विश्व महिला दिवस पर स्वास्थ्य विभाग ने पढाया महिला सषकितकरण का पाठ
भाषण, निबंध, प्रष्नोत्तरी, महेंदी व नारा लेखन स्पद्र्धाओं का आयोजन
बाडमेर। देश और पूरा विश्व आज उस आधी आबादी का सम्मान कर रहा है, जिसने इस दुनिया का सृजन किया। भले ही लोग उसे अबला मान रहे हों लेकिन ये वो ताकत है जो दुनिया में अपनी शä कि लोहा मना चुकी है। इनकी ताकत अब किसी परिचय की मोहताज नहीं रह गर्इ है। ऐसे ही अनेक प्रखर विचार शुक्रवार को सुनने, देखने को मिले जब नारी सशकितकरण को लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से विभिन्न स्पद्र्धाओं का आयोजन किया गया। इस दौरान भाषण, निबंध, प्रश्नोत्तरी, मेहंदी और नारा लेखन प्रतियोगिता के दौरान प्रतिभाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और महिला एवं स्वास्थ्य को लेकर अपने विचार जाहिर किए। कार्यक्रम के दौरान बतौर अतिथि पीएमओ डा. एचके सिंगल, आरसीएचओ डा. एमएल मौर्य, प्रिंसिपल मीर मोहम्मद, डीपीएम विक्रमसिंह चम्पावत, आशा समन्वयक राकेश भाटी, नारायण चौधरी, शंकर भवानी, मंगलाराम बिश्नोर्इ, सुश्री गितिमा और जिला आर्इर्इसी समन्वयक विनोद बिश्नोर्इ मौजूद थे।
कार्यक्रम के दौरान भाषण स्पद्र्धा में पूनम जांगिड़ ने कहा कि महिलाओं के अधिकारों को लेकर भारत समेत पूरी दुनिया में हर पल आवाजें उठती रहती हैं। हर जगह महिलाओं को दबी कुचली मान कर उन पर बहस छिड़ जाती है। जबकि सच पूछिए तो हर महिला प्रेरणा का एक स्रोत है। छात्रा मीना कुमारी ने कहा कि अनेक चुनौतियों को दरकिनार कर जिन महिलाओं ने जो विशेष मुकाम हासिल किया वह वास्तव में सराहनीय है। जहां पहले नारी को अबला माना जाता था वहीं नारी आज देश और दुनिया की कमान संभाल रही है। छात्रा शोभा बालोटिया ने कहा कि नारी के कर्इ रूप हैं, नारी जननी है, मार्गदर्शिका है, बेटी है, बहन है, प्रेमिका है, पत्नी है और सच कहें तो नारी नारायणी भी है। इसी तरह अनेक छात्र-छात्राओं ने भाषण के जरिए अपनी अभिव्यकित में नारी को सम्मान दिया। वहीं नारे लेखन में अनेक सकारात्मक नारे सामने आए। निबंध प्रतियोगिता में अनेक विधार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में दस गु्रप के जरिए बीस छात्र-छात्राओं ने भाग लिया और तीन टीमें विजेता रही। इसी तरह महेंद प्रतियोगिता में भी करीब 25 छात्राओं ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के अंत में पीएमओ डा. एचके सिंगल ने प्रश्नोत्तरी में विजेता रहे छात्राओं को पुरस्कृत किया।
ये रहे विजेता
जिला आर्इर्इसी समन्वयक विनोद बिश्नोर्इ ने बताया कि प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के खुले मंच में रीना कुमारी, सावित्री, सुमन चौपड़ा, भजनलाल, सीमा जैन, परमेश्वरी, सुशिला व रमिना बानो विजेता रहे। इसी तरह ग्रुप में दिलीप पालीवाल व हनुमान प्रथम, मोहनलाल व अमराराम द्वितीय एवं मोतीलाल व महिपाल तृतीय रहे। भाषण प्रतियोगिता में सूरज कला प्रथम, दिलीप पालीवाल द्वितीय व मीना चौधरी तृतीय रहीं। महेंदी प्रतियोगिता में उर्मिला प्रथम, सुशीला द्वितीय एवं सुनीला कुमावत तृतीय स्थान पर रहीं। नारे लेखन में सरला प्रथम, शोभा बालोटिया द्वितीय और रेणुका सोनी तृतीय स्थान पर रहीं। निबंध प्रतियोगिता के परिणाम सोमवार को जारी किए जाएंगे। सभी विजेताओं को जिला स्वास्थ्य भवन में जिलास्तरीय कार्यक्रम में पुरस्कृत किया जाएगा।
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आशाओं ने किया महिला थाने का निरीक्षण
