तोगडिया से तो हम निपट लेंगे : मुख्यमंत्री
नागौर। नागौर के समीपवर्ती कस्बे बासनी में ऑल इंडिया तालीमी कान्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में साम्प्रदायिक तत्वों व ताकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इन साम्प्रदायिक ताकतों ने बाबरी मस्जिद, राम मंदिर के नाम से आग लगाई है। कांग्रेस ने हमेशा आग बुझाने का प्रयास किया है। आजादी के 65 साल बाद भी साम्प्रदायिक ताकतों से कांग्रेस ने हाथ नहीं मिलाया है। कोई भी धर्म हिंसा नहीं सिखाता है। राजस्थान की जनता साम्प्रदायिक ताकतों के मंसूबे कामयाब नहीं होने देगी। साम्प्रदायिक ताकतें हिन्दुओं व मुस्लिम समाज दोनों में हो सकती हैं। राजस्थान की जनता त्रिशूल बांटने वाले व हिंसा फैलाने वालों को नहीं चाहती।
महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलात व कपडा मंत्री आरिफ (नसीम) खान ने जब मुख्यमंत्री गहलोत से मुखातिब कहा कि उनके राज्य में प्रवीण तोगडिया ने त्रिशूल बांट साम्प्रदायिक भावनाएं भड़काने का प्रयास किया तो हमारी सरकार ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आप तो महाराष्ट्र में ऎसा अब कर रहे हैं मैंने तो आज से 12 वर्ष पूर्व तोगडिया को गिरफ्तार करवाकर अजमेर की जेल में 12 दिन बंद रखवाया। तोगडिया ने कोर्ट में लिखित हलफनामा पेश किया कि अब मैं त्रिशूल नहीं बाटूंगा। अब कभी नहीं करूंगा।
इस हलफनामे को महाराष्ट्र के न्यायिक अधिकारियों व अधिवक्ताओं तक पहुंचाएं और तोगडिया को दिखाएं तो वे भाग छूटेंगे। राजस्थान में तो 12 साल पहले ही तोगडिया छकड़ी भूल गए। उन्होंने कहा कि आप तोगडिया की चिंता छोड़ दो वो मेरा काम है। आप तो तालीम पर ध्यान दो। इससे पूर्व महाराष्ट्र के मंत्री खान ने कहा कि आरएसएस जैसी ताकतें हमें टार्गेट पर रख रही हैं। इसमें चाहे तोगडिया हों या कोई और। उन्होंने कहा कि अगर कोई फिरकापरस्ती की बात करता है उसे मुल्क में जगह नहीं होनी चाहिए। मजहब, प्यार, मोहब्बत हमारा सबसे प्यारा गहना है।
150 करोड़ से बनेंगे आवासीय विद्यालय
गहलोत ने कहा कि अल्पसंख्यकों के कल्याण एवं तालीम के लिए विभिन्न जिलों में 20 आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे। इसके लिए 150 करोड़ रूपए स्वीकृत किए हैं। अल्पसंख्यक विकास कोष के लिए आजादी के बाद पहली बार 200 करोड़ रूपए मंजूर किए हैं। हज हाउस के लिए 5 करोड़ मंजूर किए हैं।
राजस्थान में राइट टू श्ौल्टर
राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने जनता को राइट टू श्ौल्टर (छत का अधिकार) प्रदान किया है। राइट टू एज्युकेशन, राइट टू इंफोर्मेशन आदि अधिकारों के बाद राजस्थान में राइट टू श्ौल्टर का अधिकार दिया है। ताकि गरीब को छत मिल सके। उन्होंने कहा कि गरीबों को कम से कम एक पक्का कमरा व मय शौचालय का निर्माण भी हो जाए तो परिवार को राहत मिलेगी। राज्य सरकार ने इसके लिए आर्थिक सहायता राशि 50 हजार रूपए से बढ़ाकर 70 हजार रूपए करने का निर्णय किया है। इसके अलावा भी कांग्रेस सरकार ने सामाजिक सुदृढ़ता के कई फैसले लिए हैं।
रिफाइनरी ने रचा नया इतिहास
