महिलाओं ने दान किया 62 यूनिट दूध
उदयपुर/जयपुर। राजस्थान के पहले मदर मिल्क बैंक की स्थापना के साथ ही जरूरतमंद बच्चों के लिए दूध दान करने में महिलाओं ने भी उत्साहपूर्ण रूझान दिखाया है। बैंक की स्थापना के पहले ही सप्ताह महिलाओं 62 यूनिट दूध दान किया है। अपनी तरह से इस अनूठे बैंक से सोमवार को दूध की पहली यूनिट 10 दिन से अस्पताल में भर्ती एक बच्ची के लिए जारी की गई।
उल्लेखनीय है कि उदयपुर के पन्ना धाय जनाना चिकित्सालय परिसर में संचालित इस मदर मिल्क बैंक की शुरूआत 14 अप्रेल को की गई थी। इसके बाद सात दिन में ही महिलाओं ने इसमें खासा रूझान दिखाया और 62 यूनिट दूध दान किया गया। बैंक के डॉ.आर.के.अग्रवाल ने बताया कि जरूरतमंद अनजाने बच्चों के लिए महिलाएं खुद आगे आई और जरूरतमंद बच्चों के लिए दूध उपलब्ध कराया।
बता दें कि दिव्य मिल्क बैंक से जरूरतमंद बच्चों को डॉक्टरी सलाह पर मां का दूध नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। बैंक में रोजाना 60 महिलाएं दूध दान कर सकती है। बैंक की क्षमता 6 लीटर प्रतिदिन तक है। अल्पपोषण के शिकार नवजात बच्चों के लिए यह बैंक आशा की नई किरण साबित होगी। मदर मिल्क की समन्यवक अर्चना शक्तावत ने बताया कि बैंक का सपना आने वाले समय में सभी जरूरत मंद शिशुओं को दूध उपलब्ध कराने का है जो माताओं के सहयोग के बिना संभव नहीं। प्रीटर्म बेब्ाीज(समय से पूर्व पैदा) को शुरूआती 2-3 दिन मां का दूध नहीं मिल पाता,ऎसे में बैंक से दूध की उपलब्धता उनके लिए जीवन रक्षक साबित होगी।
25 दिन की "भूरी" रोज 4 यूनिट
मदर मिल्क बैंक से दूध की पहली यूनिट पच्चीस दिन की बेबी भूरी के लिए जारी की गई है। 28 दिन की बेबी भूरी डॉ. देवेन्द्र सरीन की देखरेख में भर्ती है और सेपटिसीमिया से पीडित है। डॉ.सरीन के अनुसार मात्र डेढ़ किलो वजनी बच्ची को दिन में चार यूनिट दूध की जरूरत है। शिशु की माता भूरी बाई और पिता दिनेश इस मौके पर खूब खुश नजर आए और बच्ची के जल्दी ठीक होने की उम्मीद जताई। डॉ.सरीन के अनुसार मां का दूध मिलने से बेबी की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और संक्रमण से जल्द निजात मिल सकेगी।
देश में चौथा मदर मिल्क बैंक
एक गैर सरकारी संगठन "मां भगवती विकास संस्थान" के संस्थापक और राजस्थान में इस अनूठी पहल में भागीदार डॉक्टर देवेन्द्र अग्रवाल के अनुसार "दिव्य मिल्क बैंक" ह्यूमन मिल्क बैंकिंग एसोसिएशन ऑफ अमरीका के साथ जुड़कर इस दिशा में कदम आगे बढ़ाएगी। उन्होंने बताया कि पुणे,मुंबई और सूरत के बाद उदयपुर के पन्ना धाय हॉस्पिटल में यह चौथा मदर मिल्क बैंक स्थापित हुआ है।
42 फीसदी बच्चे अल्पपोषण के शिकार
राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक ताजा सर्वे के मुताबिक प्रदेश में जन्मे बच्चों में से 42 फीसदी बच्चें अल्पपोषण के दायरे में आते हैं,जिन्हे मां के दूध की जरूरत होती है। ऎसे में स्तनपान और डोनेटेड मां के दूध से 22 फीसदी की शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है।
