इंडिया गेट पर युद्घ स्मारक को लेकर ऐ के एंटोनी और शीला दिक्षित आमने सामने
नई दिल्ली। इंडिया गेट के पास राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बनाए जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने जहां इसपर अपनी आपत्ति जताई है वहीं रक्षा मंत्री ने इंडिया गेट को स्मारक के लिए सही जगह क़रार दिया है। स्मारक बनाने से जुड़ा प्रस्ताव जल्द ही केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
दरअसल इंडिया गेट दिल्ली के लोगों के लिए सैर-सपाटे और घूमने की सबसे पसंदीदा जगह है। अब यहां पर प्रस्तावित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के निर्माण के सवाल पर केंद्र और दिल्ली सरकार आमने-सामने आ गए हैं। रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की आपत्तियों को खारिज करते हुए इंडिया गेट को मेमोरियल के लिए सही जगह करार दिया है।
प्रस्ताव के तहत इंडिया गेट के करीब स्वतंत्रता के बाद शहीद हुए सैनिकों की याद में एक राष्ट्रीय स्मारक का निर्माण किया जाना है। स्मारक की दीवारों पर तमाम शहीदों के नाम लिखे जाएंगे। करगिल युद्ध के बाद से ही इस स्मारक के निर्माण की चर्चा होती रही है। लेकिन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पहले ही रक्षा मंत्री ए के एंटनी, गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और शहरी विकास मंत्री कमलनाथ को चिट्ठी लिखकर इंडिया गेट पर इस स्मारक के निर्माण का विरोध कर चुकी हैं। दो दिनों पहले लिखे अपने पत्र में उन्होंने कहा था कि 'यदि यहां पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बनता है तो इस इलाके में सेना के सुरक्षा के इंतजाम के चलते आम लोगों के लिए इंडिया गेट पहुंचना मुश्किल होगा। ऐसे में बेहतर यह होगा कि दिल्ली में ही कोई दूसरी जगह तलाश कर स्मारक का निर्माण किया जाए।'
वैसे एंटनी के रुख से साफ है कि केंद्र सरकार ने शीला की चि्टठी को दरकिनार कर दिया है। सूत्रों की मानें तो मेमोरियल से जुड़े प्रस्ताव को मंज़ूरी के लिए जल्द ही केंद्रीय कैबिनेट के सामने लाया जाएगा।
दरअसल इंडिया गेट दिल्ली के लोगों के लिए सैर-सपाटे और घूमने की सबसे पसंदीदा जगह है। अब यहां पर प्रस्तावित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के निर्माण के सवाल पर केंद्र और दिल्ली सरकार आमने-सामने आ गए हैं। रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की आपत्तियों को खारिज करते हुए इंडिया गेट को मेमोरियल के लिए सही जगह करार दिया है।
वैसे एंटनी के रुख से साफ है कि केंद्र सरकार ने शीला की चि्टठी को दरकिनार कर दिया है। सूत्रों की मानें तो मेमोरियल से जुड़े प्रस्ताव को मंज़ूरी के लिए जल्द ही केंद्रीय कैबिनेट के सामने लाया जाएगा।
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