माइंस में दबने से मजदूर की मौत
सिवाना
पुलिस के अनुसार मोहनराम पुत्र लालाराम भील निवासी बिजलिया ने मामला दर्ज कराया कि मेरा बेटा मेलाराम मजदूरी के लिए फतेह ग्रेनाइट पर गया, जहां पर पत्थर के नीचे दबने से उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सुपुर्द किया।
पांच घंटे दबा रहा शव: जानकारी के अनुसार मेलाराम खदान में कार्य करते समय करीब 11.30 बजे पत्थर के नीचे आया। उसको निकालने के लिए जेसीबी के साथ ग्रामीणों की ओर से मेहनत करने पर शव को 4.30 बजे तक बड़ी मुश्किल से निकाला जा सका।
खतरे का सबब बनी माइंस
माइंसों से काम करने वाले मजदूर कितने सुरक्षित है। यह इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 11.30 बजे मजदूर पत्थर के नीचे दबा और उसे शाम 4.30 बजे बाहर निकाला जा सका। वहीं इन दर्जनों ग्रेनाइट खदानों में सुरक्षा के कुछ भी इंतजाम नहीं है। जब भी हादसा होता है तो मजदूर को जान गवां कर इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।
ऐसे चला घटना क्रम
पांच घंटे तक पत्थर के नीचे दबा रहा शव, ग्रामीणों व पुलिस ने मुश्किल से बाहर निकाला, जिंदगियां लील रही है माइंस, अवैध रूप से ब्लास्टिंग करने से आगे भी कई मजदूरों की हो चुकी है मौत
सात लाख में सौदा
सूत्रों के अनुसार पत्थर के नीचे दबकर मरने वाले का सात लाख रुपए में सौदा कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार माईन्स मालिक की ओर से अपने राज छुपाने के लिए मृतक के पिता को सात लाख रुपए दिए गए। ऐसा ही आगे भी हो चुका है। अब तक दर्जनभर से ज्यादा मजदूरों की मौतें हो चुकी है। लेकिन हर मरने वाले के परिवार को रुपयों का लालच देकर शांत कर दिया जाता है।
सवेरे 11.30 बजे अचानक मेलाराम पत्थर के नीचे आ गया। इसकी जानकारी मिलते ही आसपास काम करने वालों ने उसे निकालने की कवायद शुरू की। बिना संसाधन लोग उसे निकालने में जुटे रहे, लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। पत्थर का वजन ज्यादा होने से पुलिस और ग्रामीणों को उसका शव निकालने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। आखिर शाम 4.30 बजे बड़ी मुश्किल से शव को बाहर निकाला गया। सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ घटना स्थल पर एकत्रित हो गई।
पहले भी हुए हादसे
१ मालाराम भील निवासी देवड़ा की इसी कंपनी की खदान पर पिछले साल हादसे से मौत हो चुकी है।
२ कानाराम भील निवासी देवड़ा की भी इसी कंपनी की माईन्स पर जान गंवानी पड़ी थी।
३ हड़मानाराम की मौत श्रीराम ग्रेनाइट पर एक हादसे के दौरान हुई थी।
॥ मृतक के पिता मोहनराम द्वारा रिपोर्ट देकर मामला करवाया गया है। शव को पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों का सौंपा गया।
मनीषदेव, थानाधिकारी, समदड़ी
कैसे हो रही है घटनाएं ?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार माईन्स संचालकों की ओर से खुद ब्लास्टिंग की जाती है। इसमें उनको यह अंदेशा तक नहीं रहता है कि बारूद कितना भरना है। वहीं कम मजदूरी को लेकर बिना जानकारी वाले मजदूरों को भी लगाना एक कारण है।
क्या है नियम ?
विभागीय जानकारी के अनुसार किसी की खदान पर बारूदी ब्लास्टिंग करने के लिए लाइसेंसधारी से ब्लास्टिंग करवानी होती है। इसके लिए वे सुरक्षा के उपकरणों के साथ कार्य करते हैं। लेकिन यहां पर माईन्स संचालकों की ओर से अपनी मनमर्जी से अवैध रूप से ब्लास्टिंग की जा रही है।
पांच घंटे तक पत्थर के नीचे दबा रहा शव, ग्रामीणों व पुलिस ने मुश्किल से बाहर निकाला, जिंदगियां लील रही है माइंस, अवैध रूप से ब्लास्टिंग करने से आगे भी कई मजदूरों की हो चुकी है मौत
सात लाख में सौदा
सूत्रों के अनुसार पत्थर के नीचे दबकर मरने वाले का सात लाख रुपए में सौदा कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार माईन्स मालिक की ओर से अपने राज छुपाने के लिए मृतक के पिता को सात लाख रुपए दिए गए। ऐसा ही आगे भी हो चुका है। अब तक दर्जनभर से ज्यादा मजदूरों की मौतें हो चुकी है। लेकिन हर मरने वाले के परिवार को रुपयों का लालच देकर शांत कर दिया जाता है।
सवेरे 11.30 बजे अचानक मेलाराम पत्थर के नीचे आ गया। इसकी जानकारी मिलते ही आसपास काम करने वालों ने उसे निकालने की कवायद शुरू की। बिना संसाधन लोग उसे निकालने में जुटे रहे, लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। पत्थर का वजन ज्यादा होने से पुलिस और ग्रामीणों को उसका शव निकालने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। आखिर शाम 4.30 बजे बड़ी मुश्किल से शव को बाहर निकाला गया। सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ घटना स्थल पर एकत्रित हो गई।
पहले भी हुए हादसे
१ मालाराम भील निवासी देवड़ा की इसी कंपनी की खदान पर पिछले साल हादसे से मौत हो चुकी है।
२ कानाराम भील निवासी देवड़ा की भी इसी कंपनी की माईन्स पर जान गंवानी पड़ी थी।
३ हड़मानाराम की मौत श्रीराम ग्रेनाइट पर एक हादसे के दौरान हुई थी।
॥ मृतक के पिता मोहनराम द्वारा रिपोर्ट देकर मामला करवाया गया है। शव को पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों का सौंपा गया।
मनीषदेव, थानाधिकारी, समदड़ी
कैसे हो रही है घटनाएं ?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार माईन्स संचालकों की ओर से खुद ब्लास्टिंग की जाती है। इसमें उनको यह अंदेशा तक नहीं रहता है कि बारूद कितना भरना है। वहीं कम मजदूरी को लेकर बिना जानकारी वाले मजदूरों को भी लगाना एक कारण है।
क्या है नियम ?
विभागीय जानकारी के अनुसार किसी की खदान पर बारूदी ब्लास्टिंग करने के लिए लाइसेंसधारी से ब्लास्टिंग करवानी होती है। इसके लिए वे सुरक्षा के उपकरणों के साथ कार्य करते हैं। लेकिन यहां पर माईन्स संचालकों की ओर से अपनी मनमर्जी से अवैध रूप से ब्लास्टिंग की जा रही है।
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