गहलोत ने कहा कि राजस्थान में रिफाइनरी ने नया इतिहास रचा है। 38 हजार करोड़ रूपए का कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि रिफाइनरी से हमारे नौजवान युवकों को रोजगार मिलेगा। रिफाइनरी से प्रदेश व मारवाड़ के कई उद्योग धंधे शुरू होंगे। आईटीआई के डिप्लोमा का लाभ रिफाइनरी में मिलेगा। रोजगार के अवसर खुलेंगे। यहां आने का मकसद तब पूरा होगा जब संकल्प लेकर जाएं कि हमारे गांव-ढाणी, शहर में किसी भी कौम, वर्ग का बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहे। उन्होंने कहा कि विकास की जड़ भी तालीम है।
मदरसों में दोनों तालीम हो : डॉ. मिर्घा
नागौर सांसद डॉ.ज्योति मिर्घा ने कहा कि मदरसों में दीनी और दुनियावी दोनों तालीम दी जानी चाहिए। इस संस्थान को करीब एक करोड़ रूपए की सहायता देने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। कांग्रेस 22 प्रतिशत कम्युनिटी को आगे लाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है।
मुसलमान कम शिक्षित : शेर मोहम्मद
जोधपुर से आए मौलाना हजरत शेर मोहम्मद ने कहा कि भारत में मुसलमान अन्य लोगों की अपेक्षा कम शिक्षित हैं। इस तालीमी कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य केवल जागरूकता फैलाना है। इल्म की रोशनी होने पर ही सलीका आएगा। उन्होंने कहा कि हमारी कामयाबी का राज इल्म है। इल्म के लिए सरहद और उम्र का तकाजा नहीं है। उन्होंने गरीब नवाज ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के नाम पर राजस्थान में विश्वविद्यालय खोलने की मांग की। इस दौरान दारूल उलूम फैजाने अशरफ की ओर से प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के सामने कई मांगें रखी। संस्थान के प्रतिनिधि ने फैजाने अशरफ में बीएड कॉलेज, यूनानी मेडिकल कॉलेज, आईटीआई कॉलेज एवं नर्सिग कॉलेज स्वीकृत करने की मांग की।
अतिथियों का स्वागत
ऑल इंडिया तालीमी कॉन्फ्रेंस के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का साफा व सूत की माला पहनाकर मोहम्मद फारूख ने स्वागत किया। सैयद कासिम अशरफ बाबा का स्वागत मोहम्मद अकबर ने, केन्द्रीय मंत्री के.रहमान खान का स्वागत हाजी मोहम्मद शरीफ ने, राजस्थान के चिकित्सा मंत्री दुर्रू मियां का स्वागत बासनी के उप सरपंच शौकत अली ने, नागौर के प्रभारी मंत्री डॉ. जितेन्द्रसिंह का स्वागत हाजी गुलाम मुस्तफा ने, राजस्थान मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना फज्ले हक का स्वागत हाजी मोहम्मद अनवर ने, नागौर सांसद डॉ.ज्योति मिर्घा का स्वागत इरफान अली चौधरी ने किया।
मंच पर राजस्थान वक्फ बोर्ड अध्यक्ष लियाकत खान, शिक्षा राज्यमंत्री नसीम अख्तर इंसाफ, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री मंजूदेवी मेघवाल, राजसमंद सांसद गोपालसिंह शेखावत, नावां विधायक महेन्द्र चौधरी, डीडवाना विधायक रूपाराम डूडी, मकराना विधायक जाकिर हुसैन गैसावत एवं देशभर से आए उल्मा-ए-इकराम दरगाहों के सज्जादानशीनों का स्वागत राजस्थानी परंपरानुसार किया गया। इस मौके पर जगदीश नारायण शर्मा, बीसूका उपाध्यक्ष रामचन्द्र जारोड़ा, मदरसा कमेटी सदर वली मोहम्मद, अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी नासिर खान गौरी, संस्थान प्रिंसीपल मो, सगीर आलम अंसारी आदि मौजूद रहे।
विद्यार्थियों के जोशीले अंदाज ने किया प्रभावित
