अब गडकरी पर फटा "केजरीवाल बम"
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और केन्द्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के बाद केजरीवाल ने बुधवार को भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी की पोल खोली है। केजरीवाल ने कहा कि विदर्भ के किसानों की लाश पर गडकरी का बिजनस फला फूला है।
बांध की जमीन हथियाई
नागपुर के खुर्सापुर गांव में 1997 में बांध बना। इस बांध के लिए किसानों की जरूरत से ज्यादा जमीन अधिग्रहीत की गई। बांध बनने के बाद भी 36.5 एकड जमीन बच गई। यह जमीन नियमानुसार वापस लौटाई जानी थी। किसानों ने खाली बची जमीन वापस मांगी लेकिन सरकार ने जमीन किसानों को वापस नहीं लौटाई। यह जमीन गडकरी की संस्थाओं को मिली। सिंचाई विभाग की जमीन किसी निजी कंपनी को नहीं दी जा सकती। लेकिन 37 हेक्टेयर जमीन गडकरी और 11 हेक्टेयर जमीन जेम्स ऑफ इंडिया कंपनी को यह जमीन दे दी गई। जमीन के लिए गडकरी नले अजीत पवार को चिट्ठी लिखी थी। सरकार से ली गई 37 हेक्टेयर जमीन पर गडकरी फिलहाल खेती करवा रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि महज चार दिन में जमीन देने की कवायद पूरी हो गई।
बिजनसमैन या राजनेता
केजरीवाल ने सवाल उठाया कि गडकरी राजनेता है या बिजनसमैन? केजरीवाल ने नितीन गडकरी और शरद पवार के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया और कहा कि इन दोनों ने किसानों के नाम पर कमाई की है। केजरीवाल ने कहा कि गडकरी के पांच पावर प्लांट और तीन चीनी मिलें हैं। गडकरी ने न केवल किसानों की जमीन हथियाई बल्कि उनका पानी भी हड़प लिया। केजरीवाल ने कहा कि गडकरी की सरकार से सैंटिंग है। केरीवाल ने कहा कि महाराष्ट्र में 71 बांध बने,ये सब बांध नेताओं के लिए ही फायदेमंद हुए। बांध से सिंचाई के लिए नहरें बननी थी पर नहीं बनी। किसानों को पानी नहीं मिला। इन बांधों का पानी गडकरी के पावर प्लांटों को मिल रहा है। उधर, किसानों के घर तक जो पानी पहुंचता है वह पीने लायक नहीं होता।
देश को लूटने में लगे
केजरीवाल ने कटाक्ष करते हुए कहा कि लगता है सारे नेता एक ही परिवार के हैं, मिलकर देश को लूट रहे हैं। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि गडकरी को जमीन दिलाने में अजीत पवार का हाथ रहा है। पूरे महाराष्ट में यह कहानी दोहराई जा रही है। गडकरी का बिजनस बचाने के लिए भाजपा सिंचाई घोटाले में चुप्पी साधे रही। गडकरी ने भी अपना बिजनस बढ़ाने के लिए भाजपा का इस्तेमाल किया। वाड्रा पर आरोप लगते हैं तो शरद पवार बचाव में उतर आते हैं। गडकरी सिर्फ दिखावे के लिए कांग्रेस का विरोध करते हैं। जबकि सत्ताधारी पार्टी के साथ इनकी मिलीभगत रहती है। सारे नेता एक दूसरे से मिले हुए हैं। केजरीवाल ने यह भी कहा कि पार्टियों में कुछ अच्छे और ईमानदार कार्यकर्ता भी है पर बेईमान नेता उनकों आगे नहीं बढ़ने देते। ऎसे कार्यकर्ताओं से केजरीवाल ने बगावत करने का आह्वान किया।
गडकरी बोले,आरोप बेबुनियाद
