मंगलवार, 5 मार्च 2013
फिलहाल कुंवारे ही रहेंगे राहुल गांधी
फिलहाल कुंवारे ही रहेंगे राहुल गांधी
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने संकेत दिया है कि उनकी तत्काल विवाह की कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा, ‘अगर मेरा विवाह हुआ और बच्चे हुए तब मैं यथास्थितिवादी हो जाउंगा और चाहूंगा कि मेरे बच्चे मेरा स्थान लें.’
राहुल गांधी ने कहा कि मुझसे यह पूछना कि क्या आप प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं, यह गलत प्रश्न है. कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यह बात अगले लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें प्रधानमंत्री पद के रूप में पेश किये जाने की पार्टी के अंदर बढ़ती मांग पर पार्टी सांसदों से बातचीत के दौरान स्वत: संज्ञान टिप्पणी में कही.
राहुल ने यह भी संकेत दिया कि वह ‘हाईकमान संस्कृति’ के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि वह कुछ लोगों को सशक्त बनाने की बजाए अधिक से अधिक लोगों को सशक्त बनाना चाहते हैं. 42 वर्षीय नेता ने सांसदों से कहा कि संगठन उनकी प्राथमिकता है और वह इसमें बड़े बदलाव की तैयार कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘आज मैं देखता हूं कि अधिकार के बिना सांसद कैसा महसूस करते हैं. यह स्थिति सभी दलों में है, चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी. मैं संसद में 720 सांसदों को अधिकार सम्पन्न बनाना चाहता हूं.’ राहुल ने कहा कि वह मध्यम श्रेणी के नेताओं को सशक्त बनाना चाहते हैं. देश में कुछ ऐसे दल हैं जिसका संचालन एक नेता (बसपा), दो नेता (सपा), पांच या छह नेता (बीजेपी) और 15 से 20 नेता (कांग्रेस) करते हैं.
उनकी प्राथतिकता सांसदों और विभिन्न राज्यों में करीब 5000 हजार विधायकों को अधिकार सम्पन्न बनाना है.
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि हाईकमान संस्कृति 70 के दशक में उस समय शुरू हुई जब उनकी दादीमां के ऊपर चारों ओर से प्रहार हो रहा था. ‘मैं उनको जानता हूं और अगर मैं उनके स्थान पर होता तब ऐसा ही करता.’
उन्होंने इस बात के भी संकेत दिये कि वह संगठन में ऊपर से नीचे तक बदलाव चाहते हैं और उनके आदर्श महात्मा गांधी हैं. वह गीता के निष्काम कर्म में विश्वास रखते हैं. महात्मा गांधी को अपना गुरु करार देते हुए उन्होंने कहा कि गांधीजी ने हर वर्ग के लोगों को प्रेरित किया.
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