जोधपुर.राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं गणित की परीक्षा के दौरान 18 मार्च को राजकीय माध्यमिक विद्यालय, झालामंड में विशेष उड़नदस्ते द्वारा आपत्तिजनक तरीके से जांच करने के मामले में पीड़ित छात्रा ने बुधवार को जांच अधिकारी एसडीएम नेहा गिरी के समक्ष बयान दिए।
बयान देते समय पहले तो छात्रा रो पड़ी और कुछ नहीं बोल पाई। इस पर एसडीएम ने उसे ढाढ़स बंधाया, तो उसने पूरा घटनाक्रम बता दिया। गौरतलब है कि परीक्षा केंद्र स्टाफ की आपत्ति के बावजूद उड़नदस्ते की सदस्याओं ने छात्रा की पहले परीक्षा कक्ष में छात्रों के सामने ही आपत्तिजनक तरीके से जांच की। बाद में उसे अन्य कक्ष में ले जाया गया और सारे कपड़े खुलवा कर जांच की गई। हालांकि उसके पास कुछ भी नहीं मिला।
नहीं आईं उड़नदस्ते की सदस्याएं
छात्रा के साथ आपत्तिजनक तरीके से जांच करने वालीं बोर्ड के विशेष उड़नदस्ते की तीनों सदस्य राबाउमावि सूरसागर की प्रिंसिपल कमलजीत कौर, रामावि विद्याशाला की प्रधानाध्यापिका मंजू कल्ला व राबाउमावि बोरुंदा की शारीरिक शिक्षक सरोज घटना के दो दिन बाद भी जांच के लिए एसडीएम के सामने पेश नहीं हुई हैं। यह उड़नदस्ता घटना के दिन ही बाड़मेर के परीक्षा केंद्रों की जांच करने चला गया था।
विभाग ने शुरू नहीं करवाई जांच
इस मामले में शिक्षा विभाग ने अभी तक जांच कमेटी गठित नहीं की है। इस बारे में उपनिदेशक (माध्यमिक शिक्षा) बद्रीनारायण दायमा का कहना है कि वे कमेटी का गठन शीघ्र ही करेंगे। दूसरी ओर कलेक्टर गौरव गोयल ने एसडीएम को जांच के आदेश देकर चौबीस घंटे में रिपोर्ट देने को कहा था।
नहीं थम रहा आक्रोश
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के महानगर मंत्री महेंद्र सिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने इस घटना को लेकर बुधवार को एडीएम भागचंद बधाल को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में फ्लाइंग की सदस्याओं को निलंबित करने और जांच महिला आयोग से करवाने की मांग की गई। राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के जिलाध्यक्ष जयकिशन पंचारिया के नेतृत्व में शिक्षकों ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की। छात्र-अभिभावक संघ के अध्यक्ष संजय पीप्पल ने भी घटना की निंदा करते हुए उचित कार्यवाही की मांग की है।
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