दारूल उलूम फैजाने अशरफ के विद्यार्थियों ने ओजस्वी वाणी में मंच पर अपने उद्गार प्रस्तुत किए। गल्र्स स्कूल की छात्राओं ने "सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा..." देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया। स्कूल के छात्र नियाज अशरफी ने "जो हो चुका है वो होगा, हुजूर जानते हैं..." गीत प्रस्तुत किया। फैजाने अशरफ स्कूल की बालिका अशरफ बानो ने अंग्रेजी एवं हिन्दी का मिश्रण करते हुए अतिथियों के स्वागत में भाषण पेश किया। स्कूल की छात्राओं ने मारवाड़ी में "स्वागत है म्हारा सजन स्नेही, बल-बल आया सा, प्यारा मेहमानां..." स्वागत गीत प्रस्तुत किया।
नागौर की हिन्दू-मुस्लिम एकता सबसे महंगी : फज्ले हक
राजस्थान मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना फज्ले हक ने कहा कि सब कुछ बदल गया है, लेकिन कौमी एकता नहीं बदली। उन्होंने कहा कि नागौर में और तो कुछ नहीं मिलता, लेकिन यहां हिन्दू-मुस्लिम एकता सबसे महंगी है। उन्होंने सूफी हमीदुद्दीन नागौरी से जुड़े संस्मरण भी सुनाए।
सभी कौमों को साथ लेकर चलें : अशरफ बाबा
कार्यक्रम की अध्यक्षता रूहानी पेशवा हजरत सैयद कासिम अशरफ बाबा ने की। उन्होंने मुख्यमंत्री को सभी कौमों को साथ लेकर चलने की नसीहत दी। उन्होंने कहा ख्वाजा मोहनुद्दीन चिश्ती ने इंसान को महान बनने के लिए तीन खूबियों का जिक्र किया है। पहली तंदुरूस्त दिमाग, जिसके लिए स्कूलों की स्थापना कर बच्चों को तालीम दी जाए। दूसरा तंदुरूस्त शरीर एवं तीसरा तंदुरूस्त दिल।
मदरसों की सहायता को यूपीए सरकार तैयार : के. रहमान
केन्द्रीय मंत्री (अल्पसंख्यक मामलात) के. रहमान ने कहा कि मदरसों का इतिहास आजादी से पूर्व का है। अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आवाज उठाने वाले सबसे पहले दीनी रहनुमाई थे। दीन को सही तरीके से पेश करने वाले इंसानियत का पैगाम देने वाले दीनी रहनुमाई होते हैं। यूपीए सरकार मदरसों को हर संभव मदद देने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि शिद्दत से जरूरत है कि मदरसों में तब्दीली लाएं। दुनियावी तालीम से बच्चों की ताकत बढ़ेगी। मुसलमानों में हजारों शहीद हैं लेकिन आम मुसलमान तक इसकी जानकारी पहुंचानी होगी। हमारा मुल्क सेक्यूलर डेमोक्रेसी है। हमारा संविधान हमारी ताकत है। नौजवानों को हक मिलना चाहिए। सरकार राइट टू एज्यूकेशन दे रही है। शिक्षकों की जरूरत है। देश में हजारों पद उस्तादों (शिक्षकों) के खाली पड़े हैं। ड्रॉप आउट बच्चों में जीवन कौशल प्रशिक्षण की जरूरत है। केन्द्र सरकार 5 करोड़ बच्चों/युवकों को जीवन कौशल प्रशिक्षण देकर तैयार करेगी।
बच्चों को दें तालीम : खान
महाराष्ट्र सरकार के कपड़ा एवं अल्पसंख्यक मामलात मंत्री आरिफ (नसीम) खान ने कहा कि बच्चों को तालीम दें। मजहब व मोहब्बत हमारे देश की रीढ़ है। उन्होंने सच्चर कमेटी का हवाला देते हुए कहा कि तालीमी सतह पर अल्पसंख्यकों की स्थिति दलितों से भी बदतर है। सच्चर कमेटी की सिफारिशें लागू करनी चाहिएं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से 15 सूत्रीय कार्यक्रम शुरू किया है। सांसद डॉ. ज्योति मिर्धा, राजस्थान मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना फज्ले हक ने भी संबोधित किया। कॉन्फ्रेंस में राजस्थान सहित गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार व कर्नाटक से कई मुस्लिमजन शरीक हुए।
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