सोमवार, 25 फ़रवरी 2013

राज्यपाल श्रीमती माग्र्रेट आल्वा सोनार दुर्ग देख हुई अभिभूत







राज्यपाल श्रीमती माग्र्रेट आल्वा सोनार दुर्ग देख हुई अभिभूत

दुर्ग के कोठडी पाड़ा तोप के पास से किया शहर का दृश्यावलोकन
       

जैसलमेर, 25 फरवरी/ राज्यपाल श्रीमती माग्र्रेट आल्वा ने अपने जैसलमेर यात्रा के चौथे दिन सोमवार को ऎतिहासिक लिविंग फोर्ट के रूप में विश्ववख्यात सोनार दुर्ग का भ्रमण कर दशहरा चौक से राज प्रसाद के कलात्मक महलों को बाहर से देखा एवं उसकी बेजोड़ कला की मुक्त कंठ से सराहना की। राज्यपाल श्रीमती आल्वा सोनार दुर्ग की कलात्मक नक्काशी को देखकर अभिभूत हुई।
      स्वर्णनगरी का विहंगम दृश्य देखा
       राज्यपाल श्रीमती माग्र्रेट आल्वा ने कोठड़ी पाडा में सिटी व्यू पाईंट से शहर के विहंगम दृश्य स्थलों का दृश्यावलोकन किया। उन्होंने यहां से शहर के साथ ही पटवा हवेली,सालमसिंह की हवेली एवं गडीसर के दृश्य को भी देखा। उन्होंने दुर्ग की सकडी गलियों में भी भ्रमण कर लिविंग फोर्ट की स्थिति एवं वहां के ऎतिहासिक स्थलों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। गाईड़ हरीश गिरी गोस्वामी ने राज्यपाल को सोनार दुर्ग के सौन्दर्य कला एवं ऎतिहासिक गाथाओं के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।  
      दुर्ग के प्राचीन सामरिक प्रबंधन को देखा
       राज्यपाल ने दुर्ग भ्रमण के समय 850 वर्ष पुराने किले की सामरिक सुरक्षा व्यवस्था का अवलोकन किया। उन्हें मध्यकालीन युद्ध कला को दृष्टिगत रखते हुए दुर्ग में निर्मित ऎतिहासिक प्रोलों के साथ ही दुर्ग की प्राचीर पर व्यवस्थित रूप से जमाकर रखे गए गोलाकार एवं बेलनाकार पत्थरों के बारे में जानकारी कराई गई जो युद्धकाल में दुर्ग के परकोटे पर चढ़ने वाले दुश्मन के सिपाहियों को नीचे धकेलने के लिए किले से फेंके जाते थे।
      दुर्गवासियों की भागीदारी पर बल
       राज्यपाल श्रीमती आल्वा ने प्राचीन दुर्ग की विशिष्ट वास्तुकला एवं राजप्रसादों की कलात्मकता को राष्ट्रीय धरोहर बताते हुए इस ऎतिहासिक किले के मौलिक स्वरूप को सरक्षित बनाए रखने में दुर्गवासियों की सक्रिय सहभागिता की आवश्यकता प्रतिपादित की।  
       राज्यपाल का दुर्ग में पहुंचने पर दुर्गवासी चन्द्रशेखर श्रीपत ने उनका शाल ओढ़ाकर एवं नगर विकास न्यास के अध्यक्ष उम्मेदसिंह तंवर के साथ ही अरविन्द व्यासयोगेश पुरोहित ने उनको गुलदस्ता एवं दुर्ग की तस्वीर भेंट कर उनका हार्दिक अभिनन्दन किया। यहां पर दुर्ग वासियों ने सोनार दुर्ग में भूमिगत विद्युत लाईन बिछाने एवं दुर्ग में सीवरेज के कार्य को शीघ्र कराने का आग्रह किया। दशहरा चौक में मोर पंखुड़ियों का व्यापार करने वाले सरदार कालीचरण सिंह ने भी राज्यपाल को मोर पंख से बनी पंखी भेंट की।
       राज्यपाल श्रीमती आल्वा ने इस संबंध में जिला कलक्टर शुचि त्यागी से बात की तो जिला कलक्टर ने बताया कि दुर्ग में भूमिगत विद्युत लाईन एवं सीवरेज का कार्य आरयूआईडीपी के माध्यम से शीघ्र ही प्रारम्भ करवाया जा रहा है।
