सोमवार, 25 मार्च 2013

इंडिया बुल्स कंपनी के दफ्तरों पर हमले

इंडिया बुल्स कंपनी के दफ्तरों पर हमले
मुंबई। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को एक बार फिर इंडिया बुल्स कंपनी के दफ्तर पर हमला किया। 20 से 25 मनसे कार्यकर्ता अमरावती में इंडिया बुल्क पावर लिमिटेड के दफ्तर पहुंचे और तोड़फोड़ शुरू कर दी। कंपनी का दफ्तर कैंप इलाके में आया हुआ है।


रविवार को मुंबई के लोअर परेल इलाके में स्थित कंपनी के दफ्तर में तोड़फोड़ की गई थी। इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लिया था। पांचों मनसे के संगठन महाराष्ट्र नवनिर्माण कामगार सेना से जुड़े हुए हैं।

इंडिया बुल्स के दफ्तरों पर हमले मनसे प्रमुख राज ठाकरे के उस बयान के बाद हुए हैं जिसमें कहा गया था कि सूखा पीडित किसानों का पानी कंपनी को दिया जा रहा है। राज ने अमरावती में एक रैली में धमकी दी थी कि अगर पानी की आपूर्ति नहीं रोकी गई तो गंभीर नतीजे होंगे। उन्होंने कहा था कि खेती का पानी इंडिया बुल्स को देने पर आंदोलन क्यों नहीं होता?

यह है विवाद की वजह

दरअसल पूरा विवाद इंडिया बुल्स के थर्मर पावर प्लांट को लेकर है। विदर्भ के अमरावती जिले के नंदगांवपेठ में इंडिया बुल्स ने 1350 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट लगाया है। प्लांट के लिए इंडिया बुल्स को महाराष्ट्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन(एमआईडीसी) से 1350 एकड़ जमीन मिली है। प्लांट को साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड समेत महाराष्ट्र की सभी एजेंसियों से मंजूरी मिल चुकी है।

विदर्भ सिंचाई विकास निगम ने पावर प्लांट के लिए हर साल 8 करोड़ 76 लाख क्यूबिक पानी देना मंजूर किया है। यह पानी वर्धा डैम से दिया जा रहा है। इंडिया बुल्क को पानी दिए जाने को लेकर बोम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में पानी की आपूर्ति पर रोक लगाने की मांग की गई है। पिछले साल चार अक्टूबर को हाईकोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया। कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने प्लांट के लिए पानी देने का आदेश दिया था।

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