सोमवार, 28 जनवरी 2013

धन्य हुआ कलशाचल, निज धाम बिराजे पीरजी




श्रीमहारुद्र यज्ञ, शिखर कलश स्थापना, ध्वजारोहण, पीर शांतिनाथ महाराज की मूर्ति स्थापना व भंडारा महोत्सव संपन्न


उमड़ा आस्था का ज्वार...




पहुंचे एक लाख से अधिक श्रद्धालु

जन जन के आराध्य पीर शांतिनाथ जी के भंडारा महोत्सव में पहुंचे एक लाख से अधिक श्रद्धालु, पूरा शहर रहा बंद। अनेक प्रवासी भी हुए शामिल। कलशाचल पर पर्वत के चप्पे-चप्पे मौजूद रहे श्रद्धालु।

आतुर रहे श्रद्धालु

मनमोहक प्रतिमा के दर्शन के लिए उमड़ा जनसैलाब। पीरजी की मूर्ति के दर्शन के लिए आतुर रहते थे लोग। छोटे से बुलावे पर भी चले आते थे नाथजी को आज श्रद्धालुओं ने किया नमन।

अथाह जनसमूह

अंतिम यात्रा में उमड़ा अपार जनसमूह, श्रद्धालुओं ने लगाए जयकारे और पुष्प वर्षा कर भंडारे का कार्यक्रम। कलशाचल पर्वत पर नजर आया अथाह श्रद्धा का ज्वार।

  जालोर वाद्ययंत्रों की गूंज के साथ ध्यान मुद्रा, शांत स्वरूप और कठोर तपस्वी नाथजी के भंडारा महोत्सव का समापन रविवार को सैकड़ों साधु संतों की मौजूदगी में हुआ। भंडारा महोत्सव में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। कलशाचल पर्वत भी पीरजी के जयकारों व पुष्य वर्षा से धन्य हो गया। भंडारा महोत्सव में राज्यभर से आए श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। रविवार सवेरे पीरजी की मनमोहक व शांत स्वरूप मुद्रा में विराजित मूर्ति के दर्शन करने के लिए भी श्रद्धालु आतुर नजर आए। मंदिर परिसर में नाथजी के जयघोष से गूंज उठा। उड़ती गुलाल व बैंड बाजों की मधुर धुन के साथ ही सिरे मंदिर भंवर गुफा स्थित मंदिर की प्रतिष्ठा भी हुई। छह दिनों तक चले भंडारा, मूर्ति स्थापना, प्रतिष्ठा महोत्सव में लाखों श्रद्धालुओं ने पीरजी के दर्शन और परिवार के लिए खुशहाली की कामना की। भंडारा महोत्सव की पूर्व संध्या शनिवार को मंदिर परिसर में भजनों की स्वर लहेरिया गूंजती रही। भंडारा महोत्सव के तहत विधायक रामलाल मेघवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का संदेश पढ़कर सुनाया। साथ ही भाजपा जिलाध्यक्ष नारायणसिंह देवल ने भी महोत्सव में पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के संदेश सुनाया। महोत्सव में सीआई मांगीलाल, डिप्टी सत्येंद्रपाल सिंह, यातायात विभाग प्रभारी विष्णुदत्त, पूर्व विधायक जोगेश्वर गर्ग, सत्यनारायण अग्रवाल, कांतिलाल सोनी, बंशीलाल सोनी, खसाराम माली, अमर सिंह, माधो भारती, मनीष जोधवानी, हिंदू युवा संगठन के जिलाध्यक्ष सुरेश, करणराम देवासी, लक्ष्मणसिंह मेवाड़ा समेत कई श्रद्धालु मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन अनिल शर्मा ने किया। 