       राज्यपाल ने दुर्ग में कलात्मक हवेलियोंपत्थर की नक्काशी से बनी जाली के झरोखों को भी बारीकी से देखा एवं इस पत्थर की नक्काशी की तारीफ की। यहां  दुर्गवासियों ने राज्यपाल के साथ अपनी फोटो खिंचवाकर अपने आप को गद्गद् महसूस किया। राज्यपाल ने दुर्ग में आने वाले पर्यटकों से भी जैसलमेर शहर के बारे में जानकारी ली एवं पर्यटकों की इच्छा पर उनके साथ फोटो भी खिंचवायें।       इस अवसर पर जिला कलक्टर शुचि त्यागीजिला पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरीअतिरिक्त जिला कलक्टर परशुराम धानका सहित अनेक अधिकारी उपस्थित थे।      
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राज्यपाल पहुंची काणोद गाँवग्रामीणों से जानी लोक जीवन की हलचलें,
समस्याओं के बारे में ली जानकारी
       जैसलमेर, 25 फरवरी/ राज्यपाल श्रीमती माग्र्रेट आल्वा ने सोमवार को जैसलमेर जिले के ग्रामीण अंचलों का भ्रमण किया तथा ग्रामीणों की समस्याओं को सुना।
       राज्यपाल ने सोमवार को मोहनगढ़ दौरे के वक्त काणोद गांव में गाड़ी रुकवायी तथा वहां मौजूद ग्रामीणों से  ग्राम्य लोक जीवनखेती-बाड़ी और पशुपालनसम सामयिक हालातों तथा ग्रामीणों की समस्याओंग्राम्य विकास की योजनाओं व कार्यक्रमों के बारे में ग्रामीण महिलाओं एवं पुरुषों से चर्चा की।
       राज्यपाल को ग्राम पंचायत के सरपंच तथा ग्रामीणों ने ग्राम्य समस्याओं की जानकारी दी और बताया कि मोहनगढ़ से नहरी पानी पेयजल परियोजना के अन्तर्गत उनके गांव से होकर पाईप लाईन के जरिये जैसलमेर की ओर पहुंच रहा है लेकिन उनके गांव तथा आस-पास के क्षेत्र में पानी की समस्या है। ऎसे में ग्रामीणों को टैंंकरों से पेयजल प्राप्ति के जतन करने पड़ रहे हैं और इस पर काफी व्यय आता है।
राज्यपाल से काणोद के ग्रामीणों ने लड़कियों के लिए अलग से स्कूल खुलवाने का आग्रह किया। इन सभी पर राज्यपाल ने कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।
       राज्यपाल ने गांव में शिक्षा की व्यवस्था के बारे में ग्रामीणों से पूछा। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में सैकण्डरी स्कूल है जिसमें आठ शिक्षक हैं तथा वे बराबर आते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में एएनएम की सुविधा उपलब्ध है बच्चों को बराबर पोषाहार भी मिल रहा है। राज्यपाल ने ग्रामीणों की चिकित्सा सेवा के बारे में पूछा। इस पर ग्रामीणों ने बताया कि गांव में ज्यादा बीमार हो जाने पर 40 किमी दूर जैसलमेर अथवा 25 किमी दूर मोहनगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जाकर ईलाज कराते हैं।
       राज्यपाल को पास ही तालाब पर महानरेगा के अन्तर्गत चल रहे कार्य की जानकारी मिलने पर वे तालाब की पाल पर चढ़कर तालाब के मुहाने पहुंची तथा वहाँ काम की जानकारी पायी। राज्यपाल ने कार्य की प्रकृतिश्रमिकों को भुगतान की स्थिति आदि के बारे में पूछा। वहाँ काम पर लगी महिलाओं ने राज्यपाल को बताया कि नाड़ी खुदाई का कार्य चल रहा है। राज्यपाल ने वहां मौजूद सरपंच से पूरी पारदर्शिता के साथ काम करने के निर्देश दिए।
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राज्यपाल ने मोहनगढ़ किले को देखाग्रामीणों की चौपाल में समस्याएं सुनी
       जैसलमेर, 25 फरवरी/राज्यपाल श्रीमती मार्गे्रट आल्वा ने जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ स्थित प्राचीन दुर्ग को देखा तथा इसके प्रांगण में क्षेत्रीय ग्रामीणों की चौपाल में समस्याएं सुनी।  राज्यपाल ने मोहनगढ़ किले को सुन्दर और बेहतरीन बताया और इसके पर्यटन विकास की जरूरत बतायी और कहा कि पर्यटकों की यहां आवाजाही बढ़ने से क्षेत्रीय आर्थिक विकास पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
       राज्यपाल का क्षेत्रीय ग्रामीणों ने तिलक लगायागुलदस्ता भेंट किया और शॉल ओढ़ाकर अभिनंदन किया तथा मोहनगढ़ किले की रंगीन तस्वीर भेंट की।  राज्यपाल ने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना तथा आश्वासन दिया कि इसके लिए वे प्रयास करेंगी। इस दौरान जैसलमेर पंचायत समिति के प्रधान मूलाराम चौधरी ने भी नहरी क्षेत्रों के विकास के लिए विशेष गतिविधियों का आग्रह राज्यपाल से किया।
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राज्यपाल ने इन्दिरा गांधी नहर का अवलोकन किया,
नहरी क्षेत्रों में सिंचाई सुविधाओं की जानकारी ली
       जैसलमेर, 25 फरवरी/राज्यपाल श्रीमती मार्गे्रट आल्वा ने सोमवार को इन्दिरा गांधी नहर परियोजना से संबंधित गतिविधियों का दौरा किया और नहरी क्षेत्रों को देखा। उन्होंने मोहनगढ़ में इंदिरा गांधी नहर की मुख्य नहर का  अवलोकन किया तथा नहरी जल प्रबंधनसिंचाई गतिविधियोंविभिन्न नहरों की प्रणालियों आदि का अवलोकन किया तथा इनके बारे में संबंधित अधिकारियों से जानकारी ली।
       राज्यपाल ने मुख्य नहर तथा संबंधित नहरों में जलप्रवाह को देखा तथा इससे मरुभूमि में आए बदलाव तथा बहुआयामी विकास के बारे में जानकारी ली। राज्यपाल ने इन्दिरा गांधी नहर जीरो आरडी पर सिंचाई विषयक प्रदर्शनी को देखा तथा इसमें प्रदर्शित छायाचित्रोंमानचित्रों आदि को देखा तथा इनके बारे में अधिकारियों से चर्चा की।
       राज्यपाल ने इन्दिरा गांधी नहर परियोजना के सेवा क्षेत्रों और नहरी पानी के पेयजल के रूप में इस्तेमालपाईप लाईन मार्ग आदि की जानकारी ली और रास्ते में आने वाले गांवों में पेयजल समस्या के निराकरण की दृष्टि से नहरी पेयजल पाईप लाईन से पानी उपलब्ध कराने की संभावनाओं के बारे में अधिकारियों से तकनीकि जानकारी ली।
       राज्यपाल ने नहर के समीप वन विभाग के विश्राम गृह चिंकारा हट में कुछ देर विश्राम किया। वहां उनसे मुलाकात करने के लिए आयी वन विभाग की महिला कार्मिकों ने राज्यपाल का स्वागत किया। राज्यपाल ने इन महिला कार्मिकों से उनकी घर-गृहस्थीतनख्वाह के बारे में पूछा। इन महिलाओं से राज्यपाल ने काफी देर बातचीत की।  वहीं पर वन विभाग की महिला वन रक्षकोंं ने भी राज्यपाल से मुलाकात की। राज्यपाल ने इनसे अपने काम-काज के बारे में पूछा।
