"हम क्या गए, बिजली भी गई"
सीकर। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वसुंधरा राजे अध्यक्ष के रूप में इस पहली सभा के पांडाल में भीड़ देखकर उत्साह से लबरेज नजर आई। उन्होंने संबोधन के दौरान पार्टी में स्थानीय राजनीतिक सामंजस्य बैठाने का काम किया। राजे ने संबोधन के दौरान शेखावाटी के संस्थापक के रूप में राव शेखा को याद किया, वहीं स्वामी केशवानंद को शिक्षा के लिए समर्पित बताते हुए नमन किया। मंच पर भी राजे ने प्रेम सिंह बाजोर, फिर सुभाष्ा महरिया और हरिराम रणवां से बात की।
इस दौरान सबको लगा कि बातचीत का मुद्दा भाजपा की गुटबाजी है। हालांकि नेताओं का कहना था की वसुंधरा ने उनसे सरकार के कामकाज और आरपीएससी से भर्ती करवाने के मुददे पर चर्चा की थी। जिले के तीनों नेताओं से राजे ने हैलीपेड पर भी पांच मिनट तक बात की।
छाया रहा केसरिया
शिक्षण संस्थान राजपूत समाज की ओर से संचालित होने के कारण सभा पूरी तरह से केसरिया रंग में नजर आई। सभा में सभी जाति वर्ग के लोग थे, लेकिन सर्वाधिक संख्या राजपूत समाज के लोगों की थी। सीकर, झुंझुनूं, चूरू के अलावा नागौर व अजमेर से भी लोग आए थे। भाजपा नेता प्रेमसिंह बाजोर अधिक सक्रिय नजर आए। यहां उनका शक्ति प्रदर्शन भी दिखा। दानदाताओं ने भी खुला हाथ दिखाया।
शिक्षा पर दिया जोर
सभा में वसुंधरा राजे को देखने, मिलने और सुनने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं आई । राजे ने भी उन्हे निराश नहीं किया। कांग्रेस सरकार पर प्रहार के साथ उनका संबोधन महिला शिक्षा पर केन्द्रित रहा। उन्होंने कहा कि जाति दो ही होती है। एक महिला और दूसरी पुरूष्ा। दोनों एक दूसरे के पूरक हैँ और साथ मिलकर काम करेंगे तो प्रदेश आगे बढ़ेगा।
शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है। महिलाओं को संबोधित करते हुए राजे ने कहा कि मैं भी आपके बीच से ही निकली हूं। प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी। इसमें शिक्षा का बड़ा योगदान रहा। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, राज्यपाल माइग्रेट आल्वा, लोकसभा में नेता प्रतिप्रक्ष सुषमा स्वराज की सफलता के पीछे भी शिक्षा का ही हाथ बताया।
सर्वसमाज का रहा मंच
मंच पर राजपूत समाज के नेताओं के अलावा सर्वसमाज के लोगों को स्थान दिया गया गया। भाजपा नेता मानवेन्द्र सिंह जसोल, भवानी सिंह राजावत, राजेन्द्र सिंह राठौड़, भगवान सिंह रोलसाहबसर, प्रेम सिंह बाजोर, राजेन्द्र सिंह जेरठी के अलावा भाजपा नेता सुभाष महरिया, भाजपा जिला अध्यक्ष हरिराम रणवां, गोवर्घन वर्मा, गजानंद कुमावत, महेश शर्मा, शीला चौधरी, फूलचंद गुर्जर, युनूस खां, हरीश कुमावत, बृज मोहन मीणा, जगदीश यादव, प्रभूदयाल शर्मा, शंकर सिंह दीपपुरा, डॉ. राखी राठौड़, गजेन्द्र सिंह शेखावत भी मौजूद थे। हालांकि पूर्व विधायक राजकुमारी शर्मा भी मंच पर गई थी, लेकिन उनका स्थान तय नहीं होने के कारण कार्यकर्ताओं ने उन्हें वापस भेज दिया। भाजपा विधायक बंशीधर खंडेला भी मंच से नीचे एक तरफ कुर्सी डालकर बैठे हुए थे।
वाहनों की कतारें-जाम