उदयपुर/जयपुर। राजस्थान के पहले मदर मिल्क बैंक की स्थापना के साथ ही जरूरतमंद बच्चों के लिए दूध दान करने में महिलाओं ने भी उत्साहपूर्ण रूझान दिखाया है। बैंक की स्थापना के पहले ही सप्ताह महिलाओं 62 यूनिट दूध दान किया है। अपनी तरह से इस अनूठे बैंक से सोमवार को दूध की पहली यूनिट 10 दिन से अस्पताल में भर्ती एक बच्ची के लिए जारी की गई।
उल्लेखनीय है कि उदयपुर के पन्ना धाय जनाना चिकित्सालय परिसर में संचालित इस मदर मिल्क बैंक की शुरूआत 14 अप्रेल को की गई थी। इसके बाद सात दिन में ही महिलाओं ने इसमें खासा रूझान दिखाया और 62 यूनिट दूध दान किया गया। बैंक के डॉ.आर.के.अग्रवाल ने बताया कि जरूरतमंद अनजाने बच्चों के लिए महिलाएं खुद आगे आई और जरूरतमंद बच्चों के लिए दूध उपलब्ध कराया।
बता दें कि दिव्य मिल्क बैंक से जरूरतमंद बच्चों को डॉक्टरी सलाह पर मां का दूध नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। बैंक में रोजाना 60 महिलाएं दूध दान कर सकती है। बैंक की क्षमता 6 लीटर प्रतिदिन तक है। अल्पपोषण के शिकार नवजात बच्चों के लिए यह बैंक आशा की नई किरण साबित होगी। मदर मिल्क की समन्यवक अर्चना शक्तावत ने बताया कि बैंक का सपना आने वाले समय में सभी जरूरत मंद शिशुओं को दूध उपलब्ध कराने का है जो माताओं के सहयोग के बिना संभव नहीं। प्रीटर्म बेब्ाीज(समय से पूर्व पैदा) को शुरूआती 2-3 दिन मां का दूध नहीं मिल पाता,ऎसे में बैंक से दूध की उपलब्धता उनके लिए जीवन रक्षक साबित होगी।
25 दिन की "भूरी" रोज 4 यूनिट
मदर मिल्क बैंक से दूध की पहली यूनिट पच्चीस दिन की बेबी भूरी के लिए जारी की गई है। 28 दिन की बेबी भूरी डॉ. देवेन्द्र सरीन की देखरेख में भर्ती है और सेपटिसीमिया से पीडित है। डॉ.सरीन के अनुसार मात्र डेढ़ किलो वजनी बच्ची को दिन में चार यूनिट दूध की जरूरत है। शिशु की माता भूरी बाई और पिता दिनेश इस मौके पर खूब खुश नजर आए और बच्ची के जल्दी ठीक होने की उम्मीद जताई। डॉ.सरीन के अनुसार मां का दूध मिलने से बेबी की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और संक्रमण से जल्द निजात मिल सकेगी।
देश में चौथा मदर मिल्क बैंक
एक गैर सरकारी संगठन "मां भगवती विकास संस्थान" के संस्थापक और राजस्थान में इस अनूठी पहल में भागीदार डॉक्टर देवेन्द्र अग्रवाल के अनुसार "दिव्य मिल्क बैंक" ह्यूमन मिल्क बैंकिंग एसोसिएशन ऑफ अमरीका के साथ जुड़कर इस दिशा में कदम आगे बढ़ाएगी। उन्होंने बताया कि पुणे,मुंबई और सूरत के बाद उदयपुर के पन्ना धाय हॉस्पिटल में यह चौथा मदर मिल्क बैंक स्थापित हुआ है।
42 फीसदी बच्चे अल्पपोषण के शिकार
राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक ताजा सर्वे के मुताबिक प्रदेश में जन्मे बच्चों में से 42 फीसदी बच्चें अल्पपोषण के दायरे में आते हैं,जिन्हे मां के दूध की जरूरत होती है। ऎसे में स्तनपान और डोनेटेड मां के दूध से 22 फीसदी की शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है।
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