सोमवार, 18 मार्च 2013

उदयपुर में अब वकीलों की पिटाई

उदयपुर में अब वकीलों की पिटाई
उदयपुर। तीन दिन पहले उदयपुर जिला कोर्ट परिसर में वकीलों के हाथों पुलिस के एएसआई(सहायक उप निरीक्षक) मांगीलाल मेनारिया की पिटाई करना सोमवार को वकीलों के लिए महंगा साबित हुआ।

एएसआई मेनारिया के साथ मारपीट की इस घटना से आक्रोशित मेनारिया समाज के लोगों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान एक वकील को बुरी तरह पीटा और इसके बाद कोर्ट परिसर में पथराव भी कर डाला।

वकीलों और मेनारिया समाज के युवकों के बीच पथराव और धक्का-मुक्की के इस घटनाक्रम के बाद कोर्ट परिसर में माहौल तनावपूर्ण हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को बड़ी मुश्किल से समझा-बुझाया और मामले को शांत किया।

यूं शुरू हुआ हंगामा,उत्पात

एएसआई मांगीलाल मेनारिया के साथ वकीलों की बदसलूकी से खफा समाज के लोग सोमवार सुबह कोर्ट चौराहे पर जमा हुए और वकीलों के विरोध में प्रदर्शन शुरू किया। इसी दौरान सामने से आते एक वकील को देखकर समाज के कुछ युवा उग्र हो गए और उन्होंने उस वकील की पिटाई कर डाली।

कोर्ट परिसर में वकीलों पर पथराव

कोर्ट चौराहे पर वकील की पिटाई के बाद उग्र मेनारिया युवकों ने कोर्ट की ओर कदम बढ़ाए और कोर्ट परिसर में खड़े वकीलों पर भी पथरबाजी शुरू कर दी। कुछ ही देर में वकील पर एकजुट हो गए और दोनों गुट आमने-सामने हो गए। इस दौरान दोनों पक्षों में की धक्का-मुक्की भी हुई,जिसके बाद पुलिस ने बीच बचाव करते हुए दोनों पक्षों को समझाया और मामला शांत किया।

पुलिस के प्रवेश पर लगाई रोक

इस घटना के बाद वकीलो ंने एक बैठक बुलाई जिसके बाद बार अध्यक्ष भरत जोशी ने ऎलान किया कि कोर्ट परिसर में किसी भी पुलिसकर्मी को घुसने नहीं दिया जाएगा। इसके बाद में वकीलों के समूह ने पुलिसकर्मियों को को कोर्ट परिसर के बाहर निकाल दिया।

कैदियों को वापस भेजा गया जैल

कोर्ट में लाए गए कैदियों और उनके साथ आए पुलिसकर्मियों को भी बाहर निकाले के लिए भी वकीलों ने हंगाम खड़ा किया। हालांकि,बाद में वरिष्ठ अधिवक्ताओं की समझाइश के बाद उग्र वकील शांत हुए। इसके बाद ही कैदियों को कोर्ट परिसर से जैल में वापस भेजने की कार्रवाई शुरू हो सकी।

क्या था मामला ?

वकीलों के क्रमिक अनशन के दौरान अम्बामाता थाने के सहायक उप निरीक्षक मांगीलाल मेनारिया व सिपाही संतराम प्रोडक्शन वारंट के लिए एसीजेएम कोर्ट-2 में आए। इस पर वकीलों ने उसे वहां से जाने को कहा। एक बार तो एएसआई वहां से चला गया,लेकिन थोड़ी बाद वापस लौटा। इस बार उग्र वकीलों ने उस पर हमला कर दिया। सिपाही संतराम वहां से भाग गया और एएसआई गुस्से का शिकार हो गया। वकीलों ने एक एएसआई के साथ मारपीट की और उसके कपडे फाड़ दिए। इसके बाद जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर वकीलों के खिलाफ राजकार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज किया गया था।

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