पुलिस स्टेशन, जहां जाने से हर कोई कतराता है वहां जाना लोगों के लिए एक शगल बन जाए यह बात थोडा अजीब सी लगती है. लेकिन इस अजीब सी घटना के पीछे है दो बहनों की ऐसी दास्तान जिसे पढ़कर आप भी चौंक सकते हैं... 2008 में पुणे के 'बुंद गार्डन पुलिस स्टेशन' में सब-इंस्पेक्टर के तौर पर रोहिणी और मोहिनी सोनार की नियुक्ति हुई. ये दोनों पुलिस अधिकारी न सिर्फ एक ही मां-बाप की संतान हैं बल्कि, जुड़वां भी हैं और इनका प्रोफ़ाइल भी एक ही है. इनके पिता विजय दत्तात्रय सोनार भी मुंबई पुलिस में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं. दोनों बहनें महज पांच सेकेण्ड के अंतराल पर पैदा हुईं थीं. दोनों की लंबाई भी समान (159 सेमी)है. दोनों अंग्रेजी साहित्य में स्नातक हैं. इत्तेफाकों का दौर यहीं समाप्त नहीं होता. दोनों बहनों ने पुलिस की परीक्षा में भी एक साथ ही भाग लिया था और इन्हें मिलने वाले अंक भी लगभग समान ही थे. 2008 में जब इन दोनों बहनों को एक ही पुलिस स्टेशन पर तैनात किया गया तो उनके सहयोगियों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा. लेकिन इन दोनों बहनों की पोस्टिंग ने अचानक ही इस थाने को पिकनिक स्पॉट में तब्दील कर दिया. लोग सिर्फ इस जोड़ी की झलक पाने के लिए इस थाने के चक्कर लगाने लगे. दोनों बहनों ने एक ही विषय (अंग्रेजी साहित्य) में अपना स्नातक पूरा किया. पोस्ट ग्रैजुएशन के पहले साल में ही दोनों बहनें महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग की परीक्षा में शामिल हुईं और लगभग समान अंकों के साथ एग्जाम पास किया. 2005 में महाराष्ट्र पुलिस अकादमी में चुने जाने के बाद इन्हें ट्रेनिंग के लिए नाशिक भेजा गया जहां सितंबर 2007 में इनका प्रशिक्षण पूरा हुआ. इन दोनों बहनों ने एक ही पुलिस स्टेशन में पोस्टिंग के लिए अधिकारियों से विशेष अनुरोध किया. काफी प्रयास के बाद अधिकारी इस बात पर सहमत हुए और 2008 में दोनों बहनों की पोस्टिंग बंद गार्डन पुलिस स्टेशन में की गई. इनके पिता विजय दत्तात्रय सोनार को उनके सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक से नवाजा जा चुका है. इन्होने ही दोनों बहनों को पुलिस सेवा में शामिल होने के लिए प्रेरित किया. दोनों ने कॉलेज के दिनों में भी एनसीसी में बढ़-चढ़ कर भाग लिया. इस दौरान जहां मोहिनी ने नौसेना में सर्वोच्च प्रदर्शन किया वहीं रोहिणी ने एनसीसी की सेना विंग में टॉप किया.
मंगलवार, 9 अक्टूबर 2012
:एक पुलिस स्टेशन जहां जाने के लिए लगा लोगों का तांता
पुलिस स्टेशन, जहां जाने से हर कोई कतराता है वहां जाना लोगों के लिए एक शगल बन जाए यह बात थोडा अजीब सी लगती है. लेकिन इस अजीब सी घटना के पीछे है दो बहनों की ऐसी दास्तान जिसे पढ़कर आप भी चौंक सकते हैं... 2008 में पुणे के 'बुंद गार्डन पुलिस स्टेशन' में सब-इंस्पेक्टर के तौर पर रोहिणी और मोहिनी सोनार की नियुक्ति हुई. ये दोनों पुलिस अधिकारी न सिर्फ एक ही मां-बाप की संतान हैं बल्कि, जुड़वां भी हैं और इनका प्रोफ़ाइल भी एक ही है. इनके पिता विजय दत्तात्रय सोनार भी मुंबई पुलिस में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं. दोनों बहनें महज पांच सेकेण्ड के अंतराल पर पैदा हुईं थीं. दोनों की लंबाई भी समान (159 सेमी)है. दोनों अंग्रेजी साहित्य में स्नातक हैं. इत्तेफाकों का दौर यहीं समाप्त नहीं होता. दोनों बहनों ने पुलिस की परीक्षा में भी एक साथ ही भाग लिया था और इन्हें मिलने वाले अंक भी लगभग समान ही थे. 2008 में जब इन दोनों बहनों को एक ही पुलिस स्टेशन पर तैनात किया गया तो उनके सहयोगियों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा. लेकिन इन दोनों बहनों की पोस्टिंग ने अचानक ही इस थाने को पिकनिक स्पॉट में तब्दील कर दिया. लोग सिर्फ इस जोड़ी की झलक पाने के लिए इस थाने के चक्कर लगाने लगे. दोनों बहनों ने एक ही विषय (अंग्रेजी साहित्य) में अपना स्नातक पूरा किया. पोस्ट ग्रैजुएशन के पहले साल में ही दोनों बहनें महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग की परीक्षा में शामिल हुईं और लगभग समान अंकों के साथ एग्जाम पास किया. 2005 में महाराष्ट्र पुलिस अकादमी में चुने जाने के बाद इन्हें ट्रेनिंग के लिए नाशिक भेजा गया जहां सितंबर 2007 में इनका प्रशिक्षण पूरा हुआ. इन दोनों बहनों ने एक ही पुलिस स्टेशन में पोस्टिंग के लिए अधिकारियों से विशेष अनुरोध किया. काफी प्रयास के बाद अधिकारी इस बात पर सहमत हुए और 2008 में दोनों बहनों की पोस्टिंग बंद गार्डन पुलिस स्टेशन में की गई. इनके पिता विजय दत्तात्रय सोनार को उनके सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक से नवाजा जा चुका है. इन्होने ही दोनों बहनों को पुलिस सेवा में शामिल होने के लिए प्रेरित किया. दोनों ने कॉलेज के दिनों में भी एनसीसी में बढ़-चढ़ कर भाग लिया. इस दौरान जहां मोहिनी ने नौसेना में सर्वोच्च प्रदर्शन किया वहीं रोहिणी ने एनसीसी की सेना विंग में टॉप किया.
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very nice
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