बीवी और बेटों के शेयर को लेकर फंसे
नितिन गडकरी
नई दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। एक अंग्रेजी दैनिक ने खुलासा किया है कि पूर्ति पावर एंड शुगर लिमिटेड में पैसा लगाने वाली 18 कंपनियों में से 6 ऎसी हैं जो गडकरी की पत्नी कंचल,बेटे सारंग और निखिल और भांजे संदीप भूरचंदी की हैं।
समाचार पत्र ने कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय के दस्तावेजों के आधार पर यह खुलासा किया है। दस्तावेजों के मुताबिक ये लोग उन कंपनियों में या तो हिस्सेदार हैं या उनके डायरेक्टर हैं। इस ताजा खुलासे से एस गुरूमूर्ति की गडकरी को दी गई क्लीन चिट पर सवाल खड़े हो गए हैं।
गुरूमूर्ति ने भाजपा नेताओं को बताया था कि 18 कंपनियों के जरिए निवेश का सारा घालमेल व्यापारी मनीष मेहता ने किया था। मेहता 7 जुलाई 2000 से 3 दिसंबर 2002 और फिर 29 दिसंबर 2010 से 28 सितंबर 2011 तक पूर्ति के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में थे। हटने के बाद उन्होंने पूर्ति में 47 करोड़ का निवेश किया।
मंत्रालय के दस्तावेजों के मुताबिक कंचन,निखिल,सारंग और भूरचंदी 2009-10 में तीन कंपनियों जेसिका मकेंüटाइल,जायनाम मर्केंटाइल और नीले मकंüटाइल में हिस्सेदार थे। तीनों ही कंपनियों को अमित पांडेय और राहुल दुबे नाम के लोगों ने बनाया और फिर शेयर कंचन,निखिल,सारंग,भूरचंदी और दो अन्य कंपनियों के नाम ट्रांसफर कर दिया। ऎसा कंपनियां बनाने के सिर्फ एक से तीन महीने के भीतर हुआ।
नई दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। एक अंग्रेजी दैनिक ने खुलासा किया है कि पूर्ति पावर एंड शुगर लिमिटेड में पैसा लगाने वाली 18 कंपनियों में से 6 ऎसी हैं जो गडकरी की पत्नी कंचल,बेटे सारंग और निखिल और भांजे संदीप भूरचंदी की हैं।
समाचार पत्र ने कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय के दस्तावेजों के आधार पर यह खुलासा किया है। दस्तावेजों के मुताबिक ये लोग उन कंपनियों में या तो हिस्सेदार हैं या उनके डायरेक्टर हैं। इस ताजा खुलासे से एस गुरूमूर्ति की गडकरी को दी गई क्लीन चिट पर सवाल खड़े हो गए हैं।
गुरूमूर्ति ने भाजपा नेताओं को बताया था कि 18 कंपनियों के जरिए निवेश का सारा घालमेल व्यापारी मनीष मेहता ने किया था। मेहता 7 जुलाई 2000 से 3 दिसंबर 2002 और फिर 29 दिसंबर 2010 से 28 सितंबर 2011 तक पूर्ति के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में थे। हटने के बाद उन्होंने पूर्ति में 47 करोड़ का निवेश किया।
मंत्रालय के दस्तावेजों के मुताबिक कंचन,निखिल,सारंग और भूरचंदी 2009-10 में तीन कंपनियों जेसिका मकेंüटाइल,जायनाम मर्केंटाइल और नीले मकंüटाइल में हिस्सेदार थे। तीनों ही कंपनियों को अमित पांडेय और राहुल दुबे नाम के लोगों ने बनाया और फिर शेयर कंचन,निखिल,सारंग,भूरचंदी और दो अन्य कंपनियों के नाम ट्रांसफर कर दिया। ऎसा कंपनियां बनाने के सिर्फ एक से तीन महीने के भीतर हुआ।
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