शुक्रवार, 22 फ़रवरी 2013

वेंकैया बोले- भाड़ में जाएं गृहमंत्री, कांग्रेस ने भी बताया 'नाकाबिल'

नई दिल्‍ली/हैदराबाद. हैदराबाद धमाकों के बाद गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने लोकसभा और राज्यसभा में बयान दिया। उन्‍होंने कहा है कि स्थिति काबू में है, लेकिन लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्‍वराज ने यह कहते हुए उन्‍हें घेरा कि जब इनपुट पहले से उपलब्‍ध था तो एहतियातन कार्रवाई क्‍यों नहीं की गई? वहीं मीडिया में आई खबरों के मुताबिक कांग्रेस के प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे की काबिलियत पर ही सवाल उठा दिया है। सिंघवी ने कहा कि जब गृह मंत्री का प्रमोशन उनकी कार्यक्षमता के बजाए वफादारी पर हुआ है तो ऐसे में उनसे क्या अपेक्षा की जा सकती है?
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राज्‍यसभा में भाजपा के नेता वेंकैया नायडू ने गृह मंत्री के लिए असंसदीय शब्‍द का इस्‍तेमाल तक कर दिया। उन्‍होंने कहा- भांड में जाएं गृह मंत्री। इसके बाद कांग्रेसी सदस्‍यों ने खूब हंगामा किया और कार्यवाही स्‍थगित करनी पड़ी। सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि गृहमंत्री के बयान में ठोस कारणों के बजाए पुलिस थाने में दर्ज रोजनामचे जैसे ब्यौरे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार में इच्छाशक्ति की कमी है।

राज्यसभा का सत्र दोपहर तीन बजे बाद दोबारा शुरू होने पर विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया। उपसभापति हामिद अंसारी ने घोषणा की कि गृहमंत्री राज्यसभा में हैदराबाद धमाकों पर बयान देंगे लेकिन विपक्षी सांसद शांत नहीं हुए। अंसारी को तीन बार अपनी चेयर से उठकर सांसदों को शांत कराना पड़ा। गृहमंत्री ने हंगामे के बीच ही अपना बयान पढ़ा।
वेंकैया का कहना था कि उन्हें गृहमंत्री के बयान से निराशा हुई है। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री चाहते तो रात में हैदराबाद जाकर सुबह आकर संसद में बयान देते लेकिन वह दोपहर बाद संसद में आए हैं और उच्च सदन में तीन बजे आ रहे हैं। वेंकैया का कहना था कि अब तक विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने भी कोई बयान नहीं दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के पास आतंक से निपटने के लिए कोई नीति नहीं है। सरकार आतंक से निपटने के लिए अपना रोडमैप बताए।

इससे पहले शिंदे ने कहा था, 'धमाकों के लिए आईईडी का इस्तेमाल किया गया है। धमाकों में मारे गए 16 लोगों की मौत पर सरकार को दुख है। केंद्र और राज्य ने मृतकों के परिजनों को मुआवजे की घोषणा की है। फोंरेसिक टीम को काफी सबूत मिले हैं और धमाकों के दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।'

गृह मंत्री के संक्षिप्त बयान के बाद विपक्ष ने उन्हें घेर लिया। नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने कहा कि सुबह से गृहमंत्री के बयान का इंतजार कर रहे थे। लेकिन ये बयान रूटीन में दिया गया है। इससे हमारे सवालों का जवाब नहीं मिला है। सुषमा ने कहा कि नौ साल बाद अफजल को फांसी पर लटकाया। इस काम में इतनी देर क्यों की गई, इसकी प्रतिक्रिया संवेदनशील इलाकों में हो सकती थी। हैदराबाद जैसे संवेदनशील शहर में अलर्ट जारी होना चाहिए था। क्या केंद्र की जिम्मेदारी महज राज्य को सूचना देना है या आतंकी घटना को रोकने में मदद करना भी है। अगर केंद्र सरकार ने मदद की है तो क्या?

सुषमा का कहना था कि आतंकवाद के मसले पर केंद्र राज्य के भरोसे नहीं रह सकता है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद सामान्य कानून प्रक्रिया का मामला नहीं है। दूसरे शहरों में ऐसी आतंकी घटना न हो इसके लिए क्या तैयारी की गई है? ओवैसी का नाम लिए बिना कहा कि उनके भड़काऊ भाषण का इस विस्फोट से कोई संबंध है? आतंकी घटनाओं में मिलने वाले मुआवजे की राशि एक समान क्यों नहीं है? नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि देश सभी नेताओं के कमिटमेंट चाहता है। सभी दलों की सोच में समानता आने पर ही देश आतंकवाद का सामना कर सकता है।

सुषमा के बयान के बाद केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने कहा कि सरकार विपक्ष के सवालों पर संसद में बहस को तैयार है। लेकिन विपक्षी सांसद हंगामा करने लगे। इसके बाद डिप्टी स्पीकर ने लोकसभा को दोपहर 3.30 तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी।

इसी बीच, राज्‍यसभा में गृह मंत्री के बयान की मांग जोर पकड़ने लगी। बताया गया कि गृह मंत्री अभी लोकसभा में बयान दे रहे हैं। इसके बाद वह राज्‍यसभा आएंगे। तब तक के लिए सदन स्‍थगित कर दिया जाए। इस पर वेंकैया ने कहा, 'गृह मंत्री भाड़ में जाएं।'

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