पटना। मधुबनी पुलिस फायरिंग के विरोध में बिहार बंद के दौरान जगह-जगह सड़क और रेल ट्रैक को जाम कर दिया गया। वहीं, मुजफ्फरपुर में पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया है। इधर, पटना में पुलिस ने लालू और पासवान को हिरासत में ले लिया है।
बताते चलें कि बंद समर्थक सुबह से ही सड़कों पर निकल गये थे। अलग-अलग रूटों पर ट्रेनों व वाहनों की आवाजाही पर असर पड़ा। पटना, आरा, जहानाबाद, मुंगेर, गया, सीवान, सारण, मुजफ्फरपुर, नालंदा, गोपालगंज, बक्सर, सासाराम, दरभंगा, बेगूसराय, भागलपुर में बंद समर्थकों ने राज्य सरकार को बरखास्त करने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला जलाया।
आज का बंद वाम दलों की ओर से कराया गया जिसे राजद और लोजपा ने भी अपना समर्थन दिया था। बंद के समर्थन में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान भी सड़क पर उतरे। लालू प्रसाद ने कहा कि नीतीश सरकार को अब समझ लेना चाहिए कि राज्य के लोग उनकी ठगी समझ गये हैं। रामविलास पासवान ने कहा कि संपूर्ण बिहार ने नीतीश कुमार की जुल्मी सरकार के खिलाफ अपना इरादा जाहिर कर दिया है। इस बीच, राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे तथा रामकृपाल यादव के नेतृत्व में राजद कार्यकर्ताओं का दल बंद के समर्थन में सड़क पर उतरा। राजधानी के अति व्यवस्त डाक बंगला चौराहे पर बंद समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। वहां बंद समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठी चलानी पड़ी। लाठी-गोली की सरकार नहीं चलेगी और भ्रष्टाचारी सरकार गद्दी छोड़ के नारे सड़कों पर गूंजते रहे।
बंद को देखते हुए राज्य जहग-जगह पुलिस की अतिरिक्त सतर्कता के बावजूद बंद समर्थक रेलवे ट्रैक पर जमे और नेशनल हाईवे 31 को आरा में तथा 81 को जहानाबाद में जाम कर दिया गया। इससे आरा-सासाराम मार्ग पर लंबी दूरी की गाड़ियों की कतार लग गयी। कई सवारी गाड़ियां जाम में घंटों फंसी रहीं। मधुबनी सहित पूरे मिथिला में पुलिस सुरक्षा के अतिरिक्त बंदोबस्त किये गये थे। हालांकि दरभंगा स्टेशन पर भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने कमला इंटरसिटी को रोक दिया। गया में रांची की ओर जाने वाली जनशताब्दी बंद समर्थकों का निशाना बनी। उसे घंटों रोका गया। बिहारशरीफ में राजगीर पैसेंजर तथा पटना के पास धनबाद-झाझा पैसेंजर ट्रेन को रोका गया। उधर, नवादा में बंद समर्थकों ने पटना-रांची मार्ग को जगह-जगह जाम दिया। भागलपुर में विक्रमशीला एकसप्रेस को कुछ समय के लिए रोका गया।
राज्य के विभिन्न हिस्सों में पुलिस ने बड़ी तादाद में बंद समर्थकों को हिरासत में लिया। बंद के कारण सभी निजी स्कूलों को बंद कर दिया गया था। दिन चढ़ने के बाद सड़कों पर वाहनों की आवाजाही पर असर पड़ा। प्राइवेट औद्योगिक प्रतिष्ठनों के शटर गिरे रहे। सरकारी कार्यालय तो खुले थे पर आम लोगों की मौजूदगी कम रही। कल से शुरू हो रही दुर्गा पूजा के ठीक पहले बंद का आम लोगों के रोज र्मे के काम पर असर पड़ा।
मालूम हो कि मधुबनी में एक गुमशुदा छात्र का शव पाने के लिए उसके परिजनों ने अनशन किया था। शुक्रवार को वहां भड़की हिंसा के बाद हालात काफी बिगड़ गये थे। शुक्रवार और शनिवार को हुई अलग-अलग पुलिस फायरिंग में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है। पुलिस फायरिंग के विरोध में भाकपा, भाकपा माले और माकपा के आज के बंद को राजद व लोजपा का समर्थन मिल जाने प्रतिपक्ष के तेवर चढ़ गये।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें