मोहाली: भुवनेश्वर कुमार की शानदार गेंदबाजी की बदौलत भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी तीसरे टेस्ट में अपनी पकड़ मजबूत बना ली है। पंजाब क्रिकेट संघ मैदान पर खेले जा रहे इस मैच में भुवनेश्वर की उम्दा गेंदबाजी की बदौलत मैच का परिणाम आने की उम्मीद दिख रही है।
मैच के पांचवे दिन यानी सोमवार को एक बात तो तय है कि भारत को चाहे इस मैच में जीत मिले या न मिले, लेकिन उसकी हार होने के आसार बहुत कम हैं। भुवनेश्वर के स्विंग गेंदों ने बारिश के कारण पहले दिन का खेल धुलने के बाद बचे चार दिनों में मैच का परिणाम आने की उम्मीद जगाई है।
चौथे दिन की समाप्ति तक ऑस्ट्रेलिया ने 75 रनों पर अपने तीन बल्लेबाज गंवा दिए हैं और वह अभी भी भारत की पहली पारी के स्कोर से 16 रन पीछे है। पिछले दो मैचों में असफल रहे ह्यूज 53 और लियोन चार रन बनाकर क्रीज पर मौजूद हैं।
इससे पहले, भारत ने पदार्पण टेस्ट खेल रहे शिखर धवन के 187, मुरली विजय के 153 और विराट कोहली के नाबाद 67 रनों की पारियों की मदद से 499 रन बनाए और उसे 91 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल हुई।
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों में माइकल क्लार्क ही ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने इस शृंखला में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। लेकिन आज वह भी पीठ की चोट के कारण कई बार मैदान से बाहर गए। भारत की जीत में क्लार्क और फिल ह्यूज रोड़ा बन सकते हैं। क्लार्क कल बल्लेबाजी करने उतरेंगे, यह फिलहाल तय नहीं है। ह्यूज हालांकि पहले दो मैचों में पूरी तरह नाकाम रहे थे लेकिन वह 53 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद हैं।
अगर ऑस्ट्रेलिया को यह मैच बचाना है तो कम-से-कम सोमवार को चायकाल तक बल्लेबाजी करनी होगी। उसके बाद कहीं जाकर मेहमान टीम आश्वस्त हो सकती है कि यह मैच भारत की झोली में नहीं जाएगा।
मैच का अंतिम दिन होने के कारण पिच लगभग टूट चुकी है। स्पिन गेंद का विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी के हेल्मेट पर लगना यह बात साफ जाहिर करता है कि ऑस्ट्रेलिया के लिए बल्लेबाजी करना आसान काम नहीं होगा, क्योंकि उसकी बल्लेबाजी इस शृंखला में रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा की गेंदों पर संघर्ष करती नजर आई है।
इससे पहले, चौथे दिन भारत के लिए दिन की शुरुआत अच्छी नहीं रही। उम्मीद थी कि धवन अपने करियर के पहले ही मैच में दोहरा शतक पूरा कर एक कीर्तिमान बनाएंगे, लेकिन वह अपने कल के स्कोर में दो रन जोड़कर नेथन लियोन की गेंद पर एड कोवान के हाथों लपक लिए गए।
धवन ने अपनी 174 गेंदों की पारी में 33 चौके और दो छक्के लगाए। रविवार को धवन अगर एक और चौका लगाने में सफल रहते तो वह पर्दापण मैच में सर्वाधिक चौके लगाने वाले खिलाड़ी बन जाते।
बहरहाल, पर्दापण मैच में सबसे तेज (85 गेंद) शतक लगाने का रिकार्ड उनके नाम रहेगा। यही नहीं, वह भारत के लिए पर्दापण मैच में सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज भी बन गए।
पुजारा 292 के कुल योग पर पीटर सिडल की एक गेंद पर पगबाधा करार दिए गए। टीवी रिप्ले में हालांकि यह साफ नजर आ रहा था कि गेंद उनके बल्ले से टकराकर पैड पर लगी। पुजारा इस फैसले से काफी नाराज नजर आए।
मुरली विजय और कोहली ने टीम के स्कोर को 400 के पार पहुंचाया था। इस बीच विजय ने अपने 150 रन भी पूरे किए। 412 रनों के कुल योग पर मुरली, स्टार्क की एक अंदर आती गेंद को ठीक से पढ़ नहीं पाए और पगबाधा हो गए। विजय ने अपनी पारी के दौरान 317 गेंदों का सामना करते हुए 19 चौके और तीन छक्के जड़े। उनके आउट होने पर बल्लेबाजी करने आए भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने हालांकि चौका लगाकर अपना खाता खोला, लेकिन इसके तुरंत बाद ही वह भी स्टार्क की एक गेंद पर पगबाधा हो गए। धोनी ने केवल 4 रन बनाए। 427 रनों के कुल योग पर रवींद्र जडेजा (8) के रूप में भारत को छठा झटका लगा।
इसके बाद पीटर सिडल ने भारत को 431 रनों के कुल योग पर एक और झटका दिया। रविचंद्रन अश्विन चार रन बनाकर चलते बने। नई गेंद से मिशेल स्टार्क की बढ़िया गेंदबाजी की बदौलत दूसरे सत्र में भारत ने अपने चार महत्वपूर्ण विकेट खोए।
कोहली ने भुवनेश्वर कुमार के साथ मिलकर 61 रनों की साझेदारी की। कोहली ने अपना अर्द्धशतक भी पूरा किया। चायकाल के कुछ देर बाद 492 के कुल योग पर भुवनेश्वर 18 रन बनाकर आउट हो गए, जिसके बाद 499 रनों के कुल योग पर भारतीय पारी सिमट गई। इस तरह से भारत को 91 रनों की बढ़त हासिल हुई।
ऑस्ट्रेलिया की ओर से पीटर सिडल ने पांच और मिशेल स्टार्क ने दो विकेट हासिल किए।
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