रविवार, 17 मार्च 2013

जैसलमेर में यादगार छाप छोड़ गया मांड महोत्सव




जैसलमेर में यादगार छाप छोड़ गया मांड महोत्सव

मशहूर हस्तियों ने बहाई सुर सरिताएं

जैसलमेर, 17 मार्च/मांड गायन शैली की जन्मस्थली माने जाने वाले माडधरा क्षेत्र में आकाशवाणी जैसलमेर द्वारा शनिवार रात यहाँ मरू सांस्कृतिक केन्द्र में आयोजित मांड महोत्सव का यादगार आयोजन रसिकों को खूब भा गया। मशहूर मांड गायकों को सुनने रसिकों का जमघट देर रात तग लगा रहा। रसिकों ने सुरों की सरिताओं में जमकर गोते लगाते हुए आनंद का अनुभव किया। महोत्सव के मुख्य अतिथि जैसलमेर वायुसेना के मुखिया एयर कमोडोर सुधांशु रथ थे।

महोत्सव में उदयपुर की मांगी बाई, जोधपुर की वयोवृद्ध मांड गायिकाओं जमीला बाई और कुलसुम बाई के अतिरिक्त जोधपुर के ही अंतरराष्टर््रीय ख्याति प्राप्त मांड गायक बनारसीलाल झोरी, गायक हसन खां जैसलमेरी व कुटल खां, शोभा हर्ष व नेहा व्यास ने मांड लोकगायन शैली को विभिन्न अन्दाजों में पेश कर श्रोताओं की खूब वाहवाही पायी।

कार्यक्रम का शुभारम्भ अनिल पुरोहित की सरस्वती वन्दना से हुआ। वाग्देवी के चित्र पर संस्कृतिकर्मी नन्दकिशोर शर्मा, सुधांशु रथ व श्रीमती रथ, आकाशवाणी जैसलमेर के कार्यक्रम प्रमुख महेन्द्रसिंह लालस, जीआर बाटन व ग्रुप केप्टन प्रशान्त करकरे ने पुष्प अर्पित कर किया।

माडधरा में लौटा मांड
मेहमानों का स्वागत करते हुए आकाशवाणी जैसलमेर के कार्यक्रम प्रमुख महेन्द्रसिंह लालस ने बताया कि मांडधरा में ही मांड जैसी विलक्षण लोकगायन शैली जन्मी है और आकाशवाणी का यह आयोजन मांड को अपनी सरजमीं पर लाने का ही एक प्रयास है। उन्हाेंने यह भी बताया कि मांड को पुनर्जीवित करने के लिए आकाशवाणी कृत संकल्पित है। लालस ने विश्वास दिलाया कि भविष्य में भी आकाशवाणी अंचल की कला संस्कृति के संरक्षण व प्रदर्शन के हर संभव प्रयास करेगी।

लालस ने बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से जहां मांड गायकी को अपने ही क्षेत्र में नई पहचान व सराहना मिलेगी वहीं दूसरी ओर नई पीढ़ी का इस ओर रूझान भी बढ़ सकेगा। इसीलिए इस कार्यक्रम में नई प्रतिभाओं को भी शामिल किया गया है।

नवांकुरों मिलाए वरिष्ठ कलाकारों के साथ सुर

इस कार्यक्रम में एक ओर जहां केन्द्रीय संगीत नाटक अकादमी से पुरस्कृत वयोवृद्ध कलाकार मांगीबाई ने देशभक्ति से परिपूर्ण मांड गायकी की श्रेष्ठ बानगी पेश की वहीं दूसरी ओर स्थानीय व नव प्रतिभाओं ने क्षेत्र की समृद्ध लोक गायकी प्रस्तुत कर समा बांध दिया।

कार्यक्रम का आगाज जैसलमेर की नवोदित व प्रतिभाशाली गायिका नेहा व्यास के मांड गीत ‘केसरिया बालम आओ नीं पधारो म्हारे देश’ से हुआ। नेहा की यह पहली मंचीय प्रस्तुति थी। उनके सधे हुए सुरों ने यह विश्वास दिलाया कि अंचल में सांस्कृतिक प्रतिभाओं की कमी नहीं हैं बशर्ते उन्हें उचित मंच व मार्गदर्शन मिले।

इनकी प्रस्तुतियां भी सराही गई

कार्यक्रम में स्थानीय लोककलाकारों हसन खां जैसलमेरी व कूटल खां ने क्रमशः सियालो व मांणीगर प्रस्तुत कर कार्यक्रम को ऊँँचाई प्रदान की। केन्द्रीय संगीत नाटक अकादमी से पुरस्कृत उदयपुर की प्रख्यात गायिका श्रीमती मांगी बाई ने वीर शिरोमणी देस, म्हाने प्यारो लागे सा व बायरियो लोकगीत को सुमधुर शैली मेें प्रस्तुत कर श्रोताओं का दिल जीत लिया।

जोधपुर की वयोवृद्ध मांड गायिकाओं जमीला बाई और कुलसुम बाई ने हेलो देती लाजा मरूं के द्वारा मांड गायकी का अनूठा अन्दाज पेश किया। जोधपुर के ही अंतर्राष्टर््रीय ख्याति प्राप्त मांड गायक बनारसीलाल मदमस्त कर देने वाले अपने अद्भुत अदाज से दर्शकों की वाही वाही लूटी । उनके द्वारा प्रस्तुत लोकगीत नैण कटारी मत मारो और होली के गीत गोपाल गुलाल हमारी ने दर्शकोर्ं को वाह वाह कहने पर मजबूर कर दिया। स्थानीय लोक गायिका शोभा हर्ष ने जैसाणे री मूमल के जरिए कार्यक्रम का समापन किया।

इन्होंने की उम्दा संगत

टोंक के तबलावादक रमजान हुसैन, उदयपुर के क्लेरेनेट वादक मीठालाल वर्मा, जोधपुर के ढोलकवादक राजू झोरी व स्थानीय कलाकारों जयप्रकाश हर्ष और अनिल पुरोहित ने अपनी बेहतरीन संगत के जरिए कार्यक्रम कोसुमधुर बनाने में अपना सहयोग दिया।

ये रहे मौजूद

इस कार्यक्रम में शहर के सभी कलाप्रेमी मौजूद थे। बीएसएनएल के स्थानीय प्रबन्धक वाई एन भास्कर, आयुक्त नगर परिषद आर के माहेश्वरी, स्टेट बैंक के प्रबन्धक ओम प्रकाश भाटिया व एस एस राजपुरोहित, पूर्व विधायक किशनसिंह भाटी, वयोवृद्ध साहित्य चिंतक दीनदयाल ओझा, संगीतज्ञ वासुदेव हर्ष, रमेशचन्द्र जोशी, नवल पुरोहित, शोभा भाटिया व ईश्वरी भाटिया सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

इनकी भी रही भागीदारी

आकाशवाणी के इस कार्यक्रम को सफल बनाने में वरिष्ठ उद्घोषक सुशील पीटर थामस, श्यामवीरसिह, विक्रम गहलोत, हरिवल्लभ बोहरा, सत्येन्द्र शर्मा, अशोक व्यास, ललित गोपा,भरत व्यास,हनवन्तसिंह चारण व मनोज गोपा ने अपना सहयोग दिया। शरद शर्मा और प्रार्थना व्यास के सफल संचालन में आयोजित मांड महोत्सव में आकाशवाणी के तकनीकी प्रमुख जीआर बाटन ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर मरूश्री विजय बल्लाणी का भी सम्मान किया गया।

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