रोटी के बदले अस्मत लूटकर हत्या की मुंबई। महाराष्ट्र के भंडारा जिले में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। लखनी गांव के एक कुंए में तीन बहनों के शव मिले हैं। तीनों की उम्र 11 साल से कम है। बेहद गरीब परिवार की इन तीनों लड़कियों की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई।
कहा जा रहा है कि इन तीनों को कुछ लोग खाना खिलाने का लालच देकर अपने साथ ले गए और फिर बलात्कार किया। पुलिस ने शुरूआत में इस मामले को दुर्घटना के बाद हुई मौत के रूप में दर्ज किया था लेकिन लोगों के जबरदस्त विरोध के बाद बçच्चयों का पोस्टमार्टम कराया गया,जिसमें रेप के बाद हत्या की पुष्टि हुई।
नागपुर रेंज के आईजी राजेंद्र सिंह ने बताया कि रेप,मर्डर और अप्राकृतिक यौनाचार का केस दर्ज किया गया है। मामले में 150 लोगों की जांच के बाद करीब 15 लोगों से पूछताछ की गई। पीडित बच्चियों की मां घरों में छोटे-मोटे काम करती है। 14 फरवरी की शाम जब बच्चियां घर नहीं लौंटी तो परेशान मां ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई।
अगली सुबह पुलिस ने बच्चियों के शवों को ढाबे के पास स्थित कुएं से बरामद किया। जिस जगह बच्चियों की चप्पलें पड़ी मिलीं,वहां शराब को बोतलें भी बरामद हुईं। गांववालों का कहना है कि ढाबों में क्रिमिनल बैकग्राउंड के लोग अक्सर आते-जाते रहते हैं। वे इसकी कई बार शिकायत कर चुके हैं। गरीब मां-बाप की बच्चियां उनका आसान शिकार होती हैं।
कहा जा रहा है कि इन तीनों को कुछ लोग खाना खिलाने का लालच देकर अपने साथ ले गए और फिर बलात्कार किया। पुलिस ने शुरूआत में इस मामले को दुर्घटना के बाद हुई मौत के रूप में दर्ज किया था लेकिन लोगों के जबरदस्त विरोध के बाद बçच्चयों का पोस्टमार्टम कराया गया,जिसमें रेप के बाद हत्या की पुष्टि हुई।
नागपुर रेंज के आईजी राजेंद्र सिंह ने बताया कि रेप,मर्डर और अप्राकृतिक यौनाचार का केस दर्ज किया गया है। मामले में 150 लोगों की जांच के बाद करीब 15 लोगों से पूछताछ की गई। पीडित बच्चियों की मां घरों में छोटे-मोटे काम करती है। 14 फरवरी की शाम जब बच्चियां घर नहीं लौंटी तो परेशान मां ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई।
अगली सुबह पुलिस ने बच्चियों के शवों को ढाबे के पास स्थित कुएं से बरामद किया। जिस जगह बच्चियों की चप्पलें पड़ी मिलीं,वहां शराब को बोतलें भी बरामद हुईं। गांववालों का कहना है कि ढाबों में क्रिमिनल बैकग्राउंड के लोग अक्सर आते-जाते रहते हैं। वे इसकी कई बार शिकायत कर चुके हैं। गरीब मां-बाप की बच्चियां उनका आसान शिकार होती हैं।
ऐसी 2 घटनाओ से मन विचलित हो जाता है पता नहीं वो हिंदुस्तान और उनके ये अंग कब तक अपने अंगो को नोचते रहेंगे बहुत ही दर्द और शर्म नाक धटना
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प्रेमविरह
एक स्वतंत्र स्त्री बनने मैं इतनी देर क्यूँ