पुजारियों ने विवाहिता से किया दुष्कर्म
नायन/राड़ावास। शाहपुरा के शिवसिंहपुरा स्थित मंदिरों के दो पुजारियों ने हैवानियत की हद पार कर दी। गांव की ही एक विवाहिता को जबरन मन्दिर में खींच ले गए और बंधक बनाकर तीन दिन तक दुष्कर्म करते रहे। सहमी पीडिता ने 11 दिन बाद रविवार को हिम्मत जुटाकर पुलिस को जानकारी दी। अमरसर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर दोनों पुजारियों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में अभियुक्तों ने कई युवतियों के साथ ज्यादती की बात कबूली है।
गिरफ्तार आशादास (25) दुर्गा माता मंदिर का पुजारी है। वह जन्म से ही मन्दिर में रह रहा है। दूसरा श्रवण कुमार पास के ही ठाकुरजी मंदिर का पुजारी है। वह भी इसी गांव का रहने वाला है। पुलिस के मुताबिक पीडिता मंदिर के पास के गांव की रहने वाली है। वह 14 अक्टूबर को सुबह घर के बाड़े में काम कर रही थी।
तभी आशादास और श्रवण उसका मुंह बांधकर उठा ले गए। मंदिर के कमरे में ले जाकर बंधक बनाने के बाद तीन दिन तक उससे जबरदस्ती करते रहे। किसी को संदेह नहीं हो इसके लिए अभियुक्त कमरे के आस-पास ही डटा रहा। 17 अक्टूबर को आरोपितों ने महिला को किसी को न बताने की धमकी देकर छोड़ दिया।
संदिग्ध थीं हरकतें
घटना को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि अभियुक्तों की हरकतें पहले से संदिग्ध थीं। उनकी शिकार बनी महिलाओं की संख्या अधिक हो सकती है। पुलिस का कहना है कि आशादास मंदिर में ऎशो-आराम से रह रहा था। उसका कमरा वातानुकूलित है।
नायन/राड़ावास। शाहपुरा के शिवसिंहपुरा स्थित मंदिरों के दो पुजारियों ने हैवानियत की हद पार कर दी। गांव की ही एक विवाहिता को जबरन मन्दिर में खींच ले गए और बंधक बनाकर तीन दिन तक दुष्कर्म करते रहे। सहमी पीडिता ने 11 दिन बाद रविवार को हिम्मत जुटाकर पुलिस को जानकारी दी। अमरसर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर दोनों पुजारियों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में अभियुक्तों ने कई युवतियों के साथ ज्यादती की बात कबूली है।
गिरफ्तार आशादास (25) दुर्गा माता मंदिर का पुजारी है। वह जन्म से ही मन्दिर में रह रहा है। दूसरा श्रवण कुमार पास के ही ठाकुरजी मंदिर का पुजारी है। वह भी इसी गांव का रहने वाला है। पुलिस के मुताबिक पीडिता मंदिर के पास के गांव की रहने वाली है। वह 14 अक्टूबर को सुबह घर के बाड़े में काम कर रही थी।
तभी आशादास और श्रवण उसका मुंह बांधकर उठा ले गए। मंदिर के कमरे में ले जाकर बंधक बनाने के बाद तीन दिन तक उससे जबरदस्ती करते रहे। किसी को संदेह नहीं हो इसके लिए अभियुक्त कमरे के आस-पास ही डटा रहा। 17 अक्टूबर को आरोपितों ने महिला को किसी को न बताने की धमकी देकर छोड़ दिया।
संदिग्ध थीं हरकतें
घटना को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि अभियुक्तों की हरकतें पहले से संदिग्ध थीं। उनकी शिकार बनी महिलाओं की संख्या अधिक हो सकती है। पुलिस का कहना है कि आशादास मंदिर में ऎशो-आराम से रह रहा था। उसका कमरा वातानुकूलित है।
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