बुधवार, 17 अक्तूबर 2012

"मातृभूमि व संस्कृति की रक्षा हमारा फर्ज"

"मातृभूमि व संस्कृति की रक्षा हमारा फर्ज"
बालोतरा। मातृभूमि के लिए प्राणों की आहूुति देना इस मिट्टी में पैदा हुए हर शख्स की विशेषता है। जिसके ±दय मे सच्ची राष्ट्र भक्ति है। राष्ट्र की सीमाओं पर पहरा देने वाले व अपने प्राण न्यौछावर करने वाले जवानों की वजह से ही हम चैन की नींद सो पाते हैं। वीरगति को प्राप्त बीएसएफ के डिप्टी कमांडेट भंवरसिंह राठौड़ के 12वे शहीद दिवस पर मेवानगर के शहीद पार्क में आयोजित समारोह में पूर्व राजनियक किशनसिंह जसोल ने मुख्य अतिथि पद से यह बात कही। उन्होंने कहा कि शहीद भंवरसिंह राठौड़ महान शूरवीर थे।

मातृभूमि की रक्षा व संस्कृति की रक्षा प्रत्येक व्यक्ति का फर्ज है, लेकिन इस फर्ज को सुरक्षा बलों के हवाले कर हम अपने कर्तव्य की इतिश्री कर देते हैं, जो ठीक नहीं है। शहीद भंवरसिंह राठौड़ ने दुश्मनों से लोहा लेते हुए कश्मीर में अपने प्राणों की आहूति देकर क्षेत्र का नाम पूरे भारत में रोशन किया है। हम भी राष्ट्र रक्षा का संकल्प लें। विशिष्ट अतिथि पूर्व मंत्री अमराराम चौधरी ने कहा कि वह परिवार व समाज धन्य है, जिसमे भंवरसिंह राठौड़ जैसे बलिदानी का जन्म हुआ। नगरपालिका अध्यक्ष महेश बी. चौहान ने शहीद भंवरसिंह को नमन करते हुए कहा कि राष्ट्र को ऎसे बलिदानी वीर सपूतों की जरूरत है।

पचपदरा तहसीलदार विवेक व्यास ने कहा कि जब-जब भारत की सीमाओं पर संकट के बादल मंडराते है। तब-तब शहीद भंवरसिंह जैसे रणबांकुरे अपने प्राणों की आहूति देते है। पूर्व सरपंच भंवर भंसाली ने अपने बचपन के सहपाठी व साथी शहीद भंवरसिंह के जीवन स्मरण सुनाए।

नायब तहसीलदार दलपतसिंह राठौड़ ने भी विचार रखे। कार्यक्रम को सिणली महंत शंकरभारती, वरिया ढाणा महंत नारायणभारती महाराज व नायब तहसीलदार जसोल दलपतसिंह जसोल ने भी विचार रखे। कार्यक्रम की शुरूआत में मौजूद सभी प्रबुद्धजनों ने शहीद भंवरसिंह राठौड़ की प्रतिमा पर पुष्पहार चढ़ाकर श्रद्धाजंलि अर्पित की। शहीद भंवरसिंह राठौड़ के पुत्र देवीसिंह सहित शहीद के भाई मूलसिंह, आम्बसिंह, नारायणसिंह, भवानीसिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। संचालन श्री क्षत्रिय युवक संघ के प्रांतीय प्रवक्ता चंदनसिंह चांदेसरा ने व पूर्व उप प्रधान श्यामसिंह मेवानगर ने आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर विभिन्न गांवों से बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

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