गुरुवार, 21 मार्च 2013

'बेटी नहीं बचेगी तो बहू कहां से लाओगे'


'बेटी नहीं बचेगी तो बहू कहां से लाओगे' 

कस्बे के आपेश्वर धाम में आयोजित शिव पुराण कथा में दिनों दिन बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या, कथा के दौरान जयकारों से माहौल हो रहा शिवमय 

 रामसीन  संत कृपाराम महाराज ने कहा कि कन्यादान के बराबर कोई पुण्य नहीं होता है और भ्रूण हत्या के बराबर कोई पाप नहीं। इसलिए व्यक्ति को कन्यादान में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए। महाराज बुधवार को आपेश्वर धाम में आयोजित शिव पुराण के छठे दिन कथा वाचन कर रहे थे। उन्होंने बेटा बेटी में अंतर समझने वाले लोगों को कहा कि यदि हर समय बेटे की चाह करोगे और बेटी को कोख में ही मार देंगे तो अपने ही बेटों के लिए बहू कहां से लाओगे? महाराज ने कहा कि यदि कहीं पर सत्संग चल रही हो तो उसमें व्यक्ति को अवश्य जाना चाहिए। इससे मनुष्य को पुण्य मिलता है। उन्होंने भगवान शिव की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान शिव भी एक दिन ऋषि के यहां गए और उनके प्रवचन सुने। उन्होंने कहा कि कथा सुनना भी हर व्यक्ति के बस की बात नहीं होती है, जो व्यक्ति कथा सुनता है वह भाग्यशाली होता है। संत ने कहा कि व्यक्ति को कोई भी वस्तु मांग कर नहीं लेनी चाहिए, मांगने से इज्जत कम हो जाती है, अगर उस वस्तु को पाने की व्यक्ति में योग्यता है तो वह उसे अपने आप मिल जाएगी। महाराज ने कहा कि इस जीवन में कन्यादान से बड़ा कोई कार्य नहीं हो सकता। इस अवसर पर शिव विवाह के प्रसंग का आकर्षक झांकी के साथ वर्णन किया गया। कथा में दंडी महाराज व आयोजक भरत भाई बासडा धनजी का बहुमान किया गया। 

तातोल में पहुंची संकीर्तन यात्रा : शिव कथा को लेकर निकाली जा रही संकीर्तन यात्रा बुधवार को कस्बे के निकटवर्ती तातोल गांव पहुंची। तालोल में प्रवचन देते हुए कहा कि सत्संग व्यक्ति का जीवन बदल देती है, इसलिए व्यक्ति को सत्संग में हमेशा अपनी भागीदारी निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि संत का कार्य लोगों की अंतर आत्मा बदलना है, संत को अंग्रेजी में सेंट कहा जाता है सेंट का कार्य भी महकाना है। इस अवसर पर सरपंच पांचाराम, श्यामलाल अग्रवाल, गगन, मांगीलाल छीपा व जबरसिंह समेत ग्रामीण मौजूद थे।

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