बुधवार, 20 फ़रवरी 2013

हिंसक हड़ताल,नेता की हत्या,कारें फूंकी

हिंसक हड़ताल,नेता की हत्या,कारें फूंकी
अंबाला/पटना/नई दिल्ली। ग्यारह मजदूर यूनियनों की ओर से बुलाए गए दो दिनों के बंद की शुरूआत हिंसा से हुई है। हरियाणा के अंबाला में ट्रेड यूनियन नेता नरेंद्र सिंह की बुधवार की सुबह चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई। नरेंद्र सिंह ट्रेड यूनियन एआईटीयूसी के कोषाध्यक्ष थे।

एआईटीयूसी के महासचिव गुरूदास दासगुप्ता ने बताया कि अंबाला बस स्टैंड के पास कुछ असामाजिक तत्वों ने नरेंद्र की हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि हत्या करने वाले हड़ताल के बावजूद बस डिपो से बस ले जाना चाहते थे। दासगुप्ता ने कहा कि नृशंस हत्या के बावजूद हड़ताल जारी रहेगी। उधर नोएडा में फैक्ट्रियों में आग लगा दी गई। उपद्रवियों ने कई कारों को आग के हवाले कर दिया। फैक्ट्री मालिकों का कहना है कि उपद्रवियों ने लूटपाट भी की है। पुलिस से मदद मांगी लेकिन कुछ नहीं हुआ। कई मालिक फैक्ट्रियों में ही फंसे हुए हैं। नोएडा में होजली कॉम्प्लेक्स और फेज 2 में हड़ताल का ज्यादा असर देखा गया है।

उधर दिल्ली में हड़ताल के चलते ऑटो-टैक्सियां बंद है। यहां करीब 70 हजार ऑटो वाले हड़ताल पर हैं। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यात्री ऑटो-टैक्सी के लिए भटक रहे हैं। स्टेशन पर ऑटो-टैक्सी के प्रीपेड काउंटर खुले तो हैं लेकिन यात्रा के लिए जरूरी कूपननहीं मिल रहे हैं।

यात्रियों की परेशानी को देखते हुए कुछ टैक्सी वाले मनमाना किराया वसूल रहे हैं। बताया जा रहा है कि ऑटो और टैक्सी वाले दो-दो हजार रूपए वसूल रहे हैं। दिल्ली में सरकारी बसें चलाने वाली डीटीसी ने सामान्य दिनों की तुलना में करीब एक हजार ज्यादा यानी करीब 5500 बसें सड़कों पर उतारी हैं लेकिन मुसाफिरों को राहत मिलती नहीं दिख रही है। हालांकि दिल्ली में मेट्रो चल रही है।

देश भर में करीब 50 लाख लोगों पर हड़ताल की मार पड़ रही है। ओडिशा और बिहार में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों को रोक दिया है। मध्य प्रदेश,उत्तर प्रदेश और बिहार में भी हड़ताल का असर दिख रहा है। उत्तर प्रदेश में सरकारी बसें नहीं चल रही हैं लेकिन ऑटो.टैक्सी की सेवाएं सामान्य हैं। वहीं मुंबई और कोलकाता में ऑटो-टैक्सी की सेवाएं सामान्य दिनों की तरह चालू हैं।

सरकारी बैंकों के कर्मचारी भी हड़ताल में हैं। इस वजह से उन लोगों को भी परेशानी हो रही हैए जिन्हें पैसे की जरूरत है। हड़ताल के चलते एटीएम में पैसे मंगलवार को ही डाले गए थे। अब दो दिनों तक एटीएम में पैसे नहीं डाले जाएंगे। यही वजह है कि ज्यादातर एटीएम में या तो पैसे खत्म हो गए हैं या उनके बाहर लाइन लगनी शुरू हो गई है।

सरकार ने बैंक कर्मचारियों से अपील की थी कि वे बुधवार से प्रस्तावित दो दिवसीय हड़ताल में शामिल न हों। लेकिन बैंक कर्मचारियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि जहां तक बैंक कर्मचारियों का संबंध है तो उनके पास हड़ताल में शामिल होने का कोई कारण नहीं है। मांग पत्र में ऎसा कोई भी बिंदु नहीं है जिसका संबंध बैंक कर्मचारियों से हो।

मंगलवार सुबह भी ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच बातचीत हुई। लेकिन यह भी सोमवार की तरह बेनतीजा रही। एक अनुमान के मुताबिक ट्रेड यूनियनों की हड़ताल से दो दिन में करीब 20,000 करोड़ रूपए के नुकसान की आशंका है। हड़ताल का आह्वान पार्टी लाइन से ऊपर उठकर बीजेपी समर्थित भारतीय मजदूर संघ, कांग्रेस समर्थित इंडियन ट्रेड यूनियन कांग्रेस,ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस,हिंद मजदूर सभाए सीटूए ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर ने संयुक्त रूप से किया है।

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