गुरुवार, 8 नवंबर 2012

एक दिवलो मायड भाषा रे नांव


एक दिवलो मायड भाषा रे नांव

राजस्थानी भाशा दिपोत्सव रविवार शाम गांधी चौक में

राजस्थानी के लिए जलाएंगे एक दीया


बाड़मेर राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता देने की मांग करने वाले राजस्थानी भाषा प्रेमी दीपावली पर एक दीपक अपनी मांग के समर्थन में जलाकर एकजुटता का प्रदर्शन करेंगे। यह निर्णय गुरूवार को अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति तथा समिति के घटकों की आयोजित बैठक में लिया गया .बैठक में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम भाषा की मान्यता के लिए हजारों पोस्टकार्ड भेजे जाने की कड़ी में यह कार्यक्रम होगा। इस कार्यक्रम का नाम अेक दिवलो मायड़ भासा रै नांव’ दिया गया है। इस कार्यक्रम के तहत प्रदेश भर में अलगअलग तिथियों पर राजस्थानी भाशा समर्थक किसी एक स्थान पर दीये जलाएंगे। बाड़मेर में यह कार्यक्रम ग्यारह अक्टूबर रविवार को गांधी चौक पर होगा। राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति जोघपुर सम्भाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया कि कार्यक्रम की तैयारी कर ली गई है। अभियान से जुड़ा हर व्यक्ति इस दिन एक दीपक जलाकर भाषा की मान्यता के प्रति संकल्पना जताएगा। जिला पाटवी रिडमल सिंह दांता का कहना है कि यह आंदोलन की सकारात्मक रणनीति का हिस्सा है। दीया आस और विश्वास का प्रतीक है। हम इसके माध्यम से एकजुटता का प्रदर्शन करना चाहते हैं। निश्चित रूप से केंद्र सरकार तक हमारा संदेश पहुंचेगा और भाषा की मान्यता का मार्ग प्रशस्त होगा।बैठक में इंद्रा प्रकाश पुरोहित ,डॉ लक्ष्मी नारायण जोशी ,सह संयोजक नरेश देव सारण ,विजय कुमार ,शेर सिंह भुरटिया ,सांग सिंह लुणु ,दीप सिंह रणधा ,पूर सिंह राठोड रमेश गौड़ ,मोटियार परिषद् के पाटवी रघुवीर सिंह तामलोर ,नगर अध्यक्ष रमेश सिंह इन्दा ,भोम सिंह बलाई ,अशोक सारला ,अनिल सुखानी ,प्रकाश जोशी ,अशोक राजपुरोहित ,उर्मिला जैन ,भवेंद्र जाखड , हिन्दू सिंह तामलोर ,आवड सिंह सोढ़ा ,विजय सिंह खारा सहित कई कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित ,थे

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