सोमवार, 28 जनवरी 2013

सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए निकाला मौन जुलूस


सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए निकाला मौन जुलूस 


भील समाज, करणी सेना, शिव सेना समेत विभिन्न संगठनों में आक्रोश, तीन दिन बाद भी पुलिस नहीं पकड़ पाई दुष्कर्म के आरोपी 

शिव नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों ने कस्बे में मौन जुलूस निकाला। थानाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर मामला दर्ज होने के तीन दिन बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करने पर रोष जताया। साथ ही चेतावनी दी कि आगामी 24 घंटे में दुष्कर्म के आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। सोमवार को भीम समाज का प्रतिनिधि मंडल राज्यपाल के नाम ज्ञापन कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे। 

उपखंड क्षेत्र के पूषड़ गांव की एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला पुलिस थाना शिव में 25 जनवरी को दर्ज करवाया गया था, मगर अभी तक आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है। रविवार को भील समाज के पूर्व जिलाध्यक्ष चांदाराम भील, सचिव जेठाराम व शिव के पूर्व विधायक डॉ. जालमसिंह रावलोत के नेतृत्व में भील समाज, शिव सेना, करणी सेना समेत विभिन्न संगठनों के लोगों ने कस्बे में मौन जुलूस निकाला। यह जुलूस कस्बे से होते हुए पुलिस थाने पहुंचा। जहां पर थानाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग रखी। थानाधिकारी ने आश्वस्त किया कि आरोपियों को गिरफ्तार करने की कार्रवाई जारी है, जल्द ही गिरफ्तार करेंगे। समाज के भवन में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व जिलाध्यक्ष चांदाराम भील ने कहा कि नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज होने के तीन बाद भी आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है। जबकि घानेरी नाडी प्रकरण में घटना के ही दिन आरोपियों को गिरफ्तार कर दिया था। दलित वर्ग की उपेक्षा की जा रही है। आगामी दिनों में उग्र आंदोलन किया जाएगा। पूर्व विधायक डॉ. जालमसिंह रावलोत ने कहा कि तीन दिन से आरोपी खुले में घूम रहे हैं। पुलिस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है। इससे पूरे हिंदु वर्ग में रोष है। बैठक में सोनाराम भील, दानाराम, चुतराराम, चेतनराम, भाजपा ब्लॉक अध्यक्ष पुरुषोत्तम खत्री, भारतीय किसान संघ ब्लॉक अध्यक्ष पूर्णसिंह राजपुरोहित, कल्याणसिंह महाबार, पदमसिंह राजगुरू, भीयाड़ सरपंच मुरारसिंह, छगनसिंह राजपुरोहित, बख्तावरसिंह कोटड़ा समेत बड़ी तादाद में लोग मौजूद थे।

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