उधर, गडकरी ने केजरीवाल के कई आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। गडकरी ने कहा कि जिस जमीन की बात केजरीवाल कर रहे हैं वह लीज पर ली गई है उस पर मेरा कोई हक नहीं। ऎसी जमीन कई चेरिटेबल संस्थाओं को मिली हुई है। जिस किसान द्वारा जमीन की मांग की बात केजरीवाल ने कही है उस बारे में बता दूं कि वह अब भी अपनी जमीन जोत रहा है। उसकी जमीन किसी ने नहीं ली।
गडकरी ने चुटकी लेते हुए कहा कि केजरीवाल बार बार मुझे सांसद कहकर संबोधित कर रहे थे, उन्हें यह भी नहीं मालूम कि मैं सांसद हूं या विधायक। मैं किसानों के कल्याण के लिए काम करता रहा हूं। केजरीवाल ने मुझे बिल्डर भी कहा, बता दूं कि मैने नो लॉस नो प्रोफिट की तर्ज पर बेघर असंगठित कामगारों को मकान बना कर दिए। मेरे पावर प्लांट होने की बात भी कही जा रही है। जबकि सच यह है कि पावर प्लांट शुगर फैक्ट्री का पार्ट है, अलग से मेरे पास ऎसे कोई प्लांट नहीं।
महाराष्ट्र में सिंचाई घोटाले पर चुप रहने के केजरीवाल के सवाल पर गडकरी ने कहा कि मैं महाराष्ट्र से हूं पर राष्ट्रीय पार्टी का अध्यक्ष भी हूं। राज्य स्तर पर अगर कोई मामला होता है तो उस पर टिप्पणी करने के लिए स्थानीय लेवल पर प्रवक्ता होते हैं। महाराष्ट्र के मामले में वहां पार्टी के प्रवक्ता ने बयान दे दिया है। आखिर में गडकरी ने इस तरह की कवायद को कांग्रेस पर विपक्ष के वोट बांटने की चाल करार दिया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए मुझ पर आरोप लगाए गए। मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूं।
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और केन्द्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के बाद केजरीवाल ने बुधवार को भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी की पोल खोली है। केजरीवाल ने कहा कि विदर्भ के किसानों की लाश पर गडकरी का बिजनस फला फूला है।
बांध की जमीन हथियाई
नागपुर के खुर्सापुर गांव में 1997 में बांध बना। इस बांध के लिए किसानों की जरूरत से ज्यादा जमीन अधिग्रहीत की गई। बांध बनने के बाद भी 36.5 एकड जमीन बच गई। यह जमीन नियमानुसार वापस लौटाई जानी थी। किसानों ने खाली बची जमीन वापस मांगी लेकिन सरकार ने जमीन किसानों को वापस नहीं लौटाई। यह जमीन गडकरी की संस्थाओं को मिली। सिंचाई विभाग की जमीन किसी निजी कंपनी को नहीं दी जा सकती। लेकिन 37 हेक्टेयर जमीन गडकरी और 11 हेक्टेयर जमीन जेम्स ऑफ इंडिया कंपनी को यह जमीन दे दी गई। जमीन के लिए गडकरी नले अजीत पवार को चिट्ठी लिखी थी। सरकार से ली गई 37 हेक्टेयर जमीन पर गडकरी फिलहाल खेती करवा रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि महज चार दिन में जमीन देने की कवायद पूरी हो गई।
बिजनसमैन या राजनेता
