जोधपुर. राष्ट्रपति के रूप में तीनों सशस्त्र सेनाओं के सुप्रीम कमांडर बनने के बाद प्रणब मुखर्जी पहली बार वायुसेना के युद्धाभ्यास के साक्षी बनेंगे। पोकरण में आगामी 22 फरवरी को होने वाले युद्धाभ्यास 'आयरन फीस्ट' में राष्ट्रपति अपनी वायुसेना की ताकत देखेंगे।
इसे लेकर गांधीनगर में आयोजित दक्षिण-पश्चिमी वायु कमान (दपवाक) की तीन दिवसीय कमांडर कॉन्फ्रेंस में वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल एनएके ब्राउन ने तैयारियों की समीक्षा की। इस युद्धाभ्यास के दौरान कई देशों के रक्षा मंत्री व सेना प्रमुख मौजूद रहेंगे।
पहली बार पूरी फोर्स की ताकत दिखेगी
'आयरन फीस्ट' में वायुसेना के कमान स्तर की बजाय पूरी फोर्स का एकीकृत युद्धाभ्यास होगा। पाकिस्तान व चीन जैसे पड़ोसी देशों को हवाई ताकत दिखाने के लिए पहली बार वृहद स्तर पर युद्धाभ्यास किया जा रहा है।
वायुसेना के सभी कमान की यूनिट में तैनात अग्रिम पंक्ति के सुपरसोनिक लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई व स्वदेशी लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस ताकत दिखाएंगे।
इसमें पहली बार तेजस के अलावा लड़ाकू हेलिकॉप्टर एमआई-17वी5 भी निशाना साधेंगे। इसके अलावा सी-130जे सुपर हरक्यूलिस, आईएल-76, एएन-32 भी भाग लेंगे।
दूसरी बार होगा डे-डस्क और नाइट
वायुसेना तीन साल बाद दूसरी बार आयरन फीस्ट के दौरान 'डे-डस्क व नाइट' में अपनी ताकत दिखाएगी। वायुसेना ने वर्ष 2010 में पोकरण में युद्धाभ्यास के दौरान दिन के उजाले, सूर्यास्त के बाद धुंधलके और रात के अंधेरे में दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों पर निशाने साधे थे। इस बार भी वैसा ही दृश्य देखने को मिलेगा।
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