी मोहनलाल, जुगल किशोर , भरत पुत्र देवाराम, गीता पत्नी भेराराम, मीना पुत्री सुरजाराम, विमला पुत्री हनुमानराम करंट से झुलस गए।
पुलिस-एम्बुलेंस पहुंची
सूचना मिलते ही बीजराड़ थानाधिकारी मूलाराम चौधरी एम्बुलेंस लेकर मौके पर पहुंचे। घायलों को तत्काल चौहटन अस्पताल लाया गया। तहसीलदार शंकराराम गर्ग शनिवार दोपहर में मौका मुआयना करने पहुंचे।
नहीं पिघला दिल
सात आठ घायलों को लेकर जब एम्बुलेंस चौहटन पहुंची तो वहां कोई चिकित्सक कॉल पर नहीं आया। घायलों को लेकर एक चिकित्सक के आवास पहुंचे तो वहां उन्होंने पहले एक हजार रूपए मांगे, बाद में इलाज करने की शर्त लगा दी। इस परिवारों के साथ आए एक जने ने पांच सौ रूपए थमाएं तब उनका इलाज शुरू हो सका।
जागरण का होना था आयोजन
रामनवमी के कारण हनुमानाराम के घर पर रात्रि जागरण का आयोजन होना था। बहन बेटियां और मेहमान भी घर पर बुलाए हुए थे। 150 चारपाइयां एवं 150 बिस्तर भी टैंट से किराए पर लाए गए थे।
पीडितों को आर्थिक सहायता
पूर्व विधायक रावलोत ने शनिवार को ब्राह्मणों की ढाणी में पीडित परिवार से मिलकर उन्हें सात्वंना दी। उन्होंने सभी सहयोगियों को प्रेरित कर इन परिवारों को बीस हजार रूपए की आर्थिक सहायता पहुंचाई।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें