मंदिर से करोड़ों की मूर्तियां चोरी
बस्सी। बस्सी थाना क्षेत्र के जटवाड़ा गांव स्थित प्राचीन जैन मंदिर में बीती रात चोर हाथ साफ कर गए। मंदिर में प्रतिष्ठित करीब 26 मूर्तियां चोरी होने की जानकारी है।
बताया जाता है कि कई मूर्तियां तो दो-तीन सौ साल पुरानी हैं। चोरी की सूचना के साथ ही मौके पर जैन समाज के लोग, ग्रामीण व पुलिस के आलाधिकारी पहुंच गए। वारदात के बाद समाज के लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार रात्रि में पुजारी कार्य पूर्ण होने के बाद मंदिर पट के ताला लगाकर घर चला गया। आज सुबह करीब छह बजे पुजारी पहुंचा तो मूर्तियां चोरी होने की सूचना आग की तरह फैल गई।
लोगों के जेहन में सवाल
सुबह जब पुजारी मंदिर पहुंचा तो उसे मुख्य दरवाजे पर लगा ताला यथावत मिला। जैसे ही अंदर प्रवेश किया तो मूर्तियां गायब मिली और सामान इधर-उधर बिखरा हुआ मिला। पुजारी ने हो-हल्ला किया तो आस-पड़ोस से सैकड़ों ग्रामीण एकत्रित हो गए और पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस अभी तक यह पता नहीं लगा सकी है कि चोर अंदर कहां से घुसे और मूर्तियां कैसे ले गए। मामले की जांच के लिए जयपुर से एफएसएल की टीम भी मौके के लिए रवाना हुई है।
करोड़ों की हैं मूर्तियां
स्थानीय लोगों ने बताया कि मंदिर करीब चार-पांच सौ साल पुराना है और मंदिर में प्रतिष्ठित मूर्तियां भी सैकड़ों साल पुरानी है। चोरी हुई मूर्तियों में तीन मूर्तियां पाषाण कालीन और 23 मूर्तियां अष्टधातु की है। साथ ही दो यंत्र भी चोरी हुए हैं। बताया जाता है कि मूर्तियों की कीमत करोड़ों रूपए में हैं। समाज के प्रमुख देवताओं की मूर्तियां मंदिर में प्रतिष्ठित थी और अधिकांश चोरी हो गई।
समाज में व्याप्त रोष
पिछले कई महिनों से शहर व आस-पास के क्षेत्रों में चोरों ने जैन मंदिरों को निशाना बना रखा है। आए दिन मंदिरों में से मूर्ति चोरी होने की घटनाएं हो रही है। ऎसे में समाज के राजेंद्र कासलीवाल, विकास जैन व अन्य पदाधिकारियों ने रोष व्यक्त किया है।
विरोध में बाजार बंद
स्थानीय लोगों ने चोरी के विरोध में जटवाड़ा कस्बे के बाजार बंद करा दिए।
व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष जितेंद्र कुमार जैन ने बताया कि चोरों को जल्द से जल्द पकड़ने और मूर्तियां बरामद करने की मांग को लेकर बंद रखा गया है।
बस्सी। बस्सी थाना क्षेत्र के जटवाड़ा गांव स्थित प्राचीन जैन मंदिर में बीती रात चोर हाथ साफ कर गए। मंदिर में प्रतिष्ठित करीब 26 मूर्तियां चोरी होने की जानकारी है।
बताया जाता है कि कई मूर्तियां तो दो-तीन सौ साल पुरानी हैं। चोरी की सूचना के साथ ही मौके पर जैन समाज के लोग, ग्रामीण व पुलिस के आलाधिकारी पहुंच गए। वारदात के बाद समाज के लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार रात्रि में पुजारी कार्य पूर्ण होने के बाद मंदिर पट के ताला लगाकर घर चला गया। आज सुबह करीब छह बजे पुजारी पहुंचा तो मूर्तियां चोरी होने की सूचना आग की तरह फैल गई।
लोगों के जेहन में सवाल
सुबह जब पुजारी मंदिर पहुंचा तो उसे मुख्य दरवाजे पर लगा ताला यथावत मिला। जैसे ही अंदर प्रवेश किया तो मूर्तियां गायब मिली और सामान इधर-उधर बिखरा हुआ मिला। पुजारी ने हो-हल्ला किया तो आस-पड़ोस से सैकड़ों ग्रामीण एकत्रित हो गए और पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस अभी तक यह पता नहीं लगा सकी है कि चोर अंदर कहां से घुसे और मूर्तियां कैसे ले गए। मामले की जांच के लिए जयपुर से एफएसएल की टीम भी मौके के लिए रवाना हुई है।
करोड़ों की हैं मूर्तियां
स्थानीय लोगों ने बताया कि मंदिर करीब चार-पांच सौ साल पुराना है और मंदिर में प्रतिष्ठित मूर्तियां भी सैकड़ों साल पुरानी है। चोरी हुई मूर्तियों में तीन मूर्तियां पाषाण कालीन और 23 मूर्तियां अष्टधातु की है। साथ ही दो यंत्र भी चोरी हुए हैं। बताया जाता है कि मूर्तियों की कीमत करोड़ों रूपए में हैं। समाज के प्रमुख देवताओं की मूर्तियां मंदिर में प्रतिष्ठित थी और अधिकांश चोरी हो गई।
समाज में व्याप्त रोष
पिछले कई महिनों से शहर व आस-पास के क्षेत्रों में चोरों ने जैन मंदिरों को निशाना बना रखा है। आए दिन मंदिरों में से मूर्ति चोरी होने की घटनाएं हो रही है। ऎसे में समाज के राजेंद्र कासलीवाल, विकास जैन व अन्य पदाधिकारियों ने रोष व्यक्त किया है।
विरोध में बाजार बंद
स्थानीय लोगों ने चोरी के विरोध में जटवाड़ा कस्बे के बाजार बंद करा दिए।
व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष जितेंद्र कुमार जैन ने बताया कि चोरों को जल्द से जल्द पकड़ने और मूर्तियां बरामद करने की मांग को लेकर बंद रखा गया है।
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