करीब एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे

सूरज की पहली किरण से पूर्व ही श्रद्धालुओं का रेला पीर शांतिनाथ महाराज के भंडारे में पहुंचने के लिए उत्साहित रहा। तलहटी से लेकर सिरे मंदिर तक श्रद्धालु नाथजी के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। ज्यों-ज्यों सूर्यदेव ने अपनी आभा बिखेरनी शुरू त्यों त्यों श्रद्धालु की तादात भी बढ़ती रही। यहां तक कि दोपहर को सिरे मंदिर की विहंगम पहाड़ी पर भी जगह-जगह श्रद्धालु नजर आए। कई स्थानों पर भीड़ ज्यादा होने से श्रद्धालुओं सिरे मंदिर पहुंचने में काफी समय लगा। पहुंचने के बाद श्रद्धालु कतारों में लगकर पीरजी की मूर्ति के दर्शन किया। दर्शन महाप्रसादी का आनंद लिया। वहीं भंडारे में हजारों की तादात में श्रद्धालुओं ने भंडारे में प्रसादी का आनंद लिया।

भजन गायकों ने बांधा समां

भंडारा व प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत शनिवार शाम को गादीपति गंगानाथ महाराज के सानिध्य में भजन संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया गया। भजन संध्या में गायक कलाकार चेतनगिरी महाराज, मोइनुद्दीन मनचला, चेतनपुरी, किशोर भारती, जोगभारती, पीयूष त्रिवेदी, निर्मलनाथ महाराज, राजू वैष्णव समेत गायकों ने भजनों की प्रस्तुतियां दी। इस मौके उप मुख्य सचेतक रतन देवासी, गोपाराम मेघवाल समेत कई श्रद्धालु मौजूद रहे।

मार्केट रहा बंद

पीरजी के भंडारा महोत्सव व प्रतिष्ठा को लेकर जिला मुख्यालय का बाजार पूर्णत: बंद रहा। इस दौरान लोगों में श्रद्धा व आस्था नजर आई। पूरा शहर भी पीरजी के भंडारे में शरीक हुआ। लोगों ने पीरजी की मू्ति के दर्शन कर पुष्प अर्पित किए।

बाजार रहा बंद

पीरजी के भंडारा महोत्सव व प्रतिष्ठा को लेकर जिला मुख्यालय का बाजार पूर्णत: बंद रहा। इस दौरान लोगों में श्रद्धा व आस्था नजर आई। पूरा शहर भी पीरजी के भंडारे में शरीक हुआ। लोगों ने पीरजी की मूर्ति के दर्शन कर पुष्प अर्पित किए।

जालोर. प्रतिष्ठा महोत्सव के समापन पर साधु-संतों का अभिनंदन किया गया। भास्कर

साधु-संतों का हुआ बहुमान त्न छह दिवसीय भंडारा व प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत गादीपति गंगानाथ महाराज के सानिध्य में साधु संतों का बहुमान हुआ। इस दौरान गादीपति ने विभिन्न राज्यों व जिले से पधारे मठाधीशों को शॉल व भेंट अर्पित की, जिसमें गोरखपुर (उ.प्र.) के महंत अवैधनाथ महाराज, बड़ा आसन राताढूंढा (नागौर) के पीर मंगलनाथ महाराज, शिलेश्वर मठ उम्मेदाबाद (गोल) महंत रावतभारती महाराज, चिडिय़ानाथ का आसन पालासनी जोधपुर के महंत कैलाशनाथ महाराज, कदली मठ मैंगलोर के महंत राजा संध्यानाथ महाराज, हेमशाही मठ कवला महंत हरिपुरी महाराज, थांवला मठ महंत विष्णुभारती महाराज, पीपलेश्वर मठ भैंसवाड़ा महंत रणछोड़भारती महाराज, सारणेश्वर महादेव मंदिर सरत महंत शंकरस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज, ब्रह्मधाम आसोतरा महंत तुलसाराम महाराज, राजाराम आश्रम शिकारपुरा महंत दयाराम महाराज, अस्थरल बोहर हरियाणा महंत चांदनाथ महाराज, बिसनगर मेहसाणा (गुजरात) महंत गुलाबनाथ महाराज, मोहिवाड़ा मठ धुंबड़ा महंत राजभारती महाराज, भालणी मठ महंत देवगिरी महाराज, जागनाथ मठ नारणावास महंत गंगाभारती महाराज, मलकेश्वर मठ महंत सेवाभारती महाराज, बिसलपुर महंत दयानाथ महाराज, पुनास मठ भीनमाल महंत बाबूगिरी महाराज व सुरेश्वर मठ पोडगरा पर्बतगिरी महाराज समेत प्रदेश व जिलेभर में साधु संतों मौजूद रहे।

पंचकुंडीय यज्ञ में दी आहुतियां

प्रतिष्ठा को लेकर सिरे मंदिर प्रांगण में पंचकुंडीय यज्ञ शाला में पिछले तीन दिन से चल हवन कार्यक्रम की पूर्णाहुति हुई। पंडितों के वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यजमानों ने प्रधान हवन कुंड, पूर्व हवन कुंड, पश्चिम हवन कुंड, उत्तर हवन कुंड व दक्षिण हवन कुंड में आहुतियां दी जाएगी। एक तरफ वैदिक मंत्रोच्चार और दूसरे तरफ नाथजी के जयकारों से पूरा परिवेश धार्मिक आस्था के रंग में रंगा रहा।

कलशचल पर्वत पर हुई पुष्प-वर्षा

प्रतिष्ठा व भंडारा महोत्सव के अंतिम दिन कलशाचल पर्वत फूल मालाओं से सुशोभित रहा। मंदिर की प्रतिष्ठा व मूर्ति स्थापना के दौरान लाभार्थी परिवार की ओर से हैलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई। पूरा कलशचल पर्वत फूलों से नहा उठा। महोत्सव के समापन पर लाभार्थी परिवार द्वारा बंदूक से सलामी दी गई।

धूमधाम से हुई प्रतिष्ठा

कलशाचल पर्वत स्थित सिरे मंदिर परिसर में रविवार सुबह शुभ मुहूर्त में गादीपति गंगानाथ महाराज समेत कई साधु-संतों के सानिध्य में मंदिर की प्रतिष्ठा हुई। साथ ही लाभार्थी परिवारों द्वारा मूर्तियों, कलश व इंडा की पूजा अर्चना कर विराजित किया गया। इसके साथ ही पीरजी के समाधि स्थल पर पीर शांतिनाथ महाराज की मूर्ति स्थापित की गई। इस दौरान बैंड बाजों की धुन के साथ पीरजी के जयकारे व उड़ती गुलाल से माहौल भक्तिमय बना रहा। वहीं पंडितों के वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्रीमहारुद्र यज्ञ की पूर्णाहुति हुई। वहीं एक दिन पूर्व शनिवार को सवेरे शुभ मुहूर्त में देवताओं का पंचांग पूजन, महारुद्र यज्ञ आवर्तन और दोपहर में स्थापित देवताओं के लिए हवन, रुद्राभिषेक, शिखर पूजन, देवस्नपन एवं शय्याधिवास व आरती हुई, जिसमें श्रद्धालुओं ने आरती के दर्शन कर मन्नतें मांगी।

 

चढ़ावों के लाभार्थियों का सम्मान आज

भंडारा महोत्सव के तहत सोमवार को गादीपति गंगानाथ महाराज के सानिध्य में विभिन्न चढ़ावों के लाभार्थी परिवार का सम्मान किया जाएगा। आयोजन समिति के बंशीलाल सोनी व माधोभारती ने बताया कि छह दिवसीय महोत्सव के तहत शिखर, कलश, मूर्ति, भोजन, चादर, केशर व पूजा समेत विभिन्न चढ़ावों के लाभार्थी परिवार को माला पहनाकर स्वागत किया जाएगा।



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