       इन्दिरागांधी नहर चमत्कार ही है मरुक्षेत्र के लिए
       राज्यपाल श्रीमती मार्गे्रट आल्वा ने इन्दिरा गांधी नहर परियोजना की बदौलत मरुस्थल में आए बदलाव को कायापलट की संज्ञा दी और कहा कि इससे क्षेत्र में आर्थिक एवं सामाजिक विकास के कई नए सुनहरे आयाम स्थापित हो रहे हैं।
       राज्यपाल ने नहर के मुहाने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा - मैं इससे पूर्व इस नहर पर सन् 1987 में आयी थी। उस वक्त जल रिसाव(सीपेज) की समस्या थी। हर तरफ रेत ही रेत थी। नहर के काम की बदौलत जादुई परिवर्तन आया है। वृक्षों के विस्तार ने मरु प्रसार को रोका है तथा रेतीले क्षेत्र का विस्तार थमा है। मेरी सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं...। वन विभाग तथा नहर परियोजना एवं राजस्व से संबंधित अधिकारियों ने राज्यपाल को वन विकास एवं विस्तारसिंचाई प्रबन्धन तथा आंचलिक विकास के विभिन्न आयामों के बारे में जानकारी प्रदान की।
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राज्यपाल को जैसलमेर यात्रा की एलबम भेंट
       जैसलमेर, 25 फरवरी/राज्यपाल श्रीमती मार्गे्रट आल्वा की चार दिवसीय जैसलमेर यात्रा पर केन्दि्रत फोटो एलबम सोमवार शाम जैसलमेर जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने जैसलमेर रेल्वे स्टेशन पर भेंट कीं। राज्यपाल ने एलबम को देखा तथा इसके लिए जिला कलक्टर को धन्यवाद दिया।
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राज्यपाल श्रीमती मार्गे्रट आल्वा को जैसलमेर से विदाई
       जैसलमेर, 25 फरवरी/राज्यपाल श्रीमती मार्गे्रट आल्वा चार दिवसीय जैसलमेर यात्रा पूरी कर सोमवार शाम इंटरसिंटी एक्सप्रेस से जयपुर के लिए प्रस्थान कर गई। जैसलमेर रेलवे स्टेशन पर जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने उन्हें भावभीनी विदाई दी।
       इस मौके पर जैसलमेर नगरपरिषद के सभापति अशोक तंवर ने राज्यपाल को उनकी जैसलमेर यात्रा की फोटो एलबम भेंट की। इस मौके पर जिला पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरीअतिरिक्त जिला कलक्टर परशुराम धानकाउपखण्ड अधिकारी रमेशचन्द्र जैन्थ सहित कई अधिकारी उपस्थित थे।
       इससे पूर्व जैसलमेर सर्किट हाउस में राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। यहां समाजसेवी मानसिंह देवड़ाजितेन्द्र सिसोदियारामकंवर देवड़ा आदि ने उन्हें विदाई दी।
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धोरो की धरती पर बही लोक लहरियों की सरिताएं
जमकर लुत्फ उठाया हजारों सैलानियों ने
विदेशी मेहमान भी हुए मदमस्त
       जैसलमेर, 25 फरवरी/ अंतर्राष्ट्रीय मरु मेले ने धोराें की धरती जैसलमेर में लोक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का अनूठा कुंभ दर्शा दिया जहां धोरों की धरती के पर्यटन स्थलोंरेत के टीबों तथा लोक परम्पराओं के दिग्दर्शन के साथ ही हजारों देशी-विदेशी पर्यटकों के साथ ही सरहदी क्षेत्रों के स्थानीय बाशिंदों ने भी जमकर मनोरंजन किया।
