सोमवार, 25 मार्च 2013

पोतियों ने दी दादी को मुखाग्नि

पोतियों ने दी दादी को मुखाग्नि

रामसीन। जहां क्षेत्र में परम्परागत विचारों के चलते महिलाओं व लड़कियाें को किसी शवयात्रा में शामिल करने का रिवाज नहीं है, वहीं कस्बे में शनिवार को एक वृद्धा की शवयात्रा में उसकी तीनों पोतियों ने शामिल होकर अर्थी को कंधा दिया। इस नजारे को देख वहां मौजूद हर शख्स ने बेटियों के हिम्मत व इस पहल की सराहना की।

कस्बे में समाजसेवी चमनाराम पुरोहित की धर्मपत्नी भूरी देवी (80)के निधन के बाद शवयात्रा शुरू हुई तो दादी के प्रति अनन्य प्रेम जाहिर करते हुए उनकी तीन पोतियों एकता, अखण्डता व अस्मिता अपने पापा मंछालाल पुरोहित के साथ शवयात्रा में शामिल हो गई।

तीनों बेटियों ने श्मशान घाट तक दादी की अर्थी को कंधा दिया व अश्रुपुरित नेत्रों से मुखाग्नि दी। एकता एलएलबी, अस्मिता अहमदाबाद मेें सीएस व अखण्डता कप्यूटर में डिप्लोमा कर रही है। पेशे से अधिवक्ता मंछालाल पुरोहित ने बताया कि आज के समय में बेटा-बेटी दोनों को ही समान अधिकार देते हुए उन्हें सामाजिक व पारम्परिक रीति रिवाजोें में शामिल करना चाहिए। इससे बेटियां भी स्वयं को गौरवान्वित महसूस करती है।

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