सोमवार, 11 फ़रवरी 2013

राजे पर बयान से सवालों के घेरे में गहलोत

राजे पर बयान से सवालों के घेरे में गहलोत
जयपुर। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कथित बयान को लेकर सियासी माहौल गरमाने लगा है। सोमवार को राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे पर दिए बयानों पर भ्रष्टाचार के तथ्य उजागर करने की मांग की हैं। राजनीतिक दलों ने अपने बयानों में गहलोत को घेरते हुए जनता से माफी मांगने और इस्तीफा देने तक की मांग रख दी है।

उल्लेखनीय है कि एक समाचार पत्र के अनुसार गहलोत ने गत रविवार को नागौर में कहा था कि राजे पर कई मामले है और इसे लेकर उच्चमत एवं उच्च न्यायालय से सरकार को नोटिस भी मिले हैं। उन्होंने कहा कि वह प्रदेश में माहौल खराब नहीं चाहते,नहीं तो तमिलनाडु एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्रियों जैसा हाल यहां भी होता।

गहलोत जनता से मांगे माफी

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता भवानी सिंह राजावत ने सोमवार को कहा कि अगर गहलोत के पास वसुंधरा राजे के खिलाफ भ्रष्टाचार को लेकर कोई ठोस प्रमाण है तो प्रदेश की जनता के सामने उजागर करे, नहीं तो मुख्यमंत्री को जनता से माफी मांगनी चाहिए।

राजे-गहलोत की मिलीभगत का अरोप

इसी तरह प्रदेश तृणमूल कांग्रेस के संयोजक विजय सारस्वत ने भी एक बयान जारी कर गहलोत एवं राजे पर मिलीभगत का आरोप लगाया। सारस्वत ने कहा कि जब गहलोत राजे के खिलाफ अनेक मामले बता रहे हैं तो वह राजे के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं कर रहें हैं जबकि गहलोत एवं कांग्रेस ने वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में राजे द्वारा किए गए कथित भ्रष्टाचार की जांच कराने और दोषियों को सजा दिलाने की बात कही थी। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि अगर राजे दोषी है तो उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए, नहीं तो गहलोत को प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।


इस्तीफे की मांग भी

जनता दल (सेक्यूलर)राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष अर्जुन देथा ने गहलोत को पत्र लिखकर उनके इस्तीफे की मांग की। देथा ने कहा कि गहलोत के बयान से लगता है कि उनकी कानून व्यवस्था के प्रति कोई निष्ठा नहीं हैं।

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