मंगलवार, 27 नवंबर 2012

बाड़मेर टांका प्रकरण में २४ साल बाद पहली चार्जशीट पेश



बाड़मेर टांका प्रकरण में २४ साल बाद पहली चार्जशीट पेश
7 साल की राजनीतिक रोक हटने से हुआ संभव 


बाड़मेर बाड़मेर जिले के लोगों की प्यास बुझाने के लिए 24 साल पहले 10 हजार 858 टांके बनाने के आदेश हुए थे। इनमें से करीब 2 हजार 994 टांकों का निर्माण किए बिना ही करीब डेढ़ करोड़ का रुपए का भुगतान उठा लिया गया। सोलह साल पहले तत्कालीन कलेक्टर ने इस घोटाले का पर्दाफाश कर एसीबी में 38 मुकदमे दर्ज कराए थे जिनमें से एक मुकदमे का सोमवार को पहला चालान कोर्ट में पेश हुआ है। इस मुकदमे की अभियोजन स्वीकृति भी सात साल पहले मिल चुकी थी, मगर राजनीतिक दबाव के कारण चालान पेश करने पर रोक लगती रही। आरोपी भी इन मुकदमों के बंद होने का इंतजार कर रहे थे। अब चालान पेश करने का सिलसिला शुरू हुआ है जो शेष 37 मुकदमों तक जारी रहेगा। 

1988 में 2994 टांका निर्माण का फर्जी भुगतान उठा

1996 में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 38 मुकदमे दर्ज किए

2005 में मिली थी अभियोजन स्वीकृति चार्जशीट अब हुई
घोटाले के 38 मुकदमे, 203 आरोपी : हजारों टांकों के निर्माण में हुए घोटाले के 38 मुकदमो में कुल 203 आरोपी हैं। आरोपियों में तत्कालीन नायब तहसीलदार, पटवारी, ग्रामसेवक, जेईएन, सरपंच, उप सरपंच, वार्ड पंच के साथ ही प्राइवेट व्यक्ति भी शामिल हैं। 
कई आरोपी दुनिया छोड़ गए, कई रिटायर हो गए : चौबीस साल पहले के इस मामले में मुकदमा दर्ज हुए भी 16 साल हो गए। इतने लंबे समय तक चालान नहीं होने के कारण सरकारी कर्मचारी, जनप्रतिनिधि और प्राइवेट व्यक्तियों में से आठ जने अब दुनिया में नहीं है, वहीं सात ऐसे आरोपी भी हैं जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उस वक्त जो जनप्रतिनिधि रहे थे, वे भी अब सक्रिय राजनीति से दूर हो चुके हैं।

पहला चालान हुआ है, और भी होंगे

टांका प्रकरण के 38 मुकदमो में से अभी एक मुकदमे में चालान पेश हुआ है। यह पहला चालान है, बचे हुए 37 मुकदमों के चालान भी अब जल्द पेश हो जाएंगे। - विजयसिंह, डीएसपी, एसीबी बाड़मेर।

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