गुरुवार, 1 नवंबर 2012

फर्जी जाति प्रमाण पत्र से 20 साल नौकरी

फर्जी जाति प्रमाण पत्र से 20 साल नौकरी

जयपुर। शासन सचिवालय में कार्यरत एक वरिष्ठ विधि रचनाकार अपने को आरक्षित श्रेणी का बता कर फर्जी दस्तावेजों के जरिए बीस साल तक नौकरी करता रहा। उसकी पोल तब खुली जब उसके ही गांव के एक व्यक्ति ने शिकायत की कि उसने अपने बेटे के लिए पंजाब में जमीन खरीदते वक्त अब सामान्य श्रेणी का प्रमाण पत्र पेश किया है।

इस संबंध में उप शासन सचिव विधि के पास जांच आई तो उन्हें दोनों मामलों में अलग-अलग प्रमाण पत्र काम में लेने का पता चला। आरोपी विधि रचनाकार विलायती राम के निवास अलवर स्थित लक्ष्मणगढ़ के तहसीलदार से जाति प्रमाण पत्र की जांच कराई गई तो वो फर्जी पाया गया। उप शासन सचिव विधि ने बुधवार को इस संबंध में अशोक नगर थाने में मामला दर्ज कराया है।

पुलिस के अनुसार आरोपी ने नौकरी के दौरान एसटी श्रेणी बताई और अब जमीन खरीद के लिए सामान्य श्रेणी का बन गया। अशोक नगर थाना प्रभारी जनेश सिंह ने बताया कि विलायती राम की वर्ष 1992-93 में नौकरी लगी थी। वर्तमान में वह उपशासन सचिव, विधि कार्यालय में विधि रचनाकार है।

पिछले दिनों उसने अपने बेटे के नाम पर पंजाब में जमीन खरीदने की तैयारी के लिए अपना जाति प्रमाण पत्र भी लगवाया, जिसमें अपनी श्रेणी "सामान्य" बताई। इस संबंध में विभाग से पूछा गया तो पता चला कि यहां उसने "एसटी" श्रेणी का जाति प्रमाण पत्र दे रखा है।

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