कार्यक्रम में आने वाले सभी वाहनों के कारण धोद रोड बाइपास से लेकर नाथावतपुरा के बीच वाहनों की लम्बी कतार लग गई। इस कारण कई देर तक जाम की स्थिति बनी रही। कार्यक्रम में क्षत्रिय युवक संघ के कार्यकर्ता केसरिया रंग का फीता गले में डालकर व्यवस्था में लगे हुए थे।
भीड़ के अलग-अलग दावे
कार्यक्रम में लोगों की अपार भीड़ देखकर लोग कयास लगाते रहे। पुलिस सूत्रों के अनुसार भीड़ की संख्या करीब 50 हजार रही। वहीं आयोजकों व भाजपा कार्यकर्ताओं के अनुसार यह संख्या ज्यादा थी। कार्यक्रम में पुरूष्ाों के साथ ही महिलाओं की संख्या भी खासी तादात रही। दोपहर 12 बजे से पांडाल में बैठी भीड़ साढ़े चार बजे तक डटी रही।
दोपहर 1.35 बजे पहुंची राजे
सवा 11 बजे शुरू होने वाले कार्यक्रम करीब एक घंटे देरी से शुरू हो पाया। बाद में करीब एक बजकर 35 मिनट पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे का हैलीकॉप्टर हैलीपेड पर उतरा। साढ़े चार घंटे बाद पांच बजे हैलीकॉप्टर वापस रवाना हुआ। वसुंधरा राजे ने करीब 40 मिनट तक लोगों को संबोधित किया।
मिलने के लिए लगी कतार
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से मिलने के लिए महिलाओं में खास क्रेज देखने को मिला। कार्यक्रम के बाद राजे भोजन के लिए छात्रावास में चली गई। इस दौरान गेट के पास महिलाओं की कतार लगी। करीब बीस मिनट तक वापस आने पर सभी महिलाओं ने प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात की।
बेटी बचाओ की प्रस्तुति जीता दिल
कार्यक्रम में संस्थान की छात्राओं ने बेटी बचाओं और बेटी पढ़ाओं की थीम पर सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने अपने भाषण में भी तारीफ की। इसके अलावा महिलाओं ने भी कार्यक्रम को काफी पसंद किया।
राजस्थानी भोजन को किया पंसद
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को दाल, बाटी, चूरमा भी खूब पसंद आया। इस दौरान उन्होंने कैर-सांगरी की सब्जी व बाजरे की रोटी का आनंद लिया।
भामाशाहों का सम्मान
कार्यक्रम में मेघराज सिंह रोयल ने नया भवन बनाने की घोषणा की। इसमें डेढ़ से दो करोड़ का खर्चा आएगा। वहीं पूर्व विधायक प्रेमसिंह बाजौर ने 51 लाख रूपए देने की घोषणा की। कार्यक्रम में दो लोगों ने 16 लाख रूपए का गुप्त दान भी दिया। इस दौरान भामाशाह नवलसिंह, किशोर सिंह, रतन सिंह तुर्रा, खेतसिंह, अमरसिंह बाहिदपुरा, मनोहर सिंह, दिलीप सिंह, गोपालसिंह, नाहरसिंह, शंकर सिंह बूलर, नरपत सिंह, मंगेज सिंह, विशनसिंह अलोदा, कानसिंह खाडिया, फतेह सिंह, श्यामसिंह, किशोर सिंह, आजाद सिंह राठौड़, भंवर सिंह मकोड़ी, धूड़सिंह, रामसिंह व राजेन्द्र सिंह जेरठी सहित कई भामाशाहों का सम्मान किया गया।
इन्होंने किया स्वागत: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का शंकर सिंह दीपपुरा, गोरधन वर्मा, जगदीश यादव, बृजमोहन मीणा, फूलचंद गुर्जर, हरीश कुमावत, शीला चौधरी, चंदादेवी, अंजू शेखावत, सहित कई भाजपा नेताओं ने स्वागत किया। कार्यक्रम में राजपूत समाज के लोगों ने वसुन्धरा राजे को ग्वालियर घराने के सिक्के भी भेंट किए।
शिक्षा पर दिया जोर
