रागेश्वरी व ऎश्वर्या से गैस उत्पादन शनिवारसे शुरू
बाड़मेर ।रेतीले बाड़मेर में स्वर्णिम भविष्य का आधार बन रहा मंगला तेल क्षेत्र शनिवार को इतिहास के एक और स्वर्णिम पल से रूबरू होता नजर आएगा . शनिवार की रोज केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री वीरपा मोइली एस्वरिया कुए से तेल उत्पादन और रागेश्वरी कुए से गेस के व्य्व्सैक दोहन की शुरुवात करेंगे उनके साथ केन्द्रीय पेट्रोलियम राज मंत्री पनाबंका लक्ष्मी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी मोजूद रहेंगे . जानकारी के मुताबित रेतीले बाड़मेर में रिफायनरी की घोसना के बाद खुशियों से सराबोर बाड़मेर के लिए शनिवार का दिन दूसरी बड़ी सोगात लेकर आ रहा है . बाड़मेर के रेत के टीले जिस तेल गेस का उत्पादन कर रहे हे उन्हें मगल शुरुवात देने के लिए केन्द्रिय पेट्रोलियम मंत्री केन्द्रीय पेट्रोलियम राज मंत्री पनाबंका लक्ष्मी और राजस्थान के मुख्य मंत्री विधिवत शुरुवात देने के लिए शनिवार की रोज बाड़मेर आ रहे है .जानकारी के मुताबित मंगला के बाद कवास स्थित "ऎश्वर्या" ऑयल फील्ड भी अब तेल उत्पादन के लिए तैयार हो चुका है। रागेश्वरी भी गैस के व्यावसायिक उत्पादन शुरू होगा। केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली केन्द्रीय पेट्रोलियम राज मंत्री पनाबंका लक्ष्मी व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार को दोनों ऑयल फील्ड से तेल-गैस के उत्पादन का शुभारंभ करेंगे।
ऎश्वर्या क्षेत्र के कुओं से निकलने वाला तेल एमपीटी नागाणा स्थित स्टोरेज टैंको तक जाएगा। ऎश्वर्या से इस साल के अन्त तक प्रतिदिन 25 हजार बैरल तेल उत्पादन शुरू हो जाएगा। शुरू में इससे रोजाना 2-3 हजार बैरल तेल निकाला जाएगा और धीरे-धीरे इसे बढ़ाया जाएगा। केयर्न इंडिया ने अगले साल की शुरूआत में तेल उत्पादन को 1.75 लाख बैरल से बढ़ाकर 2.25 लाख बैरल प्रतिदिन करने की योजना बनाई है। ऎश्वर्या से उत्पादन शुरू होने से इस बेसिन में तेल उत्पादन करने वाले क्षेत्राें की तिकड़ी बन जाएगी। मंगला, भाग्यम और ऎश्वर्या की यह तिकड़ी एमबीए के नाम से जानी जाएगी। रागेश्वरी से उत्पादित गैस का उपयोग अभी मंगला टर्मिनल के बिजलीघर में हो रहा है। अब इस क्षेत्र से 10 लाख घनमीटर प्रतिदिन गैस का व्यावसायिक उत्पादन शुरू किया जाएगा। इस बारे में केयर्न इंडिया व गेल के बीच करार होना है। गेल ही तय करेगी कि इस गैस का क्या उपयोग किया जाएगा। राज्य सरकार इस गैस को जोधपुर लाकर बिजली उत्पादन शुरू करने पर विचार कर रही है। दो छोटे कुओं से भी उत्पादन: इन दिनों मंगला, भाग्यम के अलावा गुड़ा व सरस्वती तेल कुओं से भी तेल का उत्पादन हो रहा है, मगर इन कुओं से तेल का उत्पादन बहुत ही कम मात्रा में हो रहा है।
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