सोमवार, 1 अक्टूबर 2012

foto...इस लेडी दबंग से थर्राते हैं अपराधी, ये है गरीबों की मसीहा!


PIX: इस लेडी दबंग से थर्राते हैं अपराधी, ये है गरीबों की मसीहा!  PIX: इस लेडी दबंग से थर्राते हैं अपराधी, ये है गरीबों की मसीहा!  PIX: इस लेडी दबंग से थर्राते हैं अपराधी, ये है गरीबों की मसीहा!  PIX: इस लेडी दबंग से थर्राते हैं अपराधी, ये है गरीबों की मसीहा!  PIX: इस लेडी दबंग से थर्राते हैं अपराधी, ये है गरीबों की मसीहा! 
यूपी में बड़े-बड़े खूंखार डाकू गैंगों के लिए मशहूर बुंदेलखंड के बांदा जिले में दस साल पहले एक ग्रामीण महिला ने गुलाबी गैंग बनाकर सब को चौंका दिया था। अपनी आक्रामक कार्यशैली के चलते बहुत जल्दी ही गुलाबी गैंग मशहूर हो गया।


सम्पत पाल देवी बांदा जनपद के कैरी गांव की निवासी हैं। इनके पति बदौसा कस्बे में फुटपाथ पर चाय की एक छोटी सी दुकान चलाया करते थे। गुलाबी गैंग की मुखिया के तौर पर सम्पत की पहचान भारत के अनेक हिस्सों के साथ कई दूसरे देशों में भी है। गैंग के नामकरण की भी अजीब कहानी है। सम्पत साड़ी लाकर बेचती थी। एक बार गुलाबी साड़ी आई जिसे उन्होंने 125 रुपये प्रति साड़ी के हिसाब से सदस्यों को दिया, और जब उन साड़ियों को पहनकर महिलाएं समूह में निकलीं तो उन्हें गुलाबी गैंग का नाम मिल गया।यह गैंग तब सुर्खियों में आया जब सम्पत की एक सहयोगी महिला के पति को अतर्रा थाने की पुलिस ने बेवजह पकड़ लिया। इसकी जानकारी मिलने पर गुलाबी गैंग की सदस्य थाना परिसर में पहुंच गईं। विवाद बढ़ा तो गुलाबी गैंग ने थानेदार को पेड़ से बांध दिया। लोगों की समस्याओं को लेकर सड़क पर उतरना व अफसरों की खैर लेना गुलाबी गैंग की कार्यप्रणाली का हिस्सा बन गया।सम्पत को कई बार जेल तक जाना पड़ा है। वह पढ़ी तो पांचवीं तक हैं, मगर उनकी समझ अच्छे-अच्छों को मात देने वाली है। बांदा के शीलू उत्पीड़न प्रकरण को उठाकर उत्तर प्रदेश सरकार की नींद उड़ाने का काम भी गुलाबी गैंग ने किया था, इसी के चलते एक विधायक को जेल जाना पड़ा था।गुलाबी गैंग का काम करने का अपना तरीका रहा है, जब लोगों को राशन नहीं मिलता, कोटवार नहीं आता तो वे अपनी शिकायत लेकर सम्पत के पास पहुंचते हैं। सम्पत और उनका गैंग है कि हर समस्या का निदान करने की दम रखता है।

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