गुरुवार, 4 अक्तूबर 2012

मां बोली, मुझे तो बस छुटकारा चाहिए था

मां बोली, मुझे तो बस छुटकारा चाहिए था
पाली। सिरियारी थाना क्षेत्र में जीवित हालत में मिली नन्ही जान का जन्म से पहले ही फेंक दिया जाना तय था। मां को इससे कोई सरोकार नहीं था कि बेटा होगा या बेटी। उसे तो बस छुटकारा चाहिए था। नवजात पुत्री को मरने के लिए फेंककर समाज में मां की विद्रूप परिभाषा देने वाली विवाहिता ने पुलिसिया पूछताछ में यह तथ्य उजागर किए। उसने बच्ची को अपनाने से इनकार कर दिया।

सोजतरोड थाना प्रभारी प्रदीप कुमार शर्मा की टीम बुधवार को भी उस नन्ही जान के प्रति चिंतित रही। दूरभाष पर बार-बार उसके स्वास्थ्य का हाल जाना, लेकिन सिरियारी पुलिस की तत्परता से पकड़ी गई आरोपी मां के मन में किसी तरह का क्षोभ नहीं दिखा।

सिरियारी थाने के एएसआई बुधाराम ने बताया कि पति से अलग रह रही इस विवाहिता ने अवैध संबंधों की करतूत छिपाने के लिए नवजात को मरने के लिए रास्ते पर ही फेंक दिया। पुलिस ने उसके विरूद्ध आईपीसी की धारा 317 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार महिला का मेडिकल करवाया। इसके सहयोगी मामा व मां को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

ली स्वास्थ्य की जानकारी
मंगलवार रात्रि मांडा गांव के समीप मिली नवजात का बुधवार को पाली अस्पताल में उपचार चला। जिला मुख्यालय पर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष सीताराम शर्मा, समिति सदस्य गुलबागसिंह खेड़ा, लक्ष्मण पालडिया, मोनू मेघवाल व कमला चौहान ने बच्ची के स्वास्थ्य की जानकारी ली और स्वस्थ होने पर बच्ची को उन्हें सौंपने की अपील की।

तीन पीढियां फेंक गई चौथी को
एक नवजात कन्या को उससे पहले की तीन पीढियां मरने के लिए चलती जीप से झाडियों में फेंक गई, लेकिन पुलिस का मानना है कि यह हत्या का प्रयास नहीं था। इससे सिरियारी थाना क्षेत्र के माण्डा गांव के समीप मासूम कन्या के घायल हालत में मिलने के मामले में पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस के अनुसार आरोपी मां ने अपने बयानों में स्वीकारा है कि माण्डा गांव के समीप मिली नवजात को उसने अपनी मां, नानी और मामा के साथ मिलकर चलती जीप से फेंक दिया था। इस प्रकरण में सिरियारी पुलिस ने तीन जनों के विरूद्ध आईपीसी की धारा 317 में मामला दर्ज किया है।

क्या कहती है धारा 317
इस धारा के अनुसार बारह वर्ष से कम उम्र के शिशु को उसके परिजन अथवा संरक्षक किसी स्थान पर अरक्षित डाल देता है तो उसे सात वर्ष के कारावास अथवा जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है।

चलती जीप से नवजात को फेंकना तो उसकी हत्या का प्रयास है। इस प्रकरण की गहनता से जांच की जाएगी और धारा में बदलाव के लिए विधि विशेषज्ञों से राय भी ली जाएगी। इस प्रकरण में जो भी आरोपी मां के सहयोगी है उनके विरूद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।
- प्रसन्न कुमार खमेसरा, कार्यवाहक एसपी, पाली

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