1993 मुंबई ब्लास्टः याकूब मेमन को फांसी, संजय दत्त पर फैसला थोड़ी देर में
थोड़ी ही देर में संजय दत्त पर भी फैसला आना है. देश की सबसे बड़ी अदालत 93 बम धमाकों को लेकर दायर की गई अपीलों पर अपना फैसला सुना रही है. मुंबई की टाडा अदालत ने संजय दत्त को आर्म्स एक्ट के तहत छह साल कैद की सजा सुनायी थी. जिसके खिलाफ संजय दत्त ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. संजय दत्त की बहन प्रिया दत्त इस समय सुप्रीम कोर्ट में मौजूद हैं.
वहीं फैसलों के मद्देनजर मुंबई में अलर्ट जारी किया गया है और संजय दत्त के घर के बाहर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. संजय दत्त फिलहाल अपने घर पर मौजूद हैं.
संजय दत्त 18 महीने जेल में गुजार चुके हैं और फिलहाल जमानत पर हैं. अगर सुप्रीम कोर्ट टाडा अदालत के फैसले की पुष्टि कर देता है तो बॉलीवुड हीरो को फिर से जेल जाना पड़ेगा.
टाडा अदालत ने संजय दत्त को गैरकानूनी तरीके से नौ एमएम की पिस्तौल और एके 56 राइफल रखने के जुर्म में नवंबर, 2006 में सजा सुनायी थी, लेकिन अदालत ने उन्हें टाडा कानून के तहत आपराधिक साजिश रचने जैसे गंभीर आरोप से बरी कर दिया था.
मुंबई में 93 ब्लास्ट पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना शुरू हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए याकूब मेनन की फांसी की सजा को बरकरार रखा. बाकी दस भगोड़ों की फांसी की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद में तब्दील कर दी है.
थोड़ी ही देर में संजय दत्त पर भी फैसला आना है. देश की सबसे बड़ी अदालत 93 बम धमाकों को लेकर दायर की गई अपीलों पर अपना फैसला सुना रही है. मुंबई की टाडा अदालत ने संजय दत्त को आर्म्स एक्ट के तहत छह साल कैद की सजा सुनायी थी. जिसके खिलाफ संजय दत्त ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. संजय दत्त की बहन प्रिया दत्त इस समय सुप्रीम कोर्ट में मौजूद हैं.
वहीं फैसलों के मद्देनजर मुंबई में अलर्ट जारी किया गया है और संजय दत्त के घर के बाहर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. संजय दत्त फिलहाल अपने घर पर मौजूद हैं.
संजय दत्त 18 महीने जेल में गुजार चुके हैं और फिलहाल जमानत पर हैं. अगर सुप्रीम कोर्ट टाडा अदालत के फैसले की पुष्टि कर देता है तो बॉलीवुड हीरो को फिर से जेल जाना पड़ेगा.
टाडा अदालत ने संजय दत्त को गैरकानूनी तरीके से नौ एमएम की पिस्तौल और एके 56 राइफल रखने के जुर्म में नवंबर, 2006 में सजा सुनायी थी, लेकिन अदालत ने उन्हें टाडा कानून के तहत आपराधिक साजिश रचने जैसे गंभीर आरोप से बरी कर दिया था.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें