गुरुवार, 8 नवंबर 2012

जैसलमेर में सार्थक सिद्ध हो रही है मुख्यमंत्री पशुधन निःशुल्क दवा योजना



बोलने लगी है मूक पशुओं की सेहत

जैसलमेर में सार्थक सिद्ध हो रही है

मुख्यमंत्री पशुधन निःशुल्क दवा योजना

- डॉ. दीपक आचार्य

जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी,

जैसलमेर

आम आदमी से लेकर सामाजिक सरोकारों से जुड़े हर क्षेत्र में अपनी अग्रणी व व्यापक भागीदारी का इतिहास रचने वाली राजस्थान सरकार ने एक कदम और आगे बढ़कर पशुओं की सेहत का ख्याल रखते हुए जो योजना चलायी है उसने प्रदेश भर के लाखों पशुओं की सेहत का पैगाम गुंजाया है।

इससे राज्य भर के पशुपालकों को सुकून मिला है। इस योजना की आशातीत सफलता व उपयोगिता ने मूक पशुओं की सेवा का जो कीर्तिमान स्थापित किया है, उसे सदियाँ याद रखेंगी।

राज का सबसे बड़ा वरदान

प्रदेश में मुख्यमंत्री द्वारा राज्य भर के पशुओं के लिए मुफ्त दवाइयाँ मुहैया कराने की मुख्यमंत्री पशुधन निःशुल्क पशु दवा योजना का सूत्रपात स्वाधीनता दिवस-2012 से किया गया। इसके बाद से ही यह योजना पशुपालकों के लिये राज का सबसे बड़ा वरदान सिद्ध हो रही है। इस योजना ने राजस्थान के मूक पशुओं की सेवा का नया इतिहास कायम किया है और इसका पूरा श्रेय प्रदेश के मुख्यमंत्री को जाता है। इस योजना की बदौलत पशुओं की स्वास्थ्य रक्षा के प्रयासों को बल मिला है।

पशुपालकों ने पाया सम्बल

राजस्थान का पश्चिमी सीमावर्ती मरुस्थलीय जिला जैसलमेर पशुपालन प्रधान रहा है जहाँ लोगों की आजीविका का मुख्य आधार पशुपालन रहा है। इस दृष्टि से जैसलमेर जिले के पशुओं व पशुपालकों के लिए यह योजना किसी अमृत कलश से कम नहीं है। इस योजना की वजह से जिले में पशुपालन, पशु चिकित्सा एवं पशुओं की सेवा के तमाम आयामों को ख़ासा सम्बल प्राप्त हुआ है।

जैसलमेर में 51 संस्थाओं में लागू है योजना

जैसलमेर जिले में पशु चिकित्सा से सम्बंधित विभिन्न श्रेणियों के कुल 54 केन्द्र हैं जिनमें 5 प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय, 30 पशु चिकित्सालय, 5 पशु औषधालय एवं 14 पशु उपकेन्द्र हैं। इनमें से 3 उपकेन्द्रों को छोड़कर शेष सभी 51 संस्थाओं में यह योजना सुचारु रूप से संचालित की जा रही है। शेष तीनों उपकेन्द्रों पर पशुधन सहायक के पदस्थापन के बाद यह योजना आरंभ की जाएगी।

प्रदेश के पशुपालन निदेशालय द्वारा पशु चिकित्सालयों पर मुख्य रूप से काम में आने वाली 41 औषधियों व 3 सर्जिकल कन्ज्यूमेबल की उपलब्धता के आदेश प्रसारित किए गए हैं जिनके विरुद्ध 36 प्रकार की औषधियाँ एवं 3 प्रकार के सर्जिकल कन्ज्यूमेबल जिले को प्राप्त हो चुके हैं। इनकी कुल कीमत 20 लाख 60 हजार 933 रुपए है। जिला औषधि भण्डार को अब तक जो भी औषधियाँ प्राप्त हुई हैं, उनको पशु चिकित्सा संस्थानों में वितरित किया जा चुका है।

इस योजना में अक्टूबर माह के दूसरे पखवाड़े तक जिले की विभिन्न पशुपालन व चिकित्सा संस्थाओं तथा शिविरों में एक लाख 48 हजार 623 पशुओं को उपचार के लिए दवाइयाँ उपलब्ध करवायी गई। इससे 10 हजार 449 पशुपालकों को लाभान्वित किया गया।

इसी प्रकार 16 से 31 अक्टूबर तक की अवधि में पशु चिकित्सा संस्थाओं तथा विभिन्न शिविरों में 22 हजार 519 पशुओं को उपचार उपलब्ध करा कर एक हजार 251 पशुपालकों को लाभान्वित किया गया।

योजना से 1.71 लाख पशु लाभान्वित

जिले में मुख्यमंत्री पशुधन निःशुल्क पशु दवा योजना की शुरुआत से लेकर 31 अक्टूबर तक कुल एक लाख 71 हजार 142 पशुओं को उपचार उपलब्ध करवाया गया। इस योजना से अब तक 11 हजार 700 पशुपालकों को लाभान्वित किया जा चुका है।

पशुपालन विकास की दिशा में शुभ संकेत - शुच

जैसलमेर जिला कलक्टर शुचि त्यागी के अनुसार पशुपालन व्यवसाय प्रधान इस सीमावर्ती क्षेत्र के पशुपालकों ने इस योजना से अच्छा सम्बल पाया है। इस योजना की लोकप्रियता की वजह से ग्रामीणजनों को इसकी पूरी जानकारी होने लगी है और यह इस जिले में पशुपालन क्षेत्र के लिए शुभ संकेत है।

पशुओं की चिंता करने वाली पहली सरकार

पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ.एस.पी.सिंह बताते हैं कि इस योजना के बाद पशु चिकित्सा संस्थाओं में बीमार पशुओं के आने व उपचार की संख्या में इजाफा हुआ है।

मरु भूमि के आम पशुपालकों का मानना है कि उनके पशुओं की सेहत की चिंता करने वाली यह पहली सरकार है जिसने पशुपालकों की कई चिंताए दूर कर दी है।

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