रविवार, 24 फ़रवरी 2013

राज्यपाल ने जैसलमेर शहर के पर्यटन स्थलों का भ्रमण किया








राज्यपाल ने जैसलमेर शहर के पर्यटन स्थलों का भ्रमण किया
लोक संस्कृतिपरंपराओं और नैसर्गिक सौन्दर्य ने किया मंत्रमुग्ध
       जैसलमेर,24 फरवरी/राज्यपाल श्रीमती मार्गे्रट आल्वा जैसलमेर की लोक संस्कृतिशिल्प और स्थापत्य कला तथा परंपराओं का दिग्दर्शन कर मुग्ध हो उठी।
       राज्यपाल ने अपनी चार दिवसीय जैसलमेर यात्रा के तीसरे दिन रविवार को जैसलमेर शहर का भ्रमण करते हुए विभिन्न ऎतिहासिक एवं दर्शनीय स्थलों का अवलोकन किया और इन्हें अविस्मरणीय यादगार बताया। राज्यपाल ने पटवा हवेलीसालमसिंह हवेलीगड़ीसर सरोवर आदि स्थलों को देखा तथा इन्हें अनुपम निरूपित किया।
      अद्भुत है पटवा हवेली की नक्काशी
       राज्यपाल ने पटवा हवेली का अवलोकन करते हुए इसकी सूक्ष्म नक्काशी और सुन्दरतम कारीगरी पर मुग्ध होते हुए पाषाण पर कला के इस सूक्ष्म रूप को अवर्णनीय तथा प्राचीन धरोहरों को अप्रतिम बताया।
       राज्यपाल का पटवा हवेली पहुुंचने पर वहां के निवासी राजेन्द्र बाफना एवं उनकी पत्नी श्रीमती मधु बाफना ने पुष्पहार पहनाकर स्वागत किया और पुरातात्विक महत्त्व की हवेली के पुराने झरोखों की मरम्मत आदि के लिए अनुमति का आग्रह किया।
      हवेलियों के संरक्षण के लिए ठोस प्रयासों के निर्देश
       इस पर राज्यपाल ने जिला कलक्टर शुचि त्यागी को निर्देश दिए कि इसके लिए एएसआई से सम्पर्क करें। राज्यपाल ने बाफना दम्पत्ति को आश्वस्त किया कि वे इस बारे में केन्द्रीय संस्कृति मंत्री और भारतीय पुरातत्व संरक्षण विभाग के महानिदेशक से चर्चा करेंगी।        राज्यपाल ने पटवा हवेली के सौन्दर्य से अभिभूत होते हुए कहा कि प्राचीन महत्त्व की इन विलक्षण धरोहरों के संरक्षण के लिए हरसंभव उपाय सुनिश्चित किए जाने चाहिएं।
      धनाराम भील की लम्बी मूंछों ने जगाया आकर्षण
       राज्यपाल ने पटवा हवेली में अपनी सर्वाधिक लम्बी मूँछों के लिए गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड में शुमार स्व. करणाराम भील के नक्शे कदम पर चलकर लम्बी मूँछों का पारिवारिक गौरव बरकरार रखने वाले धनाराम भील ने अपनी लम्बी मूंछें खोलकर राज्यपाल के समक्ष दिखायी। महामहिम ने धनाराम के मौलिक हुनर की तारीफ की और उनके साथ फोटो खिंचवाया।
      हवेली के भीतरी मार्ग को सुन्दर बनाएं
       राज्यपाल श्रीमती मार्गे्रट आल्वा ने पटवा हवेली के आन्तरिक मार्ग को सुन्दर स्वरूप प्रदान करने तथा पूरी तरह साफ-सुथरा बनाए रखने के निर्देश दिए। यहीं पर पार्षद श्रीमती शांति चूरा ने राज्यपाल का स्वागत किया। राज्यपाल ने पार्षद को इस कार्य के लिए पूरा सहयोग देने की बात कही। राज्यपाल श्रीमती मार्गे्रट आल्वा ने सालमसिंह की हवेली को भी देखा तथा इस बारे में जानकारी पायी।
      गड़ीसर सरोवर पर हुई मुग्ध
       राज्यपाल ने रविवार शाम गड़ीसर सरोवर को देखा तथा वहाँ भ्रमण कर इसके बारे में जानकारी पायी। राज्यपाल ने गड़ीसर में लाईट एण्ड साउंड गतिविधियों को बेहतर बनाने के निर्देश दिए और कहा कि इससे गड़ीसर के पर्यटन विकास को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।
       इस दौरान राज्यपाल ने वहां मौजूद विभिन्न प्रान्तों से आए सैलानियों का हाथ हिलाकर अभिवादन स्वीकार किया वहीं जोधपुर जिले के शेरगढ़ के दो स्कूलों से आए छात्रों से बातचीत की और उनकी शिक्षा-दीक्षा के बारे में जानकारी ली। राज्यपाल ने बच्चों के साथ फोटो भी खिंचवाये।
       रावणहत्था लोकवाद्य की स्वर लहरियां सुनी
       गड़ीसर झील पर भ्रमण के दौरान् रावणहत्था लोक वाद्य बजा रहे लोककलाकार को देखा तो वहाँ रुक कर इस अनूठे लोक वाद्य के बारे में कलाकार से जानकारी ली एवं उस यंत्र को अपने हाथों में लेकर बजाने का प्रयास भी किया।
       जैसलमेर के पर्यटन स्थलों के भ्रमण के दौरान् जिला कलक्टर शुचि त्यागीनवनियुक्त जिला पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरीअतिरिक्त जिला कलक्टर परशुराम धानकापर्यटन विभाग के अधिकारी आदि उपस्थित थे। आरंभ में नगर परिषद के आयुक्त आर.के. माहेश्वरी ने राज्यपाल को गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया। राज्यपाल श्रीमती मार्गे्रट आल्वा ने इन दर्शनीय स्थलों के बारे में गाईड़ हरीशगिरि गोस्वामी से विस्तार से ऎतिहासिक महत्त्व की जानकारी दी।

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