मंगलवार, 9 अक्तूबर 2012

कोर्ट से भागा कैदी लाल बत्ती की गाड़ी में गिरफ्तार

गुजरात पुलिस ने 29 सितंबर को किया था गिरफ्तार, पुलिस दबाए बैठी रही मामले को 


कोर्ट से भागा कैदी लाल बत्ती की गाड़ी में गिरफ्तार 


भीनमाल कोर्ट परिसर से पिछले माह पेशी के दौरान फरार हुए एक कैदी भरतकुमार पुत्र छगताराम को पुलिस ने गुजरात के जामनगर जिले से पिछले दिनों गिरफ्तार किया गया है। ये पांचों अभी गुजरात पुलिस के रिमांड पर चल रहे हैं और भीनमाल पुलिस शीघ्र ही इन्हें गिरफ्तार करेगी।

गिरफ्तारी के समय वह अपने चार अन्य साथियों के साथ लाल बत्ती लगी टवेरा गाड़ी में था। साथ ही इनके पास तीन देशी रिवॉल्वर और तीन जिंदा कारतूस भी थे। इनकी लोकेशन की जानकारी स्थानीय पुलिस ने गुजरात पुलिस को दी थी। जिसके आधार पर पिछली 29 सितंबर को पुलिस ने उन्हें धर दबोचा। गुजरात पुलिस ने सभी आरोपियों को न्यायालय के आदेश पर 10 अक्टूबर तक रिमांड पर लिया है। रिमांड के दौरान पांचों आरोपियों को तस्दीक के लिए रविवार को भीनमाल लाया गया था।

भरी कोर्ट से हुआ था फरार : आरोपी भरत कुमार धोखाधड़ी व फर्जी दस्तावेज के मामले में भीनमाल उप कारागृह में बंद था। गत 10 सितंबर को उसे चालानी गार्ड बेसराराम मेघवाल व विजय बहादूरसिंह उसे पेशी के लिए कोर्ट में लेकर आए थे। पेशी के बाद भरत पुलिस को चकमा देकर योजनाबद्ध तरीके से एक कार में सवार होकर फरार हो गया था। जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधीक्षक दीपककुमार ने भीनमाल पुलिस उप अधीक्षक जयपालसिंह यादव के निर्देशन में एएसआई हुजूरखां के नेतृत्व में कांस्टेबल जगराम, रमेशचंद, पूनमचंद, बाबूलाल व किशनाराम की विशेष टीम का गठन किया था। यह टीम एक माह से इस पूरे मामले में छानबीन कर रही थी।
भरत को भगाने वाले गिरफ्तार 

टीम प्रभारी हुजूरखां ने बताया कि गत 10 सितंबर को आरोपी भरतकुमार को न्यायालय परिसर से पुलिस थाना जोधपुर अंतर्गत आसोप निवासी सुमेरसिंह पुत्र भंवरलाल चौधरी व बाड़मेर जिलांतर्गत रोहिणा निवासी ओमप्रकाश पुत्र लादूराम विश्नोई कार में बिठाकर ले गए थे। रास्ते में वाड़ाभाडवी निवासी सुनील उर्फ सुमका पुत्र हरिराम विश्नोई व खंगारा उर्फ छोटिया पुत्र बलवंता विश्नोई ने गुजरात तक पहुंचाने में सहयोग किया था। टीम प्रभारी हुजूरखां के अनुसार हत्या के मामले में गिरफ्तार ओमप्रकाश को पटियाला पुलिस चार माह पूर्व पेशी पर सांचौर लेकर आई थी। इस दौरान ओमप्रकाश ने योजनाबद्ध तरीके से पटियाला पुलिस को शराब पिलाकर हथकड़ी सहित फरार हो गया था।

चार अन्य साथी भी गिरफ्तार, तीन देशी रिवॉल्वर व तीन जिंदा कारतूस भी बरामद, वाहन चोरी के अनेक मामले खुलने की संभावना




11 सितंबर को भागा था

पुलिस समेत जिलेवासियों को इस घटना ने चौंका दिया था। १० सितंबर को अचानक अनेक लोगों की मौजूदगी में भागा था आरोपी, कार में सवार थे अन्य साथी। पुलिसकर्मियों को दिखाई थी रिवॉल्वर।

> उठे थे सवाल

घटना के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठे, अगले ही दिन जब अन्य कोर्ट परिसर में देखा गया तो पुलिसकर्मी लापरवाही के साथ कैदियों को लाते ले जाते देखे गए। घटना के बावजूद हालात नहीं सुधरे थे।

> एक माह बाद गिरफ्तार

घटना का खुलासा करने में पुलिस को लगा एक माह, इस दौरान कई जगह दी गई दबिश, सर्च की गई मोबाइल लोकेशन, लेकिन नहीं लगा कोई सुराग, सप्ताह भर पूर्व पुलिस को मिली सूचना, गुजरात पुलिस ने दबोचा।

> खुलेंगे कई राज

पूछताछ में पुलिस को कई राज खुलने की उम्मीद, अधिकांश मामले वाहन चोरी के। गुजरात और जालोर जिले समेत जोधपुर, बाड़मेर, पाली और सिरोही में की हैं वारदातें। अन्य साथी भी इन वारदातों में शामिल।

> अधिकांश हैं भगोड़े

गिरफ्तार सभी आरोपी आला दर्जे के अपराधी, अधिकांश भाग चुके हैं जेलों से। जेलों में होती है मुलाकात और फिर बन जाते हैं एक दूसरे के सहयोगी। वारदातों में करते हैं सहयोग और भागने में करते हैं मदद।

> ऐसे बचते हैं अपराधी

सभी आरोपी मिले लाल बत्ती की कार में, जिले में भी घूमते हैं ऐसे कई संदिग्ध वाहन, जिन पर लिखे होते हैं बड़े पदनाम और लगी होती है लाल पट्टी। नहीं होती कोई रोक टोक। बच जाते हैं अपराधी।






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