प्रदेश के बाड़मेर जिले में पेट्रोलियम रिफाइनरी की घोषणा किसी भी वक्त हो सकती है। इसके लिए डिटेक्ट फाइर्नेशियल रिपोर्ट [डीएफआर] तैयार हो गई है। एचपीसीएल द्वारा लगाई जा रही यह देश की 26वीं रिफाइनरी होगी।
प्रदेश में मिले पेट्रोलियम उत्पाद में उच्च गुणवता वाले वैक्स की मात्रा अधिक है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि वैक्स आधारित उद्योग ज्यादा लगेंगे। इससे बाड़मेर बालोतरा, पचपदरा, जोधपुर, धोरीमन्ना और सांचौर में इंडस्ट्रियल विकास की उम्मीद है। राजस्थान में रिफाइनरी लगने से करोड़ों रुपये का राजस्व सरकार को मिलेगा। रिफाइनरी करने के बाद मुख्य रूप से 11 तरह के उत्पाद निकालेंगे। इनमें लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस [एलपीजी], गैसोलीन [पेट्रोल], नैफ्था, केरोसीन और जेट एयरक्राफ्ट फ्यूल्स, डीजल [फ्यूल], फ्यूल ऑयल्स, पैराफिन वैक्स, अस्फास्ट और डामर, पेट्रोलियम कोक और सल्फर शामिल है। इसके अलावा पेट्रोलियम रिफाइनरी में अन्य कई अंतरित उत्पादों हाइड्रोजन, लाइट हाइड्रोकार्बन्स, रीफोर्मेट और पाइरोसिस गैसोलीन का उत्पादन भी करती है। इन उत्पादों का आमतौर पर परिवहन नहीं हो सकता। इनका मौके पर ही ब्लेंडेड या प्रोसेस किया जा सकता है।
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