सोमवार, 3 दिसंबर 2012

स्वाइन फ्लू से मरी महिला के दाहसंस्कार से भी पीछे हटे परिजन


स्वाइन फ्लू से मरी महिला के दाहसंस्कार से भी पीछे हटे परिजन



परिजनों ने शव को हाथ लगाने से किया इनकार, तहसीलदार ने समझाइश की, शव वाहन से श्मशान पहुंचाया गया शव, स्वाइन फ्लू की दस्तक से सहमे हैं इंदिरा कॉलोनी के लोग

बाड़मेर  इस साल स्वाइन फ्लू से शहर में पहली मौत के बाद सनसनी फैली हुई है। इस बीमारी से हुई मौत की खबर फैलने से दूसरे इलाकों में भी लोग सचेत हो गए हैं। इधर, स्वाइन फ्लू के भय के कारण महिला के परिजनों ने भी शव को हाथ लगाने से इंकार कर दिया। परिजनों को कहना था कि नगर परिषद व प्रशासन ही महिला का अंतिम संस्कार करवाए, वे शव को हाथ नहीं लगाएंगे। मौके पर पहुंचे तहसीलदार ने परिजनों से समझाइश की। फिर भी परिजन शव को हाथ लगाने के लिए राजी नहीं हुए। दूसरे दिन नगर परिषद के कर्मचारियों ने शव को वाहन से श्मशानघाट पहुंचाया। वहां पर महिला का अंतिम संस्कार हो सका। इस दौरान उनके परिजन भी उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि इंद्रा नगर निवासी सरिता पत्नी पवन भंसाली की मौत शनिवार को जोधपुर स्थित मथुरादास माथुर अस्पताल में स्वाइन फ्लू के कारण हो गई थी। महिला गर्भवती थी। परिजन अस्पताल से महिला को लेकर बाड़मेर आए। यहां पर आकर मामला बिगड़ा और परिजनों ने शव को हाथ लगाने से इनकार कर दिया। मामला प्रशासन के आला अधिकारियों तक पहुंचा। समझाइश करने के लिए मौके पर तहसीलदार भी पहुंचे। समझाइश करते-करते शाम हो गई। महिला का शव राजकीय अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया। अलसुबह नगर परिषद के कर्मचारियों ने महिला के शव को शव वाहन में रखा। वाहन से शव को श्मशानघाट पहुंचाया गया। जहां पर जैन धर्म के अनुसार महिला का दाह संस्कार किया गया। इस दौरान महिला के परिजन भी उपस्थित रहे।

कॉलोनी में भय का माहौल: स्वाइन फ्लू से हुई महिला की मौत की खबर आग की तरह मोहल्ले में फैली। इससे लोगों में डर बना हुआ है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने सर्वे कर महिला के संपर्क में आए 17 लोगों को टेमीफ्लू दवा दे दी है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि लोग घबराए नहीं। थोड़ी सी सावधानी बरतें।

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