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आशा सहयोगिनियों और अन्य महिलाओं को महिला थाने का निरीक्षण करवाया। इस दौरान विभाग के जिला आशा समन्वयक राकेश भाटी और जिला आर्इर्इसी समन्वयक विनोद बिश्नोर्इ ने आशाओं का नेतृत्व किया। वहीं थाने में महिला कांस्टेबल एवं अन्य स्टाफ ने महिलाओं को थाने की संपूर्ण गतिविधियों की जानकारी दी। उन्हें एचएम कक्ष, थानाधिकारी कक्ष, बैरिक आदि स्थानों का निरीक्षण करवाते हुए अन्य जानकारी दी। महिलाओं ने भी पुलिस अधिकारियों से सवाल किए, जिसके उन्हें संतोषपूर्ण जवाब मिलेे। महिलाओं को उनके अधिकारों एवं एफआर्इआर आदि के बारे में बताया गया। इस दौरान आशा सुपरवार्इजर हरिकिशन व जगदीश प्रसाद मौजूद थे।
कार्यक्रम के दौरान भाषण स्पद्र्धा में पूनम जांगिड़ ने कहा कि महिलाओं के अधिकारों को लेकर भारत समेत पूरी दुनिया में हर पल आवाजें उठती रहती हैं। हर जगह महिलाओं को दबी कुचली मान कर उन पर बहस छिड़ जाती है। जबकि सच पूछिए तो हर महिला प्रेरणा का एक स्रोत है। छात्रा मीना कुमारी ने कहा कि अनेक चुनौतियों को दरकिनार कर जिन महिलाओं ने जो विशेष मुकाम हासिल किया वह वास्तव में सराहनीय है। जहां पहले नारी को अबला माना जाता था वहीं नारी आज देश और दुनिया की कमान संभाल रही है। छात्रा शोभा बालोटिया ने कहा कि नारी के कर्इ रूप हैं, नारी जननी है, मार्गदर्शिका है, बेटी है, बहन है, प्रेमिका है, पत्नी है और सच कहें तो नारी नारायणी भी है। इसी तरह अनेक छात्र-छात्राओं ने भाषण के जरिए अपनी अभिव्यकित में नारी को सम्मान दिया। वहीं नारे लेखन में अनेक सकारात्मक नारे सामने आए। निबंध प्रतियोगिता में अनेक विधार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में दस गु्रप के जरिए बीस छात्र-छात्राओं ने भाग लिया और तीन टीमें विजेता रही। इसी तरह महेंद प्रतियोगिता में भी करीब 25 छात्राओं ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के अंत में पीएमओ डा. एचके सिंगल ने प्रश्नोत्तरी में विजेता रहे छात्राओं को पुरस्कृत किया।
ये रहे विजेता
जिला आर्इर्इसी समन्वयक विनोद बिश्नोर्इ ने बताया कि प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के खुले मंच में रीना कुमारी, सावित्री, सुमन चौपड़ा, भजनलाल, सीमा जैन, परमेश्वरी, सुशिला व रमिना बानो विजेता रहे। इसी तरह ग्रुप में दिलीप पालीवाल व हनुमान प्रथम, मोहनलाल व अमराराम द्वितीय एवं मोतीलाल व महिपाल तृतीय रहे। भाषण प्रतियोगिता में सूरज कला प्रथम, दिलीप पालीवाल द्वितीय व मीना चौधरी तृतीय रहीं। महेंदी प्रतियोगिता में उर्मिला प्रथम, सुशीला द्वितीय एवं सुनीला कुमावत तृतीय स्थान पर रहीं। नारे लेखन में सरला प्रथम, शोभा बालोटिया द्वितीय और रेणुका सोनी तृतीय स्थान पर रहीं। निबंध प्रतियोगिता के परिणाम सोमवार को जारी किए जाएंगे। सभी विजेताओं को जिला स्वास्थ्य भवन में जिलास्तरीय कार्यक्रम में पुरस्कृत किया जाएगा।
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आशाओं ने किया महिला थाने का निरीक्षण
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आशा सहयोगिनियों और अन्य महिलाओं को महिला थाने का निरीक्षण करवाया। इस दौरान विभाग के जिला आशा समन्वयक राकेश भाटी और जिला आर्इर्इसी समन्वयक विनोद बिश्नोर्इ ने आशाओं का नेतृत्व किया। वहीं थाने में महिला कांस्टेबल एवं अन्य स्टाफ ने महिलाओं को थाने की संपूर्ण गतिविधियों की जानकारी दी। उन्हें एचएम कक्ष, थानाधिकारी कक्ष, बैरिक आदि स्थानों का निरीक्षण करवाते हुए अन्य जानकारी दी। महिलाओं ने भी पुलिस अधिकारियों से सवाल किए, जिसके उन्हें संतोषपूर्ण जवाब मिलेे। महिलाओं को उनके अधिकारों एवं एफआर्इआर आदि के बारे में बताया गया। इस दौरान आशा सुपरवार्इजर हरिकिशन व जगदीश प्रसाद मौजूद थे।
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