       परम्परागत मरु महोत्सव के अंतर्गत हुई लोक संस्कृति जगत की उन हस्तियों ने अपने फन का जादू बिखेरा जिनकी देश-दुनिया में धाक है। इनमें से काफी संख्या में कलाकार ऎसे है जिनके कई कार्यक्रम दुनिया के विभिन्न मुल्कों में धूम मचाते रहे हैं।
       कलाकारों के गढ़ जैसलमेर में मरू महोत्सव के दौरान होने वाले आयोजन अपनी अद्भुत व उम्दा प्रस्तुतियों की वजह से सात समंदर पार तक मशहूर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय मरु महोत्सव के अंतर्गत इस बार भी हुए सांस्कृतिक उत्सवों में रसिकाें ने लोक सांस्कृतिक सरिताओं में जमकर गोते लगाए और खूब आनंद लिया।
       मरु महोत्सव के रात्रिकालीन सांस्कृतिक आयोजनों ने दोनों ही दिन ऎसा समा बाँधा कि हजारों रसिकजन मंत्रमुग्ध हो मस्ती के सागर में गोते लगाते रहे। आयोजनों की शुरूआत नादस्वरम संस्था (जैसलमेर) के कलाकारों शोभा हर्ष एवं शोभा भाटिया द्वारा गणपति वंदना सर्वप्रथम सब ध्याओ गजानन भजन की राग विहाग में प्रस्तुति से हुई। इसमें तबले पर जयप्रकाश हर्षहारमोनियम पर अनिल पुरोहितसिंथेसाइसिस पर रवि शर्मा तथा ढोलक पर हेमंत हर्ष ने संगत की।
       इस दौरान शशि कुमार व पार्टी (बीकानेर) का कच्ची घोड़ी नृत्यमानी पंवार एवं पाटी का भवई नृत्यअन्नू एवं पार्टी का भवई तथा घुटना नृत्यकालूनाथ एवं पार्टी (जोधपुर) का कालबेलिया नृत्यबाबूलाल एवं पार्टी (बूंदी) का बैल नृत्यक्वीन हरीश एवं पार्टी (जैसलमेर) का कालबेलिया नृत्यपुष्कर प्रदीप एवं पार्टी (बाड़मेर) का जंवाई पाँवणा खूब सराहा गया।
       इस दौरान नागर एवं पार्टी (बूंदी) का अलगोजा वादनतगाराम भील एवं पार्टी (मूलसागर) का अलगोजा वादनउमराव खान एवं पार्टी (हिण्डालगोल)थाने खॉ एवं पार्टी (खुहड़ी) और हसन खां एवं पार्टी (जैसलमेर) का राजस्थानी गायन श्रोताओं के दिल को भा गया।
       उदाराम एवं पार्टी (जैसलमेर) का अग्नि तराजू नृत्यअशोक शर्मा व पार्टी (भरतपूर) द्वारा प्रस्तुत शानदार प्रस्तुति फूलों की होली नृत्य लाफ्टर रविन्द्र जानी के छोडे़ हंसी के फव्वारेंगंगा एवं पार्टी (पाली) का तेरहताली नृत्य और फैयाज व सुफूदीन डागर (दिल्लीद्वारा पेश द्रुपद गायन ने मरू महोत्सव के सांगीतिक पक्ष के खूब ऊॅंचाइयों तक पहुॅंचा दिया।
       सांस्कृतिक कार्यक्रम का संयुक्त रूप से संचालन किशोर सिंह राजपुरोहित एवं रविन्द्र हर्ष (बीकानेर) तथा जफर खान (जोधपुर) ने किया।
       मरु महोत्सव के दौरान विश्वविख्यात सोनार किले के बुर्जो पर बूटे खां व लुकमान खां तथा साथी कलाकारोंगड़ीसर झील पर शंकराराम एवं साथी कलाकारोंपटवा हवेली में अकबर खां एवं साथी कलाकारों तथा कुलधरा में लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों ने फिजाओं में माधुर्य घोल दिया।

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