राज्यपाल श्रीमती मार्ग्रेट आल्वा साक्षी बनी कैमल टैंटू शो की
मरु महोत्सव- ‘‘टैटू शो‘‘ के हैरतअंगेज एवं रोमाचंक करतबों ने दर्शकाें को किया रोमांचित
जैसलमेर, 24 फरवरी/ मरु महोत्सव के दूसरे दिन डेडानसर मैदान मे सीमा सुरक्षा बल द्वारा प्रस्तुत किया गया ऊँटों के विभिन्न हैरतअंगेज करतबों वाले ‘‘केमल टैटू शो‘‘ ने दर्शकों को आश्चर्यचकित कर दिया। सीमा सुरक्षा बल के प्रहरियों द्वारा ऊंट के विभिन्न रोमांचकारी करतबों को प्रस्तुत कर मरु भूमि एवं सीमाओं की सुरक्षा में इस मूक पशु रेगिस्तान जहाज ने अपनी महत्ता से अवगत करा दिया।
राज्यपाल श्रीमती माग्र्रेट आल्वा के मुख्यातिथ्य में आयोजित हुए इस हैरतअंगेज कार्यक्रम में प्रमुख शासन सचिव पर्यटन विभाग राकेश श्रीवास्तव, महानिरीक्षक राजस्थान सीमान्त सीमा सुरक्षा बल पी.सी मीणा, जिला कलक्टर शुचि त्यागी, पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी,उपमहानिरीक्षक सीमा सुरक्षा बल जोधपुर पी.एस राठौड, उप महानिरीक्षक जैसलमेर साउथ वी.एस राजपुरोहित उपस्थित थे।
सीमा सुरक्षा प्रहरियों का साथ दिया रेगिस्तान जहाज ने
केमल टैंटू शो में उपसेमादेष्टा अमोलसिंह राठौड़ के नेतृत्व में सीमा प्रहरियों का रेगिस्तान के जहाज ऊंट ने सच्चे साथी का साथ निभाने का सचित्र प्रदर्शन कर दर्शकाें को अचम्भित कर दिया।
ऊॅटाें पर सीमा प्रहरियों द्वारा मार्च पास्ट
कैमल टैंटू शो के अवसर पर विश्व का एक मात्र केमल माउण्टेण्ड बैण्ड एवं इसकी मधुर धुनों पर प्रशिक्षित ऊंटों ने जो करतब दिखाये वे बहुत ही आकर्षित रहे। राजस्थानी गीतो की धुनों पर ‘‘आओ नी पधारो म्हारे देश‘‘ पर ऊंटों की टोली ने आकर्षक मार्चपास्ट किया तथा अतिथियों को सलामी मंच के सामने सलामी देते हुए गुजरे।
बैण्ड मास्टर के नेतृत्व में राजस्थानी लोकगीत की मधुर धुन पर ‘‘ढोला-ढोल मंजीरा बाजे रे‘‘ ‘‘कोरो काजलिया‘‘ ‘‘घूसो बाजे रे महाराज थारे मारवाड में‘‘ ‘‘सागर जानी भरने जाऊ,नजर लग जावे‘‘ ‘‘म्हारी घूमर छै नखराली घूमर रमवा मै ज्यासू‘‘ पर कैमल म्युजिक राईट का प्रदर्शन किया।
ऊंटों पर एक्रोबैट्स
टैंटू शो में सीमा प्रहरियों ने दौड़ते हुए ऊंट पर सवार खड़ी पोजीशन में सैल्यूट दिया वही दौडते हुए ऊॅट पर मयूर पोजीशन, मच्छी पोजिशन का अद्भूत प्रदर्शन कर दर्शको का मन मोह लिया।
सीमा प्रहरियों द्वारा फोरमेशन प्रदर्शन
केमल टैंटू शों में सीमा प्रहरियों ने छः-छः की पंक्ति, 12-12 ऊॅटों की क्रॉसिंग,डाईगनल फोरमेशन, शक्कर पारा फोरमेशन करने, चक्रव्यूह लहरिया, चौराहा, पीपल के पत्ते के फोरमेशन की प्रस्तुति ने दर्शकाें को आश्चर्य चकित कर दिया।
ऊॅटों पर पीटी प्रदर्शन
केमल टैंटू शो में सीमा प्रहरियों ने लेटे हुए ऊॅटो में पीटी का आकर्षक प्रदर्शन किया।
जोकर एवं पणिहारी प्रस्तुति रही सैन्यक
टैंटू शो में जोकर एवं पणिहारी की प्रस्तुति भी रौचक रही एवं जोकर के करतबों को देखकर दर्शक अपनी हंसी रोक नही सके।
बी.ओ.पी आक्रेस्ट्रा का मनोरंजन प्रदर्शन
शो में बल के लतीफ खां लंगा एवं उनके साथियों ने घरों में उपयोग में आने वाले जरीकन चायपत्ती के खाली डिब्बे, बाल्टी, थाली, मंगा, पाउडर के खाली डिब्बे,बेलचा, गैती, साजो पर देश भक्ति गीत ‘‘हम तो सीमा के प्रहरी है, फीदा इस पर हो जायेंगे‘‘ ‘‘ए वतन हमको तरी कसम, तुज पर जान लुटायेगे‘‘ प्रस्तुत कर दर्शकाें की वाहवाही लूटी।
ये थे उपस्थित
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर परशुराम धानका, उपखण्ड अधिकारी रमेशचन्द जैन्थ, उपायुक्त उपनिवेशन देवाराम सुथार, आयुक्त नगरपालिका रामकिशोर माहेश्वरी,उपनिदेशक हनुमानमल आर्य के साथ ही हजारों की संख्या में दर्शकगण, सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी एवं जवानों के साथ ही विदेशी सैलानियो ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई एवं इस हैरत अंगेज रेगिस्तानी जहाज के करतबों को उत्साह के साथ देखा तथा इन कार्यक्रमों को अपने कैमरों में कैद किया।
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राज्यपाल ने सीमा सुरक्षा बल के लोक कलाकारों की हौंसला अफजाई की
जैसलमेर, 24 फरवरी/ मरु महोत्सव के दूसरे दिन रविवार को डेडानसर मैदान में महामहिम राज्यपाल श्रीमती माग्रेट आल्वा के मुख्यातिथ्य में आयोजित सीमा सुरक्षा बल के केमल टैंटू शो में बल के लोक कलाकारों द्वारा आम दिन में उपयोग आने वाले ओजारों को वाद्ययंत्र के रूप में उपयोग लेकर लोकगीत प्रस्तुत किये। राज्यपाल इन लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए गए लोक गीतों से बहुत ही प्रभावित हुई एवं वे अपने आप को कलाकारों के पास जाने से रोक नहीं पाई। राज्यपाल आल्वा ने लोक कलाकार लतीफ खां लंगा एवं उनके साथियों के पास जाकर उन्हें नगद पुरस्कार प्रदान कर उनका उत्साहवद्र्धन किया। इन लोक कलाकारों ने राज्यपाल के साथ फोटो भी खिंचवाये।
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प्रमुख शासन सचिव ने राज्यपाल को स्मृति चिह्न प्रदान किया
जैसलमेर, 24 फरवरी/ मरु महोत्सव के दूसरे दिन डेडानसर मैदान मे आयोजित सीमा सुरक्षा बल के कैमल टैंटू शो के समापन पर राज्यपाल श्रीमती माग्रेट आल्वा को प्रमुख शासन सचिव पर्यटन विभाग राकेश श्रीवास्तव ने स्मृति चिह्न प्रदान किया।
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