सीकर। सभा में वसुंधरा राजे को देखने, मिलने और सुनने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं आई । राजे ने भी उन्हे निराश नहीं किया। कांग्रेस सरकार पर प्रहार के साथ उनका संबोधन महिला शिक्षा पर केन्द्रित रहा। उन्होंने कहा कि जाति दो ही होती है। एक महिला और दूसरी पुरूष्ा। दोनों एक दूसरे के पूरक हैँ और साथ मिलकर काम करेंगे तो प्रदेश आगे बढ़ेगा। शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है। महिलाओं को संबोधित करते हुए राजे ने कहा कि मैं भी आपके बीच से ही निकली हूं। प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी। इसमें शिक्षा का बड़ा योगदान रहा। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, राज्यपाल माइग्रेट आल्वा, लोकसभा में नेता प्रतिप्रक्ष सुषमा स्वराज की सफलता के पीछे भी शिक्षा का ही हाथ बताया।
विश्वविद्यालय स्थापित होते तो चार बैच निकल जाते
सीकर, अलवर व भरतपुर विश्वविद्यालय की स्थापना में देरी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री ने कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि राजनीति के साथ मानवता भी जरूरी होती है। उन्होंने कहा कि यदि तीनों विश्वविद्यालय स्थापित होते तो अब तक चार बैच के विद्यार्थी पास होकर निकल गए होते।
...और तालियां
भाषण के अंत में राजे ने कविता की कुछ पंक्तियां पढ़ी। कहा कि, सरस्वती का रूप है नारी, लक्ष्मी का अवतार है नारी, जब बढ़ जाए अत्याचार तो दुर्गा का नवरूप है नारी। इस पर सभा में मौजूद लोगों ने जमकर तालियां बजाई।
वक्ताओं ने यह कहा
नारी शिक्षा से समाज की सोच में बदलाव संभव है। ईश्वर प्राप्ति के अलावा किसी में भी सुख नहीं है। सत्ता व उद्योग-धंधे आवश्यक हैं, लेकिन इनसे मोह अच्छा नहीं है। यथा राजा तथा प्रथा होती है। इसलिए राजा को ईश्वर की भक्ति पर जोर देना होगा। उन्होंने संस्थान पदाधिकारियों से कहा कि यदि अपने संस्थान के कार्यो में दम होगा तो लोग चलकर अपने पास आएंगे।
भगवान सिंह रोलसाहबसर, क्षत्रिय युवक संघ के प्रमुख
दुर्गा महिला शिक्षण संस्थान की ओर से बालिकाओं को शिक्षा के साथ संस्कार भी दिए जा रहे हैं। भाजपा सरकार ने पिछले कार्यकाल में बालिका शिक्षा के लिए कई योजनाएं शुरू की थी। समय बहुत कम है इसलिए सभी को वसुन्धरा को दुबारा मुख्यमंत्री बनाने के लिए जुटना होगा।
राजेन्द्र सिंह राठौड, विधायक तारानगर
शेखावाटी के शिक्षा के क्षेत्र में निरन्तर कदम आगे बढ़ रहे हैं। यहां पहले सेठ-साहुकारों व राव राजा कल्याण सिंह ने शिक्षा के विकास के लिए काम किया। इसके बाद ग्रामीण महिला शिक्षण संस्थान व कई निजी शिक्षण संस्थाओं ने इस कार्य को आगे बढ़ाया है। आज मध्यप्रदेश व दिल्ली के युवा भी सीकर में पढ़ाई के लिए रहे है। उन्होंने कहा कि शेखावाटी में स्पीड, स्टैन्थ व स्टेमिना है। इसी कारण यहां के युवा देश की सीमाओं पर भी गोली खाने में पीछे नहीं है।
सुभाष महरिया, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भाजपा किसान मोर्चा
क्षत्रिय युवक संघ समाज में शिक्षा, विकास व सामाजिक समरसता का कार्य कर रहा है। उन्होंने पिछली भाजपा सरकार की उपलब्घियों का जमकर गुणगान किया।
युनूस खां, भाजपा नेता
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