रविवार, 3 मार्च 2013

एक प्रकरण, दो प्राथमिकी व तीन जांच

एक प्रकरण, दो प्राथमिकी व तीन जांच
जोधपुर। नाकाबंदी तोड़कर भागने के दौरान निर्माणाधीन पुल से गहरे गड्ढे में गिरने के कारण चंदणीदेवी विश्नोई तथा उसके हिस्ट्रीशीटर पुत्र शिवलाल विश्नोई की मौत के मामले की तीन स्तर पर जांच होगी। इस घटनाक्रम के सम्बन्ध में सूरसागर थाने में सड़क दुर्घटना और इस्तगासे के जरिए हत्या, हत्या के प्रयास तथा लूट की दो प्राथमिकी दर्ज हो चुकी हैं। अमूमन एक घटना की प्राथमिकी भी एक ही होती है। वहीं, प्रशासनिक जांच तथा डीजीपी के निर्देशन में जयपुर का पुलिस अधिकारी पृथक से अनुसंधान करेंगे।

गौरतलब है कि शिवलाल विश्नोई को पकड़ने के लिए पुलिस ने गत 14 फरवरी को नाकाबंदी करवाई, लेकिन वह नाकाबंदी तोड़कर भाग निकला। पुलिस के पीछा करने पर वह बोलेरो को गंगाणा रोड की तरफ ले गया, जहां कुछ दूर निर्माणाधीन पुल की दीवार तोड़कर बोलेरो गहरे गड्ढे में जा गिरी थी। उसमें सवार शिवलाल, उसकी मां चंदणीदेवी, पत्नी भंवरीदेवी, रूकमा व रमेश को एमडीएम अस्पताल लाया गया, जहां चंदणीदेवी की मौत हो गई थी। जबकि 22 फरवरी को शिवलाल का भी दम टूट गया था। उसका शव शनिवार सुबह एमडीएम अस्पताल की मोर्चरी से परिजनों के सुपुर्द किया गया। बाद में परिजनों के साथ बड़ी संख्या में समर्थकों ने गांव में शव को "माटी" देकर अंतिम संस्कार किया।

एक ही चालान हो सकेगा पेश
जांच के बाद एक मामले में अंतिम प्रतिवेदन लगना तय है। चालान भी एक ही मामले में पेश होगा। दोनों में चालान पेश नहीं हो सकते। हालांकि एफआर दोनों मामले में लग सकती है।

सड़क दुर्घटना का मामला
सूरसागर थाने में दर्ज सड़क दुर्घटना मामले की जांच दुर्घटना थाना (पश्चिम) प्रभारी जितेन्द्र सिंह कर रहे हैं। घटनास्थल, घायल व मृतकों की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी हो चुकी है।

एडीएम को प्रशासनिक जांच
पुलिस कमिश्नर ने चंदणीदेवी की मौत के मामले की प्रशासनिक जांच करवाने का निर्णय किया था। हालांकि कुछ दिन बाद ही शिवलाल की मौत के कारण यह जांच शुरू नहीं हो पाई।

हत्या व जानलेवा हमले का मामला
इस्तगासे के जरिए आठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ 25 फरवरी को हत्या, हत्या का प्रयास तथा लूट का मामला दर्ज किया गया था। सूरसागर थाना प्रभारी मदनलाल बेनीवाल नोटिस से परिवादी व अन्य गवाहों को बयान दर्ज करवाने के लिए बुलावा भेज चुके हैं, लेकिन कोई हाजिर नहीं हुआ।

दूसरी एफआईआर कोर्ट के आदेश पर
आम तौर पर एक ही घटना अथवा वारदात की दो प्राथमिकी दर्ज नहीं होती है, लेकिन कोर्ट के आदेश पर दूसरी प्राथमिकी भी दर्ज की गई। चालान एक ही मामले में होगा। जांच अधिकारी तय होने के बाद दोनों मामले संकलित कर तफ्तीश कराई जाएगी।"
अजयपाल लाम्बा, पुलिस उपायुक्त जोधपुर।

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