केजरीवाल ने सवाल उठाया कि गडकरी राजनेता है या बिजनसमैन? केजरीवाल ने नितीन गडकरी और शरद पवार के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया और कहा कि इन दोनों ने किसानों के नाम पर कमाई की है। केजरीवाल ने कहा कि गडकरी के पांच पावर प्लांट और तीन चीनी मिलें हैं। गडकरी ने न केवल किसानों की जमीन हथियाई बल्कि उनका पानी भी हड़प लिया। केजरीवाल ने कहा कि गडकरी की सरकार से सैंटिंग है। केरीवाल ने कहा कि महाराष्ट्र में 71 बांध बने,ये सब बांध नेताओं के लिए ही फायदेमंद हुए। बांध से सिंचाई के लिए नहरें बननी थी पर नहीं बनी। किसानों को पानी नहीं मिला। इन बांधों का पानी गडकरी के पावर प्लांटों को मिल रहा है। उधर, किसानों के घर तक जो पानी पहुंचता है वह पीने लायक नहीं होता।
देश को लूटने में लगे
केजरीवाल ने कटाक्ष करते हुए कहा कि लगता है सारे नेता एक ही परिवार के हैं, मिलकर देश को लूट रहे हैं। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि गडकरी को जमीन दिलाने में अजीत पवार का हाथ रहा है। पूरे महाराष्ट में यह कहानी दोहराई जा रही है। गडकरी का बिजनस बचाने के लिए भाजपा सिंचाई घोटाले में चुप्पी साधे रही। गडकरी ने भी अपना बिजनस बढ़ाने के लिए भाजपा का इस्तेमाल किया। वाड्रा पर आरोप लगते हैं तो शरद पवार बचाव में उतर आते हैं। गडकरी सिर्फ दिखावे के लिए कांग्रेस का विरोध करते हैं। जबकि सत्ताधारी पार्टी के साथ इनकी मिलीभगत रहती है। सारे नेता एक दूसरे से मिले हुए हैं। केजरीवाल ने यह भी कहा कि पार्टियों में कुछ अच्छे और ईमानदार कार्यकर्ता भी है पर बेईमान नेता उनकों आगे नहीं बढ़ने देते। ऎसे कार्यकर्ताओं से केजरीवाल ने बगावत करने का आह्वान किया।
गडकरी बोले,आरोप बेबुनियाद
उधर, गडकरी ने केजरीवाल के कई आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। गडकरी ने कहा कि जिस जमीन की बात केजरीवाल कर रहे हैं वह लीज पर ली गई है उस पर मेरा कोई हक नहीं। ऎसी जमीन कई चेरिटेबल संस्थाओं को मिली हुई है। जिस किसान द्वारा जमीन की मांग की बात केजरीवाल ने कही है उस बारे में बता दूं कि वह अब भी अपनी जमीन जोत रहा है। उसकी जमीन किसी ने नहीं ली।
गडकरी ने चुटकी लेते हुए कहा कि केजरीवाल बार बार मुझे सांसद कहकर संबोधित कर रहे थे, उन्हें यह भी नहीं मालूम कि मैं सांसद हूं या विधायक। मैं किसानों के कल्याण के लिए काम करता रहा हूं। केजरीवाल ने मुझे बिल्डर भी कहा, बता दूं कि मैने नो लॉस नो प्रोफिट की तर्ज पर बेघर असंगठित कामगारों को मकान बना कर दिए। मेरे पावर प्लांट होने की बात भी कही जा रही है। जबकि सच यह है कि पावर प्लांट शुगर फैक्ट्री का पार्ट है, अलग से मेरे पास ऎसे कोई प्लांट नहीं।
महाराष्ट्र में सिंचाई घोटाले पर चुप रहने के केजरीवाल के सवाल पर गडकरी ने कहा कि मैं महाराष्ट्र से हूं पर राष्ट्रीय पार्टी का अध्यक्ष भी हूं। राज्य स्तर पर अगर कोई मामला होता है तो उस पर टिप्पणी करने के लिए स्थानीय लेवल पर प्रवक्ता होते हैं। महाराष्ट्र के मामले में वहां पार्टी के प्रवक्ता ने बयान दे दिया है। आखिर में गडकरी ने इस तरह की कवायद को कांग्रेस पर विपक्ष के वोट बांटने की चाल करार दिया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए मुझ पर आरोप लगाए गए। मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूं।
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