पाक गए परिवार को मृत बता हड़पी जमीन!
बाड़मेर। अजा आज भी जिंदा है और पाकिस्तान में अपने भरे-पूरे परिवार के साथ रह रहा है, लेकिन भारत में उसके अपने पैतृक गांव में राजस्व रिकॉर्ड में उसे वर्षाें पहले ही मृत घोषित कर दिया गया। उसके हिस्से की 594 बीघा जमीन भारत में निवास कर रहे परिजन ने अपने नाम करवा दी। राजस्व नियमों के मुताबिक यह जमीन सरकार के खाते में दर्ज होनी चाहिए थी।
गडरारोड क्षेत्र के ओनाड़ा गांव निवासी अजा पुत्र साधु भील वर्ष 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान भारत में स्थित अपनी सम्पत्ति का परित्याग कर परिवार सहित पाकिस्तान चला गया। यह परिवार फिलहाल पाकिस्तान के हैदाराबाद जिले की सुलतानबाद पोस्ट के नवाजाबाद गांव में निवास कर रहा हैं। इस परिवार के पाकिस्तान जाने के बाद इसके हिस्से की 594 बीघा जमीन सरकार के खाते में दर्ज हो जानी चाहिए थी, जो नहीं हो पाई। तत्कालीन राजस्व कर्मियों ने अजा पुत्र साधु को लाऔलाद फौत (बिना संतान मृत) बताकर यह जमीन अजा के भाई भूगड़ाराम के नाम दर्ज कर दी।
अजा का पुत्र आया
जिस अजा पुत्र साधु की बिना किसी संतान के भारत में ही मृत्यु होनी बताई गई, वह अजा आज भी पाकिस्तान में जीवित बैठा है। अजा नि:संतान भी नहीं है। इसकी पुष्टि अजा के पुत्र मोहन के भारत आगमन से हुई है। मोहन पासपोर्ट संख्या ए बी ओ-10-7901 के जरिए पाकिस्तान से भारत आया है और इन दिनों यहीं पर है। ऎसे में वर्षाेे पहले अजा को नि:संतान मृत बताने की साजिश की पोल खुल गई।
जमीन के लिए
हुआ खेल
दरअसल अजा को भारत में ही नि:संतान मृत बताने का खेल जमीन हड़पने के मकसद से हुआ। नियम यह है कि यदि कोई व्यक्ति परिवार सहित अविधिक रूप से पाकिस्तान अथवा किसी अन्य देश चला जाता है तो उसकी सम्पत्ति सरकार के नियंत्रण में चली जाती है। अजा की 594 बीघा जमीन को राजखाते में जाने से बचाने के लिए उसे मरा हुआ बता दिया गया और उसके परिवार सहित पाकिस्तान जाकर बस जाने की सूचना छिपा दी गई।
देखकर ही बता सकता हूं
इस तरह का यदि कोई मामला है तो देखना पड़ेगा। तथ्य देखकर ही कुछ बता सकता हूं।
-अरूण पुरोहित, अतिरिक्त जिला कलक्टर